लद्दाख में पीछे हटने लगी भारत-चीन की सेनाएं, जल्द शुरू होगी पेट्रोलिंग

भारत और चीन के बीच हुए समझौते के बाद दोनों देशों की सेनाएं पूर्वी लद्दाख में पीछे हटना शुरू हो गई हैं। दोनों सेनाओं ने अपने अस्थाई टेंट और शेड हटाना शुरू कर दिए हैं। समझौते के मुताबिक दोनों देशों की इलाकों में पेट्रोलिंग कर सकेंगी।

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Vikram Jain
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India-China army agreement regarding patrolling on Eastern Ladakh LAC
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भारत-चीन के बीच सीमा पर जारी तनाव अब खत्म होता दिख रहा है। भारत और चीन के बीच हुए समझौते के बाद पूर्वी लद्दाख से अच्छी तस्वीर सामने आई है। पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटने लगी हैं। देपसांग और डेमचॉक में सेना अधिकारियों की बैठक में दोनों देशों के बीच सहमति बनी और अब भारत और चीन के सैनिकों की वापसी शुरू हो गई है। डेमचॉक में बड़ा बदलाव देने को मिला यहां दोनों तरफ से अब तक पांच टेंट हटा लिए गए हैं। गुरुवार को कुछ टेंपरेरी स्ट्रक्चर को तोड़ा गया हैं। दोनों ने अपने अस्थायी टेंट और शेड हटाना शुरू किया है।

दोनों तरफ से टेंट और शेड हटाना शुरू

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 4 दिन पहले भारत और चीन के बीच हुए समझौते के बाद पूर्वी लद्दाख सीमा पर दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटना शुरू हो गई हैं। 24 अक्टूबर गुरुवार की रात तक लगभग आधे टेंट हटाए जा चुके हैं। दोनों ने अपने अस्थायी टेंट और शेड हटाना शुरू किया है। भारतीय सेना और चीनी सेना की ओर से टेंपरेरी स्ट्रक्चर और बेस हटा दिए गए हैं। डेमचॉक में चार्डिंग नाला के पश्चिमी हिस्से में भारतीय सैनिक पीछे हट रहे हैं। चीन की सेना नाला के पूर्वी भाग वापसी कर रही है। सेना के वाहन और मिलिट्री उपकरण भी पीछे ले जाए जा रहे हैं।

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भारत और चीन के बीच नया समझौता

2020 में गलवान झड़प के बाद से भारत-चीन के सैनिकों के बीच देपसांग और डेमचोक में तनाव बना हुआ था। इस झड़प के करीब 4 साल बाद 21 अक्टूबर को भारत और चीन के बीच नया समझौता हुआ है। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया था कि इस समझौते का मकसद लद्दाख में गलवान जैसी झड़प को रोकना और हालात पहले जैसे बनाना है।

देपसांग और डेमचॉक में पेट्रोलिंग कर सकेंगी सेनाएं

रिपोर्ट के अनुसार इस समझौते में देपसांग में आने वाले 4 पॉइंट्स को लेकर सहमति बनी है। लेकिन डेमचॉक के गलवान घाटी और गोगरा हॉट स्प्रिंग्स में गश्त को लेकर कुछ स्पष्ट नहीं हुआ है। इस समझौते के मुताबिक पीछे हटने के बाद दोनों देशों की सेनाएं देपसांग और डेमचॉक क्षेत्रों में पेट्रोलिंग कर सकेंगी। यह पेट्रोलिंग 10 दिन के बाद शुरू हो सकती है। पेट्रोलिंग को लेकर 2 शर्तें तय की गई हैं। पहली यह कि इन इलाकों में दोनों देशों की सेनाएं अलग-अलग दिन पेट्रोलिंग करेंगी। दूसरी यह कि दोनों देशों की सेनाओं को एक-दूसरे को पहले से सूचना देना होगा।

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सैन्य कमांडरों के बीच हॉटलाइन वार्ता

चीन और भारत के सैन्य कमांडरों के बीच हॉटलाइन वार्ता में पीछे हटने की प्रक्रिया को लेकर चर्चा हुई। इसके बाद पूरे स्थान की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई। इसमें वार्ता में डेमचोक और देपसांग में शांति और सौहार्द बनाए रखने पर जोर दिया गया। बताया गया है कि सभी टेंट और अस्थायी ढांचे को हटाए जाने के बाद दोनों देशों ने संयुक्त सत्यापन प्रक्रिया शुरू करेंगे। जमीन पर और हवाई सर्वेक्षण दोनों के माध्यम से सत्यापन किया जाएगा। दोनों जल्द ही डेमचॉक और देपसांग में फिजिकल वेरिफिकेशन और हवाई रिकॉर्डिंग कर सकते हैं। ये प्रक्रिया पूरी होने के बाद अगले 4-5 दिनों में देपसांग और डेमचॉक में पेट्रोलिंग शुरू होने की उम्मीद है।

गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों में खूनी झड़प

बता दें कि गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ था। 15 जून 2020 को लद्दाख की गलवान घाटी में भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई खूनी झड़प हुई थी। गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे। बाद में भारतीय सेना ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया था। जिसमें 60 चीन के सैनिक मारे गए थे। दरअसल, ईस्टर्न लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों में चीन ने एक्सरसाइज के बहाने सैनिकों को जमा किया था। इसके बाद घुसपैठ की घटनाएं हुई थीं। इसके बाद भारत सरकार ने भी इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में सैनिक तैनात किए थे।

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