Weather Report : 2025 के लिए IMD का मानसून अपडेट, इस साल सामान्य से अधिक बारिश

IMD ने 2025 के मानसून का अनुमान जारी किया, जिसमें सामान्य से बेहतर बारिश की संभावना है। यह किसानों के लिए राहत की खबर है, और अल नीनो का खतरा नहीं है।

author-image
Jitendra Shrivastava
New Update
the sootr

imd-monsoon Photograph: (the sootr)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

weather report: भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने मंगलवार को अपने मानसून अपडेट में कहा कि इस साल मानसून सामान्य से बेहतर रहेगा। 2025 के मानसून सीजन (June to September) में 105% बारिश की उम्मीद है, जो सामान्य से बेहतर है। IMD के प्रमुख मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि 4 महीने के मानसून सीजन में 87 सेंटीमीटर बारिश हो सकती है, जो आम तौर पर 86.86 सेंटीमीटर होती है। 

इस बार मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मराठवाड़ा और तेलंगाना जैसे क्षेत्रों में सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान है। वहीं, बिहार, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, तमिलनाडु और कुछ पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश कम हो सकती है। 

अल नीनो का खतरा नहीं

IMD ने यह भी बताया कि इस साल अल नीनो (El Nino) की स्थिति नहीं बनेगी। अल नीनो एक जलवायु पैटर्न है, जो समुद्र के तापमान को 3 से 4 डिग्री तक बढ़ा देता है, और इसके कारण मानसून कमजोर हो जाता है। अल नीनो के कारण देश में आमतौर पर सूखा पड़ता है, लेकिन इस बार इसकी संभावना नहीं है, जो कृषि और जलवायु के लिहाज से अच्छी खबर है। 

ये खबरें भी पढ़ें...

नेशनल हेराल्ड केस: ED ने की पहली चार्जशीट दाखिल, सोनिया-राहुल गांधी और पित्रोदा के नाम

वैज्ञानिक ने लगाया विधवा बहू के रिटायर्ड पुलिस अफसर पिता पर प्रताड़ित करने का आरोप

मानसून का खेती और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

भारत में कृषि क्षेत्र का अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है, जहां लगभग 52% कृषि भूमि मानसून पर निर्भर करती है। इस वर्ष का सामान्य से बेहतर मानसून किसानों के लिए राहत की खबर है, क्योंकि अच्छे मानसून से फसलें अच्छी होती हैं और देश की खाद्य आपूर्ति को बनाए रखने में मदद मिलती है। 

इसके अलावा, कृषि क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था में करीब 20% का योगदान करता है, और आधी आबादी कृषि कार्यों से जुड़ी हुई है। अच्छे मानसून का मतलब है कि किसान फसल की बेहतर पैदावार से अपनी आय बढ़ा सकते हैं, जिससे उनकी खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी और यह समग्र अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाएगा। 

ये खबरें भी पढ़ें...

पीड़िता का सीना दबाया, फिर भी दुष्कर्म नहीं?’ सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को बताया शर्मनाक

अयोध्या राम मंदिर में RDX धमाके की धमकी, मंदिर ट्रस्ट को मिला ईमेल, बढ़ाई सुरक्षा

पिछले 5 सालों का IMD का मानसून अनुमान

2020 से 2024 तक के पांच वर्षों में IMD और स्काईमेट के मानसून अनुमान में कुछ भिन्नताएं रही हैं, हालांकि दोनों संस्थाओं के अनुमान में आमतौर पर समानताएं रही हैं। उदाहरण के लिए, 2024 में IMD ने 106% बारिश का अनुमान जताया था, जबकि स्काईमेट ने 102% बारिश की संभावना जताई थी, और इस वर्ष देश में बारिश का आंकड़ा 108% रहा।

मानसून के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य

  1. मानसून का आरंभ: मानसून हर साल 1 जून के आसपास केरल में प्रवेश करता है।
  2. मानसून की वापसी: मानसून का उत्तरार्द्ध 25 सितंबर के आसपास राजस्थान से वापस जाता है।
  3. कृषि पर असर: भारत में लगभग 70-80% किसान अपनी फसलों की सिंचाई के लिए मानसून पर निर्भर हैं, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है।

मौसम रिपोर्ट | मध्यप्रदेश मानसून अपडेट | IMD Forecast | देश दुनिया न्यूज

मानसून देश दुनिया न्यूज IMD Forecast IMD मध्यप्रदेश मानसून अपडेट अल नीनो मौसम रिपोर्ट weather report