औरंगजेब का मध्यप्रदेश से था गहरा संबंध, साम्राज्य बढ़ाने कई बार किया था आक्रमण

औरंगजेब ( Aurangzeb ) के मध्यप्रदेश से गहरे ऐतिहासिक संबंध थे, जिसने यहां कई महत्वपूर्ण सैन्य अभियानों और धार्मिक नीतियों के जरिए अपने साम्राज्य का विस्तार किया। जानें, औरंगजेब की मध्यप्रदेश से जुड़ी कुछ अहम घटनाओं के बारे में।

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Jitendra Shrivastava
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इन दिनों पूरे देश में एक नाम चर्चा में है- औरंगजेब ( Aurangzeb )। आज इस नाम के चर्चा में आने की वजह चाहे कुछ भी हो, मगर जब thesootr ने इतिहास के पन्ने खंगाले तो इस विवादित हस्ती का MP कनेक्शन तगड़ा निकला। और हो भी क्यों न दिल्ली के तख्त पर राज करने वाले औरंगजेब ने साल महाराष्ट्र में गुजारे थे। ऐसे में दिल्ली और महाराष्ट्र के बीच पड़ने वाला मध्य प्रदेश कैसे छूट सकता था। आइए, औरंगजेब और मध्यप्रदेश को जोड़ने वाली कुछ खास घटनाओं को देखते हैं। 

कई बड़े शहरों पर किया था कब्जा

मध्यभारत का इतिहास औरंगजेब के शासन से गहरे रूप से जुड़ा हुआ है। यह क्षेत्र न केवल एक सैन्य भूमि था, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण था। औरंगजेब के अभियानों और नीतियों ने इस क्षेत्र के राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित किया। आइए जानते हैं औरंगजेब के मध्यभारत से जुड़ी कुछ प्रमुख घटनाओं और संघर्षों के बारे में।

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1. ग्वालियर किले पर कब्जा (1658)

औरंगजेब ने 1658 में ग्वालियर किले पर कब्जा किया, जो मध्यभारत का एक महत्वपूर्ण किला था। यह किला न केवल एक रणनीतिक स्थान था, बल्कि औरंगजेब ने इसे अपनी साम्राज्य विस्तार की नीति के तहत लिया। ग्वालियर पर नियंत्रण पाने से उसकी स्थिति को मजबूती मिली, और यह किला मुग़ल साम्राज्य का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया।
( स्रोत: "The Mughal Empire" by John F. Richards, Cambridge University Press, 1993

2. राजपूतों से संघर्ष और शिवाजी का विरोध (1679)

1679 में औरंगजेब ने मथुरा में मंदिरों को नष्ट किया और जजिया कर को फिर से लागू किया, जिसका विरोध राजपूतों और विशेष रूप से मेवाड़ के राजपूतों ने किया। औरंगजेब के इस कदम से मध्यप्रदेश में राजपूतों और मुसलमानों के बीच तनाव बढ़ा। रानी दुर्गावती और अन्य राजपूत शासकों ने औरंगजेब की नीतियों का विरोध किया, जो मध्यभारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना थी।
( स्रोत: "Aurangzeb: The Life and Legacy of India's Most Controversial King" by Audrey Truschke, 2017

3. ग्वालियर में मंदिरों का विध्वंस

औरंगजेब के शासनकाल में ग्वालियर क़िले के आसपास कई हिंदू मंदिरों को नष्ट किया गया। औरंगजेब की नीतियों में हिंदू धर्मस्थलों को नष्ट करना और इस्लामिक स्थापत्य कला को बढ़ावा देना प्रमुख था। इस धार्मिक संघर्ष ने न केवल ग्वालियर क़िले को प्रभावित किया, बल्कि मध्यभारत में सांस्कृतिक धरोहर पर भी गहरा असर डाला।
( स्रोत: "Aurangzeb and the Decline of the Mughal Empire" by Shireen Moosvi, 1990

4. बुंदेलखंड और बुंदेला रियासतें (1660-1679)

बुंदेलखंड, जो आज मध्यप्रदेश का हिस्सा है, औरंगजेब के शासनकाल में महत्वपूर्ण था। छत्रसाल बुंदेला ने औरंगजेब के खिलाफ सशक्त प्रतिरोध किया और कई सैन्य अभियानों में उसे असफल कर दिया। यह संघर्ष भारतीय इतिहास में एक प्रेरणादायक घटना मानी जाती है। औरंगजेब ने बुंदेलखंड में अपना नियंत्रण स्थापित करने के लिए कई सैन्य अभियानों का संचालन किया।
( स्रोत: "History of the Marathas" by G. S. Sardesai, 1946

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5. मराठों से संघर्ष (1674-1689)

औरंगजेब ने 1674 में शिवाजी महाराज की ताजपोशी के बाद मराठा साम्राज्य के खिलाफ अभियान शुरू किया। 1681 में दक्कन की ओर मार्च करने के बाद, औरंगजेब ने 1689 में संभाजी को पकड़कर मृत्युदंड दिया। यह संघर्ष मध्यभारत में मराठों की बढ़ती शक्ति के खिलाफ था और इसके परिणामस्वरूप औरंगजेब को कई संघर्षों का सामना करना पड़ा।
( स्रोत: "Shivaji: The Great Maratha" by R.C. Majumdar, 1943

6. मालवा और दक्कन में अभियान (1670-1687)

औरंगजेब ने मध्य भारत के मालवा क्षेत्र और दक्कन में अपने साम्राज्य का विस्तार करने के लिए कई सैन्य अभियानों का संचालन किया। इस दौरान, उसने मालवा के विभिन्न क्षेत्रों पर कब्जा किया और मध्यभारत में मुगल साम्राज्य की पकड़ को और मजबूत किया।
( स्रोत: "The History of India" by K.K. Aziz, 1986

7. उज्जैन और इंदौर (17वीं सदी)

उज्जैन, जो एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र था, और इंदौर के क्षेत्र पर औरंगजेब का शासन था। यहां पर औरंगजेब की धार्मिक नीतियां और प्रशासनिक गतिविधियां प्रभावी रही थीं। इन क्षेत्रों में औरंगजेब के आदेशों का पालन करते हुए कई मंदिरों और धर्मस्थलों को नुकसान हुआ, जिससे धार्मिक और सांस्कृतिक तनाव बढ़ा।
( स्रोत: "Aurangzeb: The Man and the Myth" by Audrey Truschke, 2017

औरंगजेब का मध्यप्रदेश से गहरा संबंध था और उसने इस क्षेत्र में कई सैन्य अभियानों और धार्मिक नीतियों के माध्यम से अपने साम्राज्य का विस्तार किया। ग्वालियर किले का कब्जा, राजपूतों से संघर्ष, और बुंदेलखंड में छत्रसाल बुंदेला के खिलाफ उसकी नीति ने उस समय के इतिहास को आकार दिया। ये घटनाएं मध्यप्रदेश के इतिहास का अहम हिस्सा हैं और औरंगजेब के शासनकाल की जटिलताओं को समझने में मदद करती हैं।



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