भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 100 और 200 रुपए के नोटों की एटीएम से उपलब्धता बढ़ाई है। इसका उद्देश्य छोटे नोटों की उपलब्धता को बढ़ाना है। पहले अधिकतर एटीएम से 500 रुपए के नोट जारी होते थे। अब 100 और 200 रुपए के नोटों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।
75% एटीएम से 100-200 रुपए के नोट होंगे जारी
आरबीआई ने सभी बैंकों और एटीएम ऑपरेटरों को निर्देश दिया है कि 30 सितंबर 2025 तक 75 प्रतिशत एटीएम से 100 और 200 रुपये के नोट जारी किए जाएं। यह निर्णय छोटे नोटों की उपलब्धता बढ़ाने के उद्देश्य से लिया गया है, ताकि लोगों को रोजमर्रा के लेन-देन में आसानी हो।
आरबीआई ने इस योजना को चरणबद्ध तरीके से लागू करने का निर्देश दिया है। इसके बाद 31 मार्च 2026 तक इस निर्देश का अनुपालन और सख्त किया जाएगा, और तब तक 90 प्रतिशत एटीएम से 100 और 200 रुपये के नोट जारी होंगे।
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देश भर में 100-200 रुपए के नोट की शुरुआत
अब, आरबीआई के इस फैसले का असर दिखना शुरू हो गया है। वर्तमान में, देश के 73 प्रतिशत एटीएम में एक कैसेट से 100 और 200 रुपये के नोट जारी होने लगे हैं। यह आंकड़ा दिसंबर 2024 में 65 प्रतिशत था। इस बदलाव का सबसे बड़ा फायदा ग्रामीण और कस्बाई इलाकों के लोगों को होगा, जिनके लिए छोटे नोटों की आवश्यकता अधिक होती है।
सीएमएस इन्फो सिस्टम्स के आंकड़े...
- देश में कुल 2,15,000 एटीएम हैं।
- इनमें से 73,000 एटीएम का संचालन सीएमएस इन्फो सिस्टम्स करती है।
- सीएमएस के आंकड़ों के अनुसार, 65 प्रतिशत से 73 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी देखी गई है।
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क्या है छोटे नोटों की जरूरत?
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि छोटे नोटों की अधिक उपलब्धता से अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। इन नोटों का उपयोग रोजमर्रा के लेन-देन में ज्यादा किया जाता है, जैसे कि छोटे व्यापारिक लेन-देन, वाहन किराया, सब्जी मंडी आदि में।
अनुश राघवन, सीएमएस इंफो सिस्टम्स के नकदी प्रबंधन के अध्यक्ष ने कहा कि उपभोक्ता खर्च का 60 प्रतिशत हिस्सा अभी भी नकद लेन-देन में निहित है। विशेष रूप से ग्रामीण और कस्बों में 100 और 200 रुपये के नोटों की उपलब्धता से दिन-प्रतिदिन के लेन-देन में बड़ी सुविधा होगी।
RBI ने एटीएम इंटरचेंज फीस भी बढ़ाई
इसके अलावा, आरबीआई ने एटीएम इंटरचेंज फीस में भी वृद्धि की है, जिससे 1 मई 2025 से एटीएम से कैश निकालना थोड़ा महंगा हो सकता है। यह बदलाव विशेष रूप से उन उपयोगकर्ताओं को प्रभावित करेगा, जो हर महीने अपनी मुफ्त ट्रांजैक्शन लिमिट को पार करते हैं। इंटरचेंज फीस वह चार्ज है जो एक बैंक दूसरे बैंक को एटीएम ट्रांजैक्शन प्रोसेसिंग के लिए भुगतान करता है।
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आरबीआई की नई घोषणा...
- एटीएम इंटरचेंज फीस 1 मई 2025 से बढ़ाई जाएगी।
- जो लोग फ्री ट्रांजैक्शंस लिमिट से अधिक लेन-देन करेंगे, उन्हें अतिरिक्त शुल्क चुकाना होगा।
निर्देश और उनकी समयसीमा
आरबीआई ने अपने निर्देश में स्पष्ट रूप से कहा है कि 30 सितंबर 2025 तक एटीएम के 75 प्रतिशत में 100 और 200 रुपये के नोट उपलब्ध होने चाहिए। इसके बाद 31 मार्च 2026 तक 90 प्रतिशत एटीएम में इन नोटों की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी।
इसके अतिरिक्त, एटीएम से कैश निकासी के इंटरचेंज फीस को भी बढ़ा दिया गया है, जो ग्राहकों के लिए अतिरिक्त खर्च का कारण बन सकता है।
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नकद लेन-देन में भी होगी आसानी
आरबीआई के इस फैसले से देशभर में छोटे नोटों की उपलब्धता बढ़ने की संभावना है। इससे छोटे व्यापारिक लेन-देन में सुविधा होगी और नकद लेन-देन में भी आसानी होगी। हालांकि, एटीएम इंटरचेंज फीस में बढ़ोतरी से उपयोगकर्ताओं को कुछ खर्चों का सामना करना पड़ सकता है।
आदेश | देश दुनिया न्यूज
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