कर्नाटक की राजनीति में एक बार फिर से हनी-ट्रैप (Honey Trap) ने हलचल मचा दी है। कर्नाटक के सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना (KN Rajanna) ने गुरुवार को विधानसभा में चौंकाने वाला बयान दिया था। उन्होंने दावा किया कि राज्य के 48 विधायक हनी-ट्रैप के जाल में फंस गए हैं। यह आरोप कर्नाटक की राजनीति में नए विवाद को जन्म दे रहा है, जिसमें कांग्रेस और बीजेपी के बीच तनातनी तेज हो गई है।
हनी-ट्रैप का खुलासा
राजन्ना ने विधानसभा में बताया कि यह हनी-ट्रैप गिरोह सिर्फ कर्नाटक में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में फैल चुका है। उनका दावा है कि इस गिरोह में कुछ केंद्रीय मंत्री भी शामिल हो सकते हैं। इस मामले ने विधानसभा में दो दिनों तक गर्मा-गर्म बहस को जन्म दिया, और बीजेपी विधायकों ने कांग्रेस सरकार से स्पष्ट जवाब की मांग की।
कर्नाटक सरकार ने इस आरोप को गंभीरता से लिया है और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Siddaramaiah) ने उच्च स्तरीय जांच का आश्वासन दिया है। वहीं, डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) ने इस मुद्दे पर कुछ भी कहने से मना कर दिया।
हनीट्रैप पर बोलने से किया इनकार
जब शिवकुमार से इसके पीछे का कारण पूछा, तो उन्होंने कहा कि वह हनीट्रैप मुद्दे पर कोई जवाब नहीं देंगे। शिवकुमार ने कहा कि मुझसे इस बारे में मत पूछिए। मैं इस मुद्दे से संबंधित किसी भी बात का जवाब नहीं दूंगा। यह पूछे जाने पर कि क्या वह पार्टी आलाकमान के साथ ताजा घटनाक्रम पर चर्चा करने के लिए दिल्ली जा रहे हैं, वरिष्ठ नेता ने कहा कि उन्हें ऐसी झूठी खबरों के बारे में किसी से मिलने की जरूरत नहीं है। यह पूछे जाने पर कि क्या हनीट्रैप मुद्दे को विधानसभा में उठाना कांग्रेस और सरकार के लिए शर्मनाक है, शिवकुमार ने कहा कि इस बारे में मुख्यमंत्री से पूछिए।
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कांग्रेस और बीजेपी के बीच राजनीति
हनी-ट्रैप के आरोपों ने कर्नाटक की राजनीति में हलचल मचा दी है। बीजेपी ने इस मामले में कांग्रेस सरकार को घेरते हुए राजनीति की नई दिशा अपनाई है। विपक्ष के नेता आर अशोक (R. Ashok) ने सोशल मीडिया पर सवाल उठाया कि क्या यह संयोग है कि सभी मंत्री जो हनी-ट्रैप की बात कर रहे हैं, वे सिद्धारमैया के गुट से हैं? बीजेपी का आरोप है कि यह एक राजनीतिक साजिश हो सकती है, जिसका उद्देश्य कांग्रेस में गुटीय विवाद को और बढ़ावा देना है।
शिवकुमार को निशाना क्यों बनाया गया?
राजन्ना के आरोपों के पीछे एक और दिलचस्प पहलू छिपा हुआ है। डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार का नाम पहले भी हनी-ट्रैप से जुड़ा था, जब 2021 में एक कथित हनी-ट्रैप घटना के बाद बीजेपी मंत्री रमेश जारकीहोली को इस्तीफा देना पड़ा था। इस घटना के बाद शिवकुमार को भी निशाना बनाया गया था, और अब राजन्ना के आरोपों ने उन्हें और विवादों में घेर लिया है।
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कर्नाटक की राजनीति पर असर
इस पूरे विवाद ने कर्नाटक की राजनीति में गहरी दरार पैदा कर दी है। कांग्रेस पार्टी के अंदर भी गुटीय विवाद सामने आ रहे हैं, जिनका असर आगामी चुनावों पर भी पड़ सकता है। इस मुद्दे की गहराई में जाने से यह साफ दिखता है कि कर्नाटक की राजनीति में आने वाले दिनों में कई राजनीतिक उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं।