जज बीआर गवई बनेंगे CJI, बुलडोजर एक्शन को बताया था ‘असंवैधानिक’

सुप्रीम कोर्ट के प्रमुख जस्टिस संजीव खन्ना ने जज बीआर गवई को भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की है। जस्टिस गवई 14 मई को शपथ लेंगे।

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Sandeep Kumar
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जस्टिस बीआर गवई

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देश दुनिया न्यूज: सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना ने जस्टिस बीआर गवई ( Justice BR Gavai) को अगला मुख्य न्यायाधीश बनाए जाने की सिफारिश की है। इसके लिए CJI प्रमुख ने केंद्रीय कानून मंत्रालय से सिफारिश की है। सुप्रीम कोर्ट में परंपरा के मुताबिक, कोर्ट के मौजूदा चीफ जस्टिस ही अपने उत्तराधिकारी का नाम सरकार को भेजते हैं। जस्टिस बीआर गवई 14 मई को देश के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे। बताया जा रहा है कि देश का मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना 13 मई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

जस्टिस गवई के ऐतिहासिक फैसले

जस्टिस बीआर गवई ने कई महत्वपूर्ण फैसले दिए हैं जो चर्चा में रहे। उन्होंने बीजेपी सरकारों द्वारा बुलडोजर के इस्तेमाल के खिलाफ फैसले में कहा था कि गरीबों के घरों को तोड़ना संविधान का उल्लंघन है। वे उस पीठ का हिस्सा रहे थे जिसने इलेक्टोरल बॉन्ड योजना की संवैधानिकता की जांच की थी।

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कई मामलों में सुनवाई कर चुके हैं जस्टिस

जस्टिस गवई को 2003 में बॉम्बे हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। 2005 में उन्हें स्थायी न्यायाधीश के रूप में कार्यभार सौंपा गया। उन्होंने नागपुर, औरंगाबाद और मुंबई की पीठों पर कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई की। 2019 में उन्हें भारत के सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था, और उनका कार्यकाल 23 नवंबर, 2025 तक रहेगा।

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कौन हैं जस्टिस बीआर गवई 

जस्टिस बीआर गवई का जन्म 24 नवंबर, 1960 को महाराष्ट्र के अमरावती में हुआ था। वे दलित समुदाय से आते हैं, और सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण न होने के बावजूद उनका चयन एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है। जस्टिस गवई ने 1985 में वकालत शुरू की थी। 1987 से 1990 तक बॉम्बे हाईकोर्ट में स्वतंत्र रूप से वकालत की। 1990 के बाद वे मुख्य रूप से बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ में प्रैक्टिस की । जहां उन्होंने संवैधानिक और प्रशासनिक मामलों में विशेषज्ञता हासिल की।

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