कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस के बीच विवाद उभरा है। भाजपा ने राज्य सरकार के इस कदम को संविधान के खिलाफ बताया है। इस मुद्दे को लेकर संसद तक में तीखी बहस हो चुकी है। इसी बीच, कर्नाटक भाजपा ने अपनी पार्टी के 5 नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। ये नेता पार्टी के आंतरिक मामलों पर सार्वजनिक मंचों पर टिप्पणियां कर रहे थे, जिससे पार्टी अनुशासन को नुकसान पहुंचा।
BJP द्वारा भेजे गए नोटिस के बारे में जानकारी
भाजपा ने कर्नाटक इकाई में गुटबाजी और अनुशासनहीनता की शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए पांच नेताओं को नोटिस भेजा है। ये नेता हैं कट्टा सुब्रमण्य नायडू, एमपी रेणुकाचार्य, बीपी हरीश, शिवराम हेब्बार और एसटी सोमशेखर। इन नेताओं को पार्टी के आंतरिक मामलों पर सार्वजनिक टिप्पणियां करने के लिए नोटिस भेजा गया है।
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नोटिस में क्या कहा गया?
नोटिस में पार्टी ने कहा कि सार्वजनिक मंचों पर पार्टी के आंतरिक मामलों पर ऐसी टिप्पणियां भारतीय जनता पार्टी के संविधान और नियमों का उल्लंघन हैं। पार्टी ने इन नेताओं को 72 घंटे के भीतर अपना स्पष्टीकरण देने का समय दिया है। अगर स्पष्टीकरण नहीं मिलता तो अनुशासन समिति अंतिम निर्णय ले सकती है।
गुटबाजी और अनुशासनहीनता
भाजपा के कर्नाटक इकाई में गुटबाजी का मामला सामने आया है। कुछ नेताओं ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र के खिलाफ अपना विरोध व्यक्त किया है। इसके चलते भाजपा में असंतोष बढ़ गया है, और पार्टी के आंतरिक मामलों पर सार्वजनिक टिप्पणी करने वाले नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
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पार्टी के भीतर विवाद
पार्टी के भीतर बढ़ते विवादों ने भाजपा के नेतृत्व को परेशान कर दिया है। विजयेंद्र के समर्थक और विरोधी दोनों ही पक्ष एक दूसरे के खिलाफ बयान दे रहे हैं। भाजपा नेतृत्व इन बयानों को पार्टी के अनुशासन के खिलाफ मान रहा है।