Jagannath Rath Yatra 2024 : उड़ीसा की प्रख्यात भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा आज से शुरू हो रही है। पुरी शहर में स्थित प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर से निकलकर आज भगवान जगन्नाथ अपने भक्तों के बीच आएंगे। दाऊ बलराम और बहन सुभद्रा के साथ वे 10 दिन तक भक्तों के बीच रहेंगे।
1000 यज्ञों जितना पुण्य
भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा ( rath yatra ) में लाखों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस यात्रा के दर्शन मात्र कर लेने से 1 हजार यज्ञों का पुण्य मिलता है।
इस यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ के प्रसाद का भी खासा महत्व होता है। भगवान को 6 बार महाप्रसाद चढ़ाया जाता है। इसमें कई प्रकार का भोजन होता है। 9 प्रकार की सब्जियां, 4 प्रकार की दाल, 7 प्रकार के चावल, कई मिठाइयां भोग का हिस्सा होती हैं। इस महाभोग में आलू, टमाटर और फूलगोभी का प्रयोग नहीं किया जाता हैं। मीठा बनाने के लिए भी शक्कर के बजाय गुड़ का इस्तेमाल होता है।
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ये है यात्रा का शेड्यूल
- यात्रा प्रारंभ- रविवार 7 जुलाई को भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा प्रारंभ होगी। भगवान जगन्नाथ, दाऊ बलराम और बहन सुभद्रा एक-एक कर मंदिर से बाहर निकलेंगे। शाम के समय तीनों के रथ खींचना शुरू होगा।
- गुंडिचा मंदिर पहुंचना- भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा 8 जुलाई को गुंडिचा मंदिर पहुंचेगी। अक्सर यात्रा शुरू होने के तीसरे दिन मंदिर पहुंचा जाता है। इस बार तिथियों की गड़बड़ी के कारण 53 साल बाद 2 दिन में मंदिर पहुंचा जाएगा।
- गुंडिचा मंदिर में वास- भगवान जगन्नाथ, भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ 8 जुलाई से 15 जुलाई तक गुंडिचा मंदिर में रहेंगे। यहां भगवान के लिए विशेष प्रकार के व्यंजन बनाए जाएंगे।
- समापन- रथ यात्रा का 16 जुलाई को होगा। इस दिन भगवान जगन्नाथ अपने दाऊ बलराम और बहन सुभद्रा संग जगन्नाथ मंदिर लौट आएंगे।
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