ट्रेन में सुविधा: बुजुर्गों, 45 साल से ऊपर की महिलाओं और दिव्यांगों को मिलेगा लोअर बर्थ में आरक्षण

रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों, 45 वर्ष से ऊपर की महिलाओं और दिव्यांगजन के लिए लोअर बर्थ आरक्षण की सुविधा शुरू की है। जिससे उनकी यात्रा अधिक आरामदायक हो सके।

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Sandeep Kumar
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रेलवे ने यात्रियों को अधिक आरामदायक यात्रा अनुभव प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और दिव्यांगजन के लिए लोअर बर्थ (निचली बर्थ) का आरक्षण विशेष रूप से सुनिश्चित किया गया है। यह पहल उन यात्रियों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगी जो शारीरिक रूप से कमजोर होते हैं या जिन्हें यात्रा के दौरान अधिक आराम की आवश्यकता होती है।

इनके लिए आरक्षित लोअर बर्थ

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि भारतीय रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों, 45 वर्ष या उससे अधिक आयु की महिलाओं और गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष रूप से लोअर बर्थ का आरक्षण किया है। इन श्रेणियों के यात्रियों को बुकिंग के समय लोअर बर्थ का विकल्प न चुनने पर भी स्वचालित रूप से (यदि सीट उपलब्ध हो) लोअर बर्थ प्रदान की जाती है। यह पहल यह सुनिश्चित करती है कि वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं को यात्रा के दौरान आरामदायक सीट मिले, जिससे उन्हें लंबी यात्रा के दौरान कोई कठिनाई न हो।

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 लोअर बर्थ आरक्षण

•स्लीपर श्रेणी - प्रत्येक कोच में 6 से 7 लोअर बर्थ का कोटा।
•वातानुकूलित 3 टियर (3AC)-प्रत्येक कोच में 4 से 5 लोअर बर्थ का कोटा।
•वातानुकूलित 2 टियर (2AC) में प्रत्येक कोच में 3 से 4 लोअर बर्थ का कोटा।

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दिव्यांगजन के लिए आरक्षण कोटा 

दिव्यांगजन के लिए भी रेलवे ने आरक्षण कोटा लागू किया है, जो सभी मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में उपलब्ध है, जिसमें राजधानी और शताब्दी जैसी प्रमुख प्रीमियम ट्रेनें भी शामिल हैं। यह सुविधा रियायत लेने पर निर्भर नहीं है, अर्थात दिव्यांगजन को इस कोटे का लाभ रियायत लेने या न लेने से कोई फर्क नहीं पड़ता।

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दिव्यांगों के लिए आरक्षण कोटा

•स्लीपर श्रेणी में 4 बर्थ (जिसमें 2 लोअर बर्थ शामिल।
•3AC/3E में 4 बर्थ (जिसमें 2 लोअर बर्थ शामिल)।
•आरक्षित सेकंड सिटिंग (2S) या वातानुकूलित चेयर कार (CC) में 4 सीटों का कोटा।

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खाली लोअर बर्थ की प्राथमिकता 

यदि यात्रा के दौरान लोअर बर्थ खाली पाई जाती है, तो उन यात्रियों को, जिन्हें पहले मिडिल या अपर बर्थ आवंटित की गई थी, प्राथमिकता के आधार पर खाली लोअर बर्थ दी जाती है। यह विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजन और गर्भवती महिलाओं के लिए किया जाता है ताकि उन्हें यात्रा के दौरान अधिक आराम मिल सके।

रेलवे की पहल 

भारतीय रेलवे इन समावेशी पहलों के माध्यम से यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि सभी यात्री, विशेष रूप से जिनकी शारीरिक स्थिति कमजोर है, सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का अनुभव कर सकें। रेलवे का उद्देश्य सभी यात्रियों को बिना किसी असुविधा के यात्रा करने का अवसर देना है, ताकि वे अपने गंतव्य तक सुरक्षित और आरामदायक तरीके से पहुंच सकें।

 

 

 

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