New Update
/sootr/media/media_files/2025/01/07/cWF6MqIOWXa8oMReuXXr.jpg)
00:00
/ 00:00
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी) एक नया वायरस नहीं है, बल्कि दशकों से सर्दियों के दौरान कई देशों में पाया जाता है। यह श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है और निमोनिया जैसी स्थिति उत्पन्न कर सकता है। चीन में हाल ही में इसके बढ़ने को लेकर चिंता जताई जा रही है, लेकिन भारत में यह वायरस पहले से ही मौजूद है।
यह वायरस आमतौर पर 24 महीने तक के बच्चों और बुजुर्गों को प्रभावित करता है। इसके मुख्य लक्षण सर्दी, खांसी और बुखार होते हैं। हालांकि, यह आमतौर पर खतरनाक नहीं होता, और संक्रमित होने के बाद कई लोग इसका पता भी नहीं लगा पाते।
चीन से भारत पहुंचा HMPV वायरस, 8 महीने की बच्ची में मिला संक्रमण
चीन में एचएमपीवी के मामलों में वृद्धि के कारण इसे लेकर सतर्कता बढ़ाई गई है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि इस वायरस के कारण भारत में कोई गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस आमतौर पर सांस की नली में ही फैलता है, जिससे इसके तेजी से फैलने की संभावना कम होती है।
भारत में 2005 से 2007 के बीच एम्स में 662 मामलों में से 21 लोगों में एचएमपीवी संक्रमण पाया गया था। यह दर्शाता है कि हर साल भारत में लगभग 4% लोग इस वायरस से संक्रमित होते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, देश में एचएमपीवी से संक्रमित लोगों की वर्तमान में संख्या 7 है।
इन 10 खाद्य पदार्थों में है प्लास्टिक, जानें स्वास्थ्य पर कितना असर
यह महत्वपूर्ण है कि सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों से घबराएं नहीं। एचएमपीवी का मतलब कोरोना वायरस नहीं है। अगर किसी को सर्दी, खांसी या बुखार हो तो यह एचएमपीवी संक्रमण हो सकता है, लेकिन इसे लेकर डरने की जरूरत नहीं है।