जापान को पछाड़ दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना भारत, नीति आयोग ने दी जानकारी

भारत ने जापान को पीछे छोड़कर विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का गौरव हासिल किया है। नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने इस सफलता की पुष्टि की है, जो भारत की आर्थिक मजबूती और विकास को दर्शाती है।

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Manya Jain
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INDIA BECOME 4TH LARGEST ECONOMY OF WORLD
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भारत ने आर्थिक क्षेत्र में एक नया इतिहास रचा है और विश्व की चौथी सबसे बड़ी इकॉनमी बनने का गौरव हासिल किया है। नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने एक कार्यक्रम में इस बड़ी खबर की पुष्टि की है। 

उन्होंने कहा कि भारत ने जापान को पीछे छोड़कर यह स्थान हासिल किया है और अब भारत अमेरिका, चीन और जर्मनी के बाद चौथे स्थान पर है। यह उपलब्धि भारत की मजबूत आर्थिक स्थिति और विकास का स्पष्ट संकेत है।

📈 आर्थिक मजबूती और वैश्विक स्थिति

नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए बीवीआर सुब्रमण्यन ने कहा कि भारत की आर्थिक स्थिति इस समय काफी मजबूत है। आईएमएफ के आंकड़ों के अनुसार, भारत की इकॉनमी अब लगभग 4 ट्रिलियन डॉलर (4,000 बिलियन डॉलर) की है।

सुब्रमण्यन ने यह भी कहा कि अगर भारत अपनी नीतियों और योजनाओं पर काम करना जारी रखता है तो वह अगले 2.5 से 3 साल में जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरे स्थान पर पहुंच सकता है।

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भारत की वृद्धि पर अमेरिका के टैरिफ कोई असर नहीं

भारत ने यह बड़ी उपलब्धि ऐसे समय हासिल की है जब वह अमेरिका के साथ टैरिफ युद्ध और अंतरराष्ट्रीय तनाव जैसी कई चुनौतियों का सामना कर रहा था।

नीति आयोग के सीईओ ने स्पष्ट किया कि अमेरिका के साथ टैरिफ युद्ध या पड़ोसी देशों के साथ बढ़ते तनाव का भारत की आर्थिक वृद्धि पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा है। भारत ने अपनी विकास गति बरकरार रखी है तथा विनिर्माण क्षेत्र में भी अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है।

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विनिर्माण में भारत की बढ़ती भूमिका

भारत को विनिर्माण के लिए उपयुक्त एवं किफायती स्थान माना जा रहा है। एप्पल जैसी बड़ी कंपनियां भारत को अपनी उत्पादन योजनाओं में शामिल करने पर विचार कर रही हैं।

अमेरिका में आईफोन निर्माण पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि टैरिफ को लेकर अभी भी अनिश्चितता है, लेकिन भारत एक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में महत्वपूर्ण बन रहा है।

इसके अलावा, अगस्त में एसेट मॉनेटाईजेशन के दूसरे चरण की घोषणा होने जा रही है, जो आर्थिक विकास में मददगार साबित होगा।

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6.8% तक पहुंच सकती है जीडीपी वृद्धि दर

वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.8% तक पहुंच सकती है। केयरएज रेटिंग्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस वृद्धि के पीछे का कारण कृषि, होटल, परिवहन और निर्माण जैसे क्षेत्रों का अच्छा प्रदर्शन है।

खास बात यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में खरीदारी का स्तर बढ़ा है, जिससे देश की खपत बढ़ी है। शहरी क्षेत्रों में मिश्रित खरीदारी भावना के बावजूद, समग्र आर्थिक स्थिति मजबूत बनी हुई है।

भारत की यह उपलब्धि महज एक संख्या नहीं बल्कि देश की आर्थिक प्रगति और विकास की कहानी है। वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत लगातार विकास के पथ पर अग्रसर है। साथ ही आने वाले वर्षों में यह स्थिति और मजबूत होने की उम्मीद है। 

सरकारी नीतियों, उद्योग की ताकत और अपने नागरिकों की कड़ी मेहनत से भारत वैश्विक आर्थिक मंच पर नया स्थान स्थापित कर रहा है।

क्या होते हैं पैरामीटर्स

  • जीडीपी (GDP) का आकार – देश की कुल आर्थिक उत्पाद क्षमता।
  • प्रति व्यक्ति आय (Per Capita Income) – हर नागरिक की औसत आय।
  • निर्यात-आयात संतुलन (Trade Balance) – देश का विदेशी व्यापार का मापदंड।
  • मौद्रिक स्थिरता (Monetary Stability) – मुद्रा का मूल्य स्थिर और नियंत्रण में होना।
  • वित्तीय संसाधन और निवेश (Financial Resources & Investment) – आर्थिक विकास के लिए पूंजी और निवेश का स्तर।

5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी क्या होती है?

विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थ व्यवस्था बनने के बाद भारत सरकार ने देश को 5 ट्रिलियन इकॉनमी बनाने की बात कही है। आइए 5 पॉइंट्स में जानते हैं कि क्या है होती है 5  ट्रिलियन इकॉनमी ?

  • देश की कुल वार्षिक उत्पादन: एक देश की आर्थिक गतिविधियों का कुल मूल्य जो एक वित्तीय वर्ष में होता है।

  • विश्व स्तर पर आर्थिक ताकत: 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी होने का मतलब देश की बड़ी आर्थिक शक्ति होना।

  • व्यापार और निवेश बढ़ना: इससे विदेशी निवेश और व्यापार दोनों में वृद्धि होती है।

  • रोजगार के अवसर बढ़ते हैं: अधिक उद्योग और व्यवसाय खुलते हैं, जिससे रोजगार मिलता है।

  • जीवन स्तर में सुधार: आय बढ़ने से लोगों की जीवन गुणवत्ता बेहतर होती है।

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