NEW DELHI: क्या भारत अब रूस की खुफिया एजेंसी केजीबी ( KGB ) और इजराइल की मोसाद ( mossad) के नक्शे-कदम पर चलते हुए विदेश में ही अपने दुश्मनों ( enemy ) का खात्मा कर रहा है। क्या भारत ने यह कदम इसलिए उठाया है कि इस तरह की टारगेट किलिंग ( target killing) से दुश्मनों से तो छुटकारा मिलता ही है, साथ ही देश के खिलाफ काम करने वालों को एक खतरनाक संदेश भी पहुंच जाता है। नामी ब्रिटिश अखबार गार्जियन ( Guardian ) की मानें तो भारत अब यही रणनीति अपना रहा है। अखबार ने अपने दावे की पुष्टि के लिए पुख्ता सबूत भी दिए हैं। लेकिन भारत ने इन दावों का खंडन कर दिया है। वैसे अमेरिका और कनाडा भी आरोप लगा चुके हैं कि भारत उनके देश में ऐसे एक्शन कर रहा है।
क्या कहा ब्रिटिश अखबार गार्जियन ने
भारत को लेकर गार्जियन ने एक बेहद ही चौंकाने वाली रिपोर्ट प्रकाशित की है और दावा किया है कि रिपोर्ट को तैयार करने में भारतीय व पाकिस्तान के खुफिया अफसरों से जानकारी ली गई है। इसके लिए दोनों देशों के खुफिया अफसरों के साथ इंटरव्यू के अलावा पाक की ओर से की गई जांच की रिपोर्ट भी शामिल है। अखबार के अनुसार भारत की खुफिया एजेंसी रॉ (रिसर्च एंड एलालिसिस विंग) ने वर्ष 2029 में पुलवामा में आतंकी घटना के बाद देश की सुरक्षा को लेकर साहसी दृष्टिकोण अपनाया और विदेशों में बैठकर भारत को विचलित करने वाले दुश्मनों को खत्म करने की कार्रवाई शुरू की। अखबार का यह भी कहना है कि भारत के प्रधानमंत्री द्वारा सीधे तौर पर कंट्रोल रॉ को इस एक्शन के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का स्पष्ट समर्थन और निर्देश हासिल था।
पाकिस्तान में 20 दुश्मनों की हत्याएं की गईं
रिपोर्ट में कहा गया है कि इसी रणनीति के तहत भारत सरकार ने पाकिस्तान में दुश्मनो की हत्या करने का निर्देश जारी किया। इसके लिए एक व्यापक रणनीति पर अमल करते हुए पाकिस्तान में सीक्रेट ऑपरेशन चलाया गया। अखबार ने खुफिया अफसरों के हवाले से जानकारी दी है कि पाकिस्तान में साल 2020 से लेकर अभी तक 20 दुश्मनों को निपटाया जा चुका है। कहा जा रहा है कि पाकिस्तान के खिलाफ भारत की यह ताबडतोड़ कार्रवाई है। वैसे तो जब ये हत्याएं हुई थीं, तब ही रॉ पर परोक्ष रूप से आरोप लगाए गए थे। लेकिन अखबार यह दावा करता है कि ऐसा पहली बार हुआ है, जब इन हत्याओं को लेकर भारत के खुफिया अफसरों से ऐसे अभियानों पर चर्चा की गई।
पड़ोसी देश ने पुख्ता सबूत पेश किए है
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान की दो अलग-अलग खुफिया एजेंसियों के आला अफसरों ने भारत द्वारा उनके देश में की जा रही हत्याओं की पुष्टि की है उन्होंने सात मामलों का जिक्र किया और बताया कि इन हत्याओं में भारत की संलिप्तता की पुष्टि के लिए लोगों से पूछताछ, गिरफ्तारी, वित्तीय जानकारी, व्हाट्सएप संदेश पासपोर्ट और अन्य जानकारी शामिल है। इन जानकारी से यह उभरकर आया कि ऐसी हत्याओं के लिए पाकिस्तान में भारतीय जासूसों ने अभियान चलाए। यह भी कहा कि साल 2023 के बाद टारगेट किलिंग में बढ़ोतरी हुई। इस दौरान 15 लोगों की संदिग्ध हत्या की गई, क्योंकि उन्हें अज्ञात शूटरों ने करीब से गोली मारी थी।
दावा: यूएई से हत्याओं को अंजाम दे रहा है भारत
दुश्मनों की हत्याओं को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से अंजाम दिया जा रहा है। यानि भानत ने इन हत्याओं के लिए रणनीति वहां बनाई। अखबार को पाकिस्तानी अफसरों ने जानकारी दी है कि अमीरात से ऑपरेट होने वाले भारत के स्लीपर सेल ने पाकिस्तान में लोकल अपराधियों या गरीबों को इन हत्याओं के लिए बरगलाया और उन्हें लाखों रुपये का लालच देकर हत्याएं करवाने की योजनाओं को पूरा किया। दावा तो यह भी किया गया है कि इन हत्याओं के लिए भारतीय खुफिया अफसरों ने जिहादियों तक की सेवाएं ली हैं। इसी योजना के तहत खालिस्तानी आंदोलन से जुड़े अलगाववादियों को भी पाकिस्तान व अन्य देशों में मारने की योजनाएं बनाई गईं।
दो देशों की नामी खुफिया एजंसियों से प्रेरणा ली
रिपोर्ट में बताया गया है कि जब पुलवामा में पाक आतंकियों ने बम विस्फोट में 40 सुरक्षा बलों की हत्या की, उसके बाद भारत ने इस तरह की हत्याओं को अंजाम देने के लिए कवायद शुरू की। एक भारतीय अधिकारी के अनुसार दुश्मन के हमले से पहले ही उसे ढेर करने की प्रेरणा उन्हें रूस की खुफिया एजेंसी केजीबी और इसराइल की एजेंसी मोसाद से मिली। ये एजेंसियां विदेश में ही अपने दुश्मनों को मारने में माहिर हैं। इसके बाद पीएमओ ने गंभीर विचार-विमर्श किया और ऐसे दुश्मनों को टारगेट करने का ऑपरेशन चलाने का निर्णय लिया गया, जो भारत की संप्रभुता को नुकसान पहुंचा सकते थे। भारत ने इस एक्शन को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बेहद ही साहसी दृष्टिकोण माना और विदेश में बैठे भारतीय दुश्मनों का सफाया शुरू हो गया।
अमेरिका-कनाडा के भी आरोप और भारत का खंडन
गौरतलब है कि टारगेट किलिंग को लेकर अमेरिका व कनाडा ने भी भारत पर आरोप लगाए थे। कनाडा ने एक सिख अलगाववादी व अन्य लोगों की हत्या और अमेरिका ने भी अपने देश में कथित सिख अलगाववाद की हत्या का प्रयास करने का आरोप लगाया था। लेकिन भारत लगातार ऐसे आरोपों का खंडन करता रहा है। अब गार्जियन की इस रिपोर्ट और दावे को भी झूठा व दुर्भावनापूर्ण बताते हुए इसे भारत विरोधी प्रचार का एक हिस्सा बताया है। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर पिछले खंडनों का हवाल देते हुए कहा कि ऐसी हत्याओं में भारत का कोई रोल नहीं है और न ही भारत हिंसा में विश्वास करता हे।
इन समाचारों को भी पढ़ें:-
कांग्रेस के घोषणापत्र में खुलेगा वादों का पिटारा
CBSE ने इन दो क्लास की परीक्षाओं का फार्मेट बदला
सरकारी ऑफिसों में पहनावे को लेकरि कौन से दिशा-निदेर्श जारी हुए