BHOPAL. भारत में 56% बीमारियां अनहेल्दी डाइट के कारण होती है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ( ICMR ) ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट में यह खुलासा किया है। ICMR ने जरूरी पोषक तत्वों की जरूरतों को पूरा करने व मोटापा और मधुमेह जैसे रोगों (NCDs) को रोकने के लिए 17 आहार दिशानिर्देश ( 17 dietary guidelines ) जारी किए हैं।
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अनहेल्दी डाइट का बच्चों पर असर
गाइडलाइंस तैयार करने वाली समिति की अध्यक्ष, एनआईएन निदेशक डॉ. हेमलता आर ने कहा कि बच्चों को लेकर रिसर्च में चौंकाने वाले आंकड़े आए हैं। उन्होंने बताया कि बच्चों का एक बड़ा हिस्सा खराब पोषण की स्थिति से पीड़ित है। इसके साथ ही, अधिक वजन और मोटापा भी बढ़ रहा है, जिससे कुपोषण का दोहरा बोझ पैदा हो रहा। कुपोषण और मोटापा दोनों एक ही समुदाय और घरों में नजर आ रहे हैं। अनुमान बताते हैं कि भारत में बीमारी को लेकर 56.4 फीसदी अनहेल्थी डाइट ही प्रमुख वजह है। स्वस्थ आहार और शारीरिक गतिविधि कोरोनरी हृदय की बीमारी और हाई ब्लड प्रेशर के अनुपात को कम कर सकती है।
गाइडलाइंस में मोटापे पर सुझाव
NIN ने नमक का सेवन सीमित करने, ऑयल और फैट का कम मात्रा में उपयोग करने, प्रॉपर एक्सरसाइज करने, चीनी और अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाने की चीजों को कम करने की गुजारिश की है। इसने मोटापे को रोकने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइट अपनाने और फूड लेबल्स पढ़कर जानकारी हासिल करने और स्वस्थ भोजन विकल्प चुनने का भी सुझाव दिया।
कम तेल, चीनी, प्रोटीन सप्लीमेंट से बचें
आईसीएमआर की रिपोर्ट ने पहली बार पैकेज्ड फूड लेबल की व्याख्या के लिए भी दिशा-निर्देश जारी किए। इसमें खाना पकाने के तेल का इस्तेमाल कम करना बेहद अहम है। वैसे भी नट्स, तिलहन और सी-फूड्स के माध्यम से जरूरी फैटी एसिड मिल जाता है। अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों को लेकर भी गाइडलाइंस दिए गए हैं।
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गर्भवती महिला के लिए भोजन
गर्भावस्था के दौरान महिला को सुबह छह बजे 150 एमएल दूध का सेवन जरूरी है, जिससे करीब 110 कैलोरी प्राप्त होगी। सुबह आठ बजे नाश्ता, जिसमें साबुत अनाज 60 ग्राम, 75 ग्राम सब्जी, 20 ग्राम दाल, 20 ग्राम मेवा और पांच ग्राम तेल होना चाहिए। दोपहर एक बजे भोजन में चावल या फुल्का (100 ग्राम), दाल (30 ग्राम), दही, फल का सेवन करना चाहिए। शाम चार बजे मेवा और 50 मिली दूध काफी है। रात आठ बजे भोजन में चावल या फुल्का (60 ग्राम), लाल चना या चना (25 ग्राम), तेल 10 ग्राम और 50 ग्राम फल का सेवन जरूरी है। यह दिनचर्या स्वस्थ शिशु के जन्म की संभावना को कई गुना बढ़ा देती है।
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डाइट में क्या करें फॉलो?
आईसीएमआर ( ICMR ) के तहत कार्यरत राष्ट्रीय पोषण संस्थान ( NIN ) ने रिपोर्ट में कहा कि सेहतमंद रहने के लिए एक व्यक्ति को दिनभर में 1,200 ग्राम भोजन जरूरी है, इससे उसे 2,000 कैलोरी प्राप्त होती है। थाली में 100 ग्राम फल, 400 ग्राम हरी सब्जी, 300 मिली दूध या दही, 85 ग्राम दाल या अंडा, 35 ग्राम मेवा-बीज और 250 ग्राम अनाज का सेवन काफी है। दिनभर में 27 ग्राम से ज्यादा चिकनाई लेना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। मांसाहारी खाने में दिनभर में अधिकतम 70 ग्राम चिकन या मीट पर्याप्त है।