भारतीय हर साल खा जाते हैं 21 हजार करोड़ समोसे, 35 हजार पराठे, जानें ऑयल और शुगर का सच

समोसे और जलेबी जैसे तले-भुने खाद्य पदार्थों में कैलोरी और ट्रांस फैट अधिक होता है। बार-बार इस्तेमाल किए गए तेल से ट्रांस फैट और भी बढ़ जाता है, जो शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाकर दिल की बीमारियों का खतरा पैदा करता है।

author-image
Rohit Sahu
New Update
samosa jalebi
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

भारत के लोगों और उनके फूड हैबिट को लेकर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। भारतीय हर साल करीब 21 हजार करोड़ समोसे, 34 करोड़ किलोग्राम जलेबी, और 35 हजार करोड़ पराठे खाते हैं। ये आंकड़े केवल स्वाद की नहीं, मोटापे की खामोश दस्तक भी हैं। भारत में ऑयली फूड खाने और इसके हेल्थ पर हो रहे दुष्प्रभावों ने सरकार भी चिंता बढ़ा दी है।

ऑयल और शुगर बोर्ड लगाना अनिवार्य

अब सरकारी मंत्रालयों और दफ्तरों की कैंटीन में मिलने वाले समोसे, डोसे या जलेबी के साथ यह जानकारी भी दी जाएगी कि उसमें कितनी मात्रा में तेल और चीनी का उपयोग किया गया है। इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी सरकारी विभागों और संस्थानों को एक नई एडवाइजरी जारी की है।

क्या पूरे देश में लागू होगा?

केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने ट्रांस फैट और चीनी लेवल से जागरूक करने के लिए सूचना बोर्ड लगाने के निर्देश दिए हैं। इस पहल की शुरुआत नागपुर के सरकारी संस्थानों से की जा रही है, जिसमें एम्स नागपुर को भी निर्देश भेजे गए हैं।

मंत्रालय का मानना है कि यदि लोगों को पहले से यह जानकारी दी जाए कि किसी खाद्य सामग्री में कितनी शुगर या तेल है, तो वे अपने खानपान के निर्णय ज्यादा समझदारी से ले सकेंगे। यदि यह प्रयोग सफल होता है, तो इसे पूरे देश में लागू किया जा सकता है।

40 प्रतिशत भारतीय मोटापे के शिकार

भारत में करीब 40% आबादी ओवरवेट या मोटापे से ग्रस्त है। अनुमान है कि 2050 तक ये आंकड़ा 44 करोड़ को पार कर सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे साइलेंट महामारी बता रहे हैं। गलत खानपान, फास्ट फूड, मीठे पेय और फिजिकल एक्टिविटी की कमी इसकी सबसे बड़ी वजह मानी जा रही है। 

इस मामले पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

हेल्थ एक्सपर्ट रेवंत हिमतसिंग का का कहना है कि समोसे की तुलना सिगरेट से करना थोड़ा ज्यादा हो गया, क्योंकि जहां सिगरेट कुछ प्रतिशत लोग ही पीते हैं, वहीं समोसा लगभग हर कोई खाता है। ऐसे में इसे प्रतिबंधित करने के बजाय इसके प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना ज्यादा जरूरी है।

साथ ही यह भी महत्वपूर्ण है कि कोई व्यक्ति कितनी मात्रा में और कितने अंतराल में समोसा खा रहा है। कई लोग तो इसके साथ अतिरिक्त चटनी या कैचअप का भी खूब सेवन करते हैं, जो सेहत के लिए और भी नुकसानदायक है।

समोसे -जलेबी का हेल्थ पर क्या असर होता है?

samosa jalebi

  • 100 ग्राम जलेबी में लगभग 356 कैलोरी होती है।

  • 100 ग्राम समोसे में करीब 362 कैलोरी होती है।

  • एक समोसे में लगभग 0.6 ग्राम ट्रांस फैट पाया जाता है।

  • समोसा तलने से उसमें ट्रांस फैट बनता है।

  • बार-बार इस्तेमाल हुआ तेल ट्रांस फैट को और बढ़ाता है।

  • ट्रांस फैट शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ाता है।

  • खराब कोलेस्ट्रॉल दिल की बीमारियों का कारण बनता है।

  • रोजाना जलेबी-समोसे खाना हृदय रोग का खतरा बढ़ा सकता है।

दिल की बिमारियों का कारण ऑयली फूड

भारत में दिल की बिमारियों के कारण कई लोगों की मौत होती है। मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर और उच्च कोलेस्ट्रॉल हार्ट अटैक की संभावनाओं को बढ़ाते हैं। देश में हृदय रोग के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। इन सभी बिमारियों के लिए एक प्रमुख कारण ऑयली और हेवी शुगर कंज्यूम करना भी है।

प्रधानमंत्री कर चुके तेल कम करने की अपील 

28 जनवरी 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय खेलों के उद्घाटन में फिट इंडिया मूवमेंट के तहत लोगों से जीवनशैली में बदलाव और तेल की खपत 10% तक घटाने की अपील की थी। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने सरकारी दफ्तरों से शुरुआत की है। 

यह भी पढ़ें....समोसा-जलेबी पर सरकार का बड़ा एक्शनः अब कैफेटेरिया में लगाने होंगे ऑयल और शुगर बोर्ड

भारत में क्यों जरूरी है ये कदम?

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) के अनुसार, 24% महिलाएं और 22.9% पुरुष ओवरवेट हैं। 5 से 19 साल के 1 करोड़ से ज्यादा बच्चे मोटापे से प्रभावित हैं। यह स्थिति न सिर्फ व्यक्तिगत स्वास्थ्य पर असर डाल रही है, बल्कि स्वास्थ्य व्यवस्था और अर्थव्यवस्था पर भी दबाव बढ़ा रही है।

यह भी पढ़ें....समोसा, बर्गर और पिज्जा- इनमें कितना छुपा है फैट? स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की रिपोर्ट

Wegovy मोटापा घटाने वाली दवा भारत में  मिली थी मंजूरी

मोटापे की बढ़ती समस्या को लेकर भारत सरकार ने नोवो नॉर्डिस्क की वजन घटाने की दवा वेगोवी (Wegovy) को भारत में मंजूरी दी थी। यह दवा पेन डिवाइस के रूप में आती है जिससे भूख कंट्रोल होती है। यह दवा सेमाग्लूटाइड (Semaglutide) नाम के एक तत्व से बनी है, जो GLP-1 रिसेप्टर को एक्टिव कर शरीर में एनर्जी लेवल बनाए रखता है और भूख नहीं लगने देता।

यह भी पढ़ें...हर चौथा भारतीय मोटापे का शिकार, 3 महीने में 50 करोड़ के बिके वेट लॉस इंजेक्शन, जानें दुष्प्रभाव

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें

📢🔃 🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

Health | फूड कैलोरी | belly fat | Sugar | sugar​​​ diabetes | ब्लड शुगर | शुगर के मरीज कितना खाएं आम

नरेंद्र मोदी belly fat समोसा Samosa शुगर के मरीज कितना खाएं आम ब्लड शुगर Health Sugar हेल्थ फूड कैलोरी sugar​​​ diabetes केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय जलेबी