क्या 2025 में फिर से 1941 जैसी घटनाएँ होंगी? हू-ब-हू वर्ष 1941 की ही तरह है 2025 का कैलेंडर

साल 2025 और साल 1941 में कई समानताएं हैं, विशेष रूप से घटनाओं के संदर्भ में। साल 2025 का कैलेंडर हूबहू 1941 के कैलेंडर से मेल खाता है। यह कोई सामान्य मेल नहीं है, बल्कि यह खास तथ्य है कि दोनों साल एक ही दिन से शुरू हुए थे

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Identical calendars of 1941 and 2025
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भारत में साल 2025 कई बड़ी घटनाओं से घिरा रहा है, जिनमें कुंभ भगदड़, पहलगाम आतंकवादी हमला, ऑपरेशन सिंदूर, और हाल ही में अहमदाबाद विमान दुर्घटना जैसी घटनाएं प्रमुख रही हैं। इन घटनाओं ने न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में चर्चा का विषय बना लिया है। हालांकि, इन घटनाओं के बीच एक और दिलचस्प बात उभर रही है।

सोशल मीडिया पर एक दावा तेजी से फैल रहा है कि साल 2025 और साल 1941 में कई समानताएं हैं, विशेष रूप से घटनाओं के संदर्भ में। साल 2025 का कैलेंडर हूबहू 1941 के कैलेंडर से मेल खाता है। यह कोई सामान्य मेल नहीं है, बल्कि यह खास तथ्य है कि दोनों साल एक ही दिन से शुरू हुए थे—बुधवार से। इसके साथ ही, दोनों ही वर्ष लीप ईयर नहीं हैं, और दोनों में हर तारीख उसी सप्ताह के दिन पड़ती है, जैसा कि 1941 में था। यह पूरी तरह से ग्रेगोरियन कैलेंडर पर आधारित है, जो इसे और भी दिलचस्प बनाता है।

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साल 1941 और 2025 के बीच समानताएं

1941 में, जब दुनिया दूसरे विश्व युद्ध की विभीषिका से गुजर रही थी, उसी समय कुछ महत्वपूर्ण घटनाएं घटी थीं। 27 मई 1941 को ब्रिटिश नौसेना ने  जर्मन युद्धपोत 'बिस्मार्क' को मार दिया गया, जिसमें कई सैनिक मारे गए थे। हाल ही में अहमदाबाद में हुए विमान दुर्घटना को इस घटना से जोड़कर देखा जा रहा है। इसके अतिरिक्त, 26 जुलाई 1941 को राष्ट्रपति फ्रैंकलिन रूजवेल्ट ने जापानी कब्जे के प्रतिशोध में फ्रांसीसी इंडो-चाइना पर जापान के कब्जे के खिलाफ अमेरिकी संपत्तियों को जब्त कर लिया था।वहीं, इस साल दुनिया ने रूस-यूक्रेन संघर्ष, भारत-पाकिस्तान के बीच चार दिवसीय सैन्य संघर्ष, और इजरायल-हामास संघर्ष जैसे युद्ध देखे। इसके अलावा, भारत में भी कई बड़ी घटनाएं घटीं। महाकुंभ भगदड़, दिल्ली भगदड़, गुजरात की पटाखा फैक्ट्री में आग, पहलगाम आतंकी हमला, और अहमदाबाद विमान दुर्घटना जैसी घटनाएं हुईं, जिनका असर व्यापक था। इन घटनाओं को देखते हुए, कुछ लोग साल 1941 और 2025 के बीच समानताएं महसूस कर रहे हैं, खासकर युद्ध और संघर्ष के संदर्भ में।

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क्या यह संयोग है ?

साल 1941 में जब नाजी जर्मनी ने सोवियत संघ पर आक्रमण करते हुए ऑपरेशन बारबारोसा की शुरुआत की, जापान ने पर्ल हार्बर पर हमला कर अमेरिका को युद्ध में शामिल किया, तब से दुनिया में युद्ध का दौर तेज हो गया था। इसके साथ ही वैश्विक अर्थव्यवस्थाएं भी मंदी में घिरी हुई थीं।  वैश्विक राजनीति और युद्ध जैसी परिस्थितियां मेल खा रही हैं। दुनिया एक बार फिर से संघर्षों और युद्धों की आंच में जल रही है, और इस समय इतिहास के कुछ घटनाक्रम एक बार फिर से हमारे सामने उभर कर आ रहे हैं। क्या यह संयोग है, या फिर दोनों वर्षों की परिस्थितियां कुछ समान संकेत देती हैं? यह सवाल अब लोगों के मन में है।

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