भारत की दो होनहार महिला शतरंज खिलाड़ियों ने देशवासियों को गर्व करने का मौका दिया है। देश की इन दोनों शतरंज खिलाड़ियों ने शतरंज विश्व कप के फाइनल में जगह पक्की कर ली है। इस तरह से भारत का महिला विश्व चैम्पियन बनना भी तय हो गया है।
भारतीय महिला खिलाड़ी, कोनेरू हंपी और दिव्या देशमुख ने FIDE महिला शतरंज विश्व कप 2025 (Chess FIDE World Cup) के फाइनल में प्रवेश किया। यह पहली बार है जब भारतीय महिला शतरंज खिलाड़ियों ने इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट के फाइनल में एक साथ जगह बनाई है। कोनेरू हंपी ने जहां अपनी उत्कृष्ट शतरंज के खेल से इतिहास रचा, वहीं दिव्या देशमुख ने अपनी कड़ी मेहनत और धैर्य से यह मुकाम हासिल किया।
FIDE महिला शतरंज विश्व कप: भारत का ऐतिहासिक मुकाम
2025 का FIDE महिला शतरंज विश्व कप जॉर्जिया के बटुमी में ग्रैंड बेलाजियो होटल एंड कसीनो में खेला जा रहा है। इस टूर्नामेंट में भारत का पहला विश्व खिताब जीतने का सपना कोनेरू हंपी और दिव्या देशमुख के हाथों अब साकार होने जा रहा है। दो भारतीय महिला ग्रेंड मास्टरों के बीच होने वाले इस मुकाबले में जीत किसी भी खिलाड़ी को मिले,विश्व विजेता होने का गौरव भारत को ही मिलेगा।
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सेमीफाइनल के रोमांचक मुकाबले
दिव्या देशमुख ने सेमीफाइनल में तान झोंगयी (चीन) को 1.5-0.5 से हराकर फाइनल में अपनी जगह बनाई। वहीं, कोनेरू हंपी ने लेई टिंगजी (चीन) को 5-3 के अंतर से हराया। इस मुकाबले में हम्पी का पहला गेम 0.5-0.5 से ड्रॉ रहा था, लेकिन बाद के मैचों में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली।
क्वार्टर फाइनल में पहुंची थी चार भारतीय खिलाड़ी
शतरंज विश्वकप के इतिहास और भारतीय शतरंज में यह पहला मौका था जब किसी एक ही देश की चार महिला शतरंज खिलाड़ी विश्वकप जैसी बड़ी प्रतियोगिता के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में पहुंची हो। यह स्थिति शतरंज में भारतीय महिलाओं के बढ़ते हुए दबदबे को बताती है।
ग्रैंडमास्टर कोेनेरू हंपी, दिव्या देशमुख के साथ ही भारत की ग्रैंडमास्टर हरिका द्रोणावल्ली, प्रज्ञा ने भी प्रतियागिता के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई थी, लेकिन इनमें से प्रज्ञा को छोड़कर बाकी तीन ही सेमीफाइनल तक पहुंची, यहां भी फाइनल मुकाबला अब दो भारतीयों के बीच तय हो गया है।
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विजेता, उपविजेता के साथ तीसरे स्थान पर भी देश का दावा
यहां यह भी रोचक तथ्य है कि इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता के विजेता और उपविजेता भारत से होंगे यह तय हो चुका है, लेकिन प्रतियोगिता के तीसरे स्थान के लिए भी एक भारतीय महिला ग्रैंडमास्टर अपना दावा पेश करेगी। तीसरे स्थान के लिए मुकाबला भारतीय ग्रैंडमास्टर हरिका द्रोणावल्ली और चीन की टिंगजी लेई के बीच होगा।
इसमें यदि हरिका द्रोणावल्ली जीत जाती है तो शतरंज के इतिहास में ऐसा करने वाला भारत विश्व का पहला देश बन जाएगा, जिसके पास प्रतियोगिता के पहले तीन स्थान होंगे।
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