भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपनी सांसद कंगना रनौत (Kangana Ranaut) के तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) को बहाल करने की मांग वाली टिप्पणी से खुद को अलग कर लिया। बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया (Gaurav Bhatia) ने स्पष्ट किया कि कंगना को इस मुद्दे पर पार्टी की ओर से कोई बयान देने के लिए अधिकृत नहीं किया गया है।
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BJP का बयान
बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि सोशल मीडिया पर कंगना रनौत का केंद्र सरकार द्वारा वापस लिए गए कृषि कानूनों पर दिया गया बयान वायरल हो रहा है। यह बयान कंगना का व्यक्तिगत विचार है। साथ ही यह बीजेपी के दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व नहीं करता है।
कंगना की प्रतिक्रिया
कंगना रनौत ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बिल्कुल, कृषि कानूनों (Farm Laws) पर मेरे विचार व्यक्तिगत हैं और ये बीजेपी के रुख का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। कंगना ने यह बयान हिमाचल प्रदेश के मंडी (Mandi) में अपने निर्वाचन क्षेत्र में पत्रकारों से बातचीत के दौरान दिया था।
कंगना का तर्क
कंगना रनौत ने कहा कि तीन कृषि कानून किसानों (Farmers) के लिए फायदेमंद थे और उन्हें वापस लाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, किसानों को खुद इन कानूनों की मांग करनी चाहिए क्योंकि यह उनके हित में है। किसानों को देश के विकास का एक महत्वपूर्ण स्तंभ माना जाता है और इन कानूनों का लाभ उन्हें मिलना चाहिए।
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कांग्रेस का हमला
कंगना के इस बयान के बाद कांग्रेस (Congress) ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि कंगना का बयान बीजेपी की मंशा को उजागर करता है। कांग्रेस के आधिकारिक एक्स अकाउंट से एक वीडियो शेयर किया गया। इसमें कंगना के बयान को दिखाया गया। कांग्रेस ने कहा कि देश के 750 से अधिक किसान शहीद हुए थे तब जाकर मोदी सरकार ने काले कानून वापस लिए थे, अब बीजेपी के सांसद फिर से इन्हें वापस लाने का प्लान बना रहे हैं।
कांग्रेस ने किसानों के समर्थन में अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि इन काले कानूनों (Black Laws) की वापसी अब कभी नहीं होगी, चाहे भाजपा और उनके नेता जितनी भी कोशिश कर लें।
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