सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्वनी दुबे की पुस्तक 'एंड ऑफ कॉलोनियम लॉज- फ्राम विजन टू एक्शन' कानून जगत के लिए उपयोगी

सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्वनी दुबे की पुस्तक एंड ऑफ कॉलोनियम लॉज- फ्राम विजन टू एक्शन का गुरुवार को दिल्ली के साहित्य अकादमी सभागार में लोकार्पण किया गया। इस कार्यक्रम में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी शामिल हुए।

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Deeksha Nandini Mehra
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Delhi News

Book launch ceremony of Supreme Court lawyer Ashwani Dubey's book End of Colonial Laws - From Vision to Action From left to right Ashwani Dubey, Pradeep Kulshrestha, Justice Navin Sinha, Justice Sudhir Agarwal, Dr. Alok Mehta, Sh Kailash Vijayvargiya.

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आनंद पांडे @ नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्वनी दुबे की पुस्तक एंड ऑफ कॉलोनियम लॉज- फ्राम विजन टू एक्शन ( End of Colonium Lodge- From Vision to Action ) का गुरुवार को दिल्ली के साहित्य अकादमी सभागार में लोकार्पण किया गया है। इस दौरान बीजेपी नेता और मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ( Kailash Vijayvargiya ) ने कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने इस पुस्तक को कानून जगत के लिए बहुत उपयोगी बताया। उन्होंने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने अंग्रेजों के काले कानूनों को समाप्त करते हुए तीन नये कानून लागू करके लोगों को जल्दी और आसानी न्याय दिलाने की व्यवस्था लागू की है। प्रधानमंत्री मोदी ने देश में स्वच्छता अभियान के माध्यम से सफाई का संदेश ही नहीं दिया है बल्कि सभी क्षेत्रों से कचरा निकालने का भी काम किया है। 

साहित्य अकादमी सभागार में आयोजित लोकापर्ण कार्यक्रम में मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि यह पुस्तक न्याय जगत से जुड़े लोगों के लिए ही नहीं बल्कि सभी के लिए बहुत उपयोगी साबित होगी। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने, भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण और तीन तलाक को खत्म करने के साथ ही तीन नए कानून बनाकर कीर्तिमान स्थापित किया है। 

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इस पुस्तक के बाद नए कानूनों का समझना बहुत आसान

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के जज जस्टिस सुधीर अग्रवाल ने कहा कि वैदिक काल से भारत में न्याय की परंपरा रही है। न्याय को धर्म का पर्यायवाची माना जाता था। न्याय और धर्म ईश्वरीय आधारित व्यवस्था रही। इस पुस्तक के आने के बाद नए कानूनों का समझना बहुत आसान है। देश की विभिन्न अदालतों में करोड़ों मुकदमे लंबित हैं। कई उच्च न्यायालयों में 50 वर्षों से ज्यादा मामले लंबित पड़े हैं। उन्होंने कहा कि न्याय प्रक्रिया में नए कानूनों से तेजी आएगी। इस बात को अश्वनी दुबे ने पुस्तक में गंभीरता से उठाया है। 

सुप्रीम कोर्ट में जज रहे जस्टिस नवीन सिन्हा ने कहा कि अश्वनी दुबे की पुस्तक कानूनविदों के साथ-साथ कानून की पढ़ाई करने वालों के लिए उपयोगी साबित होगी। उन्होंने कहा कि कानूनों के सरल होने से लोगों को जल्दी न्याय मिलेगी और न्याय पालिका मजबूत होगी। 

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कार्यक्रम के अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष आलोक मेहता ने कहा कि पुस्तक एंड ऑफ कॉलोनियम लॉज- फ्राम विजन टू एक्शन में नए कानूनों की जानकारी देने के साथ ही भारत की प्राचीन न्याय व्यवस्था के बारे प्रमाणिक जानकारी देती है। उन्होंने कहा कि न्याय दिलाने के कारण न्यायाधीशों और वकीलों को भगवान का दर्जा दिया जाता है। इस कारण वकालत के पेशे में ईमानदारी आवश्यक है। 

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वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश खन्ना ने कहा कि नए कानूनों के बारे लिखी गई पहली किताब एंड ऑफ कॉलोनियम लॉज- फ्राम विजन टू एक्शन में गहनता से वर्णन किया गया है। बेनेट यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ लॉ के डीन डॉ प्रदीप कुलश्रेष्ठ, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव रोहित पांडेय आदि ने विचार व्यक्त किए। लोकार्पण समारोह में दिल्ली के न्याय जगत की महत्वपूर्ण हस्तियों ने हिस्सा लिया। 

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