MP NEWS : मध्य प्रदेश के दमोह जिले में मिशन अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है। यह कदम अस्पताल में 7 मरीजों की मौत के आरोपों के बाद उठाया गया है। दमोह के CMHO मुकेश जैन ने अस्पताल प्रबंधन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। सीएमएचओ का आरोप है कि अस्पताल में लाइसेंस रिन्यूअल के लिए आवश्यक दस्तावेजों को जमा नहीं किया गया है। साथ ही अस्पताल में मेडिकल स्टाफ की कमी है।
रिन्यूअल के लिए एक सप्ताह का था समय
CMHO मुकेश जैन ने बताया कि मिशन अस्पताल को लाइसेंस रिन्यूअल के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया था। अस्पताल प्रबंधन द्वारा मांगे गए दस्तावेज ऑनलाइन जमा नहीं किए गए थे, जिससे अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा, अस्पताल में लैब टेक्नीशियन और कार्डियोलॉजिस्ट की नियुक्ति नहीं की गई थी, जो इसके संचालन के लिए आवश्यक थे।
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मरीजों की शिफ्टिंग
CMHO के आदेश पर अस्पताल में मौजूद सभी मरीजों को 3 दिन के भीतर जिला अस्पताल में शिफ्ट किया जाएगा। हालांकि, वर्तमान में अस्पताल में कोई मरीज भर्ती नहीं है, और अब अस्पताल में नए मरीजों का इलाज पूरी तरह से रोक दिया गया है।
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CMHO को अपनी नौकरी का डर
मिशन अस्पताल की प्रबंधक पुष्पा खरे ने इस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि अस्पताल के लाइसेंस का रिन्यूअल 14 अप्रैल को किया गया था। अस्पताल के पास अभी तक कोई आधिकारिक पत्र नहीं आया है, जिसमें लाइसेंस निलंबन की जानकारी दी गई हो। उनका कहना था कि सीएमएचओ को अपनी नौकरी का डर है, इसलिए उन्होंने यह कदम उठाया है।
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ऐसे चर्चा में आया था मिशन अस्पताल
दरअसल, दमोह का मिशन अस्पताल 10 दिन पहले करीब 6 अप्रैल को चर्चा में आया था। अस्पताल के फर्जी डॉक्टर नरेंद्र यादव ने खुद को डॉ. एन जॉन केम बताते हुए इसी अस्पताल में 15 हार्ट की सर्जरी की थी। नरेंद्र यादव पर आरोप है कि दिसंबर 2024 से फरवरी 2025 के बीच हुए इन ऑपरेशनों में 7 मरीजों की मौत हो चुकी थी। उस समय सीएमएचओ डॉ. मुकेश जैन और डीएचओ डॉ. विक्रम चौहान ने जांच में दो मौतों की पुष्टि की थी। मामले का खुलासा होने के बाद आरोपी डॉ. नरेंद्र यादव फरार हो गया था। इसके बाद उसे प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया था।
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