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रायपुर : द सूत्र की एक और खबर का बड़ा असर हुआ है। सरकार ने देर रात उस आदेश को स्थगित कर दिया है जिसमें मीडिया पर अस्पतालों में जाने पर पाबंदी लगाई गई थी। द सूत्र ने इन नियमों को काला कानून बताते हुए इसका पुरज़ोर विरोध किया था। द सूत्र के खबर ब्रेक करते ही मीडिया जगत और विपक्ष इसके विरोध में उतर आया। इस विरोध को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने इस आदेश को स्थगित कर दिया।
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नहीं चलेगी सेंसरशिप
छत्तीसगढ़ सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने एक काला कानून घोषित किया। इस कानून के जरिए मीडिया पर सेंसरशिप लगाई गई। मीडिया के अस्पतालों में घुसने पर पाबंदी लगा दी गई। स्वास्थ्य विभाग से जारी आदेश में कहा गया कि अस्पतालों में पीआरओ बैठाए जाएं जो मीडिया को जानकारी दें। अस्पताल से संबंधित कोई भी व्यक्ति मीडिया से संपर्क नहीं करेगा बल्कि मीडिया पर्सन को पीआरओ से मिलने के लिए कहा जाएगा। इस आदेश में ये भी कहा गया कि किसी भी मरीज की प्रायवेसी का खयाल रखा जाएगा और उससे संबंधित जानकारी मीडिया को नहीं दी जाएगी जब तक कि उससे कानूनी संरक्षक इसकी अनुमति न दें।
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अस्पतालों में घुसने पर मीडिया पर सख्त पाबंद लगाई जाए। इस आदेश को मीडिया की सेंसरशिप के तौर पर देखा गया। मीडिया से जुड़े लोगों ने इसे काला कानून बताया। द सूत्र के इस खबर को ब्रेक करने के बाद उसके समर्थन में पत्रकार जगत और विपक्ष उत्तर आया। पत्रकारों विरोध प्रदर्शन कर इस आदेश की प्रतियां जलाईं। पीसीसी चीफ दीपक बैज और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे अपनी गड़बड़ियां छिपाने के लिए मीडिया पर सेंसरशिप लगाने की सरकार की कोशिश बताया। इस विरोध के बाद स्वस्थ मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इसे स्थगित कर दिया।
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क्या था इस आदेश में
सभी अस्पतालों में पीआरओ नियुक्त किया जाएगा।
अस्पताल का कोई भी अधिकारी-कर्मचारी सीधे मीडिया से संपर्क नहीं करेगा
मीडिया को किसी भी रोगी फोटो,वीडियो या जानकारी नहीं लेने दी जाएगी।
मरीजों के वॉर्डों में घुसने पर मीडिया पर सख्त पाबंदी लगाई जाए।
किसी भी घटना दुर्घटना पर रोगियों के नाम और पहचान न बताई जाए।
मीडिया को अस्पताल परिसर में जाने से पहले पीआरओ की अनुमति लेनी होगी।
फोटो वीडियो की अनुमति उस जगह ही दी जाएगी जहां कोई रोगी न हो।
लाइव कवरेज के लिए स्थान नियत किया जाएगा।
अस्पताल से संबंधित जानकारी के लिए एक सिस्टम बनाया जाएगा।
मीडिया को प्रेस विज्ञप्ति या प्रेस कान्फ्रेंस के जरिए जानकारी दी जाए।
यह जानकारी सटीक और आधिकारिक हो।
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किसी बड़ी दुर्घटना या आपातकालीन स्थिति में यह तय किया जाए कि मीडिया को कब और कैसे जानकारी देनी है।
एक स्थान तय किया जाए जहां पर पीआरओ मीडिया को इकट्ठा कर जानकारी दें।
अस्पतालों के सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी शेयर करने के लिए नीति बने।
इस प्रोटोकॉल के उल्लंघन पर कार्यवाही की जाएगी। जो मीडिया पर्सन इसका उल्लंघन करेंगे उनके मीडिया संस्थान के प्रमुख को इसकी शिकायत की जाएगी।
यह आदेश चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव ने जारी किया है। 13 जून को जारी इस आदेश में कहा गया है कि इस प्रोटोकॉल को पांच दिनों में लागू किया जाए।
छत्तीसगढ़ सरकार ने स्थगित किया मीडिया पर सेंसरशिप लगाने वाला आदेश | द सूत्र ने प्रमुखता से उठाया था मामला | Chhattisgarh government suspended the order imposing censorship on media