दिवाली पर रोशनी फैलाएगा नया जीएसटी रिफॉर्म, कारें और बाइक्स होंगी सस्ती!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त के दिन लाल किला से नए जीएसटी रिफॉर्म का ऐलान किया था। अब इस रिफॉर्म को सभी राज्यों को भेज दिया गया है।

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केंद्र सरकार ने नेक्स्ट जेन जीएसटी का प्रस्ताव सभी राज्यों को भेज दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किला से नए जीएसटी रिफॉर्म का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि दिवाली पर नया जीएसटी रिफॉर्म को लागू किया जाएगा। नए जीएसटी रिफॉर्म के मुताबिक छोटी कारें सस्ती हो सकती हैं। वहीं, लग्जरी कार खरीदने वाले लोगों को महंगाई का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि, लग्जरी कार महंगी होने की उम्मीद की जा रही है। 

नए जीएसटी रिफॉर्म में कितना बदलाव

सरकार का कहना है कि छोटी कारें और एंट्री लेवल बाइक लग्जरी आइटम नहीं हैं। ऐसे में इन पर टैक्स कम होना चाहिए। वहीं, लग्जरी कार और बाइक्स को 40 फीसदी तक विशेष टैक्स स्लैब में रखा जा सकता है। सोना-चांदी पर लगने वाली जीएसटी रिपोर्ट पर बात करें तो पहले की ही तरह सोना पर 3 फीसदी और हीरे पर 0.25 फीसदी टैक्स लागू रहेगा।

नेक्स्ट जेन जीएसटी रिफॉर्म खबर पर एक नजर 

  • केंद्र सरकार ने नेक्स्ट जेन जीएसटी रिफॉर्म का प्रस्ताव सभी राज्यों को भेजा, जिसमें छोटी कारों पर टैक्स कम करने और लग्जरी कारों पर टैक्स बढ़ाने की संभावना है।

  • सरकार का कहना है कि छोटी कारें और एंट्री लेवल बाइक लग्जरी आइटम नहीं हैं, जबकि लग्जरी कार और बाइक्स पर 40% तक विशेष टैक्स स्लैब लागू हो सकता है।

  • सोना और चांदी पर जीएसटी वही रहेगा: सोना पर 3% और हीरे पर 0.25% टैक्स।

  • केंद्र सरकार इस साल अक्टूबर-नवंबर तक सेस समाप्त करने और स्वास्थ्य तथा कृषि बीमा पर 0-5% जीएसटी लगाने की योजना बना रही है।

  • नए जीएसटी रिफॉर्म का उद्देश्य टैक्स चोरी और फर्जीवाड़े पर रोक लगाना है, साथ ही आईटीसी की समस्या को भी खत्म करना है।

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ढाई साल से नए जीएसटी रिफॉर्म पर चल रहा था काम 

जानकारी के मुताबिक, बीते ढाई साल से केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और उनकी टीम काम कर रही थी। उनका लक्ष्य टैक्स चोरी और फर्जीवाड़े पर रोक लगाना है। केंद्र सरकार ने यह प्रस्ताव पहले ही अपने मंत्री समूह को भेज दिया है। वह अपनी सिफारिश को अब जीएसटी काउंसिल को सौंपेगा और काउंसिल ही अंतिम निर्णय लेगी। इधर, सरकार को पूरा भरोसा है कि इस बार गैर बीजेपी शासित प्रदेश में नए जीएसटी रिफॉर्म का विरोध नहीं करेंगे।

केंद्र सरकार इस साल के अक्टूबर-नवंबर तक सेस समाप्त करने की तैयारी में है। इसके अलावा स्वास्थ्य और कृषि बीमा को 0 से 5 फीसदी जीएसटी स्लैब में लाने का भी प्रस्ताव है।

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लोगों के जेब में बढ़ेगा पैसा

अधिकारियों के मुताबिक, कम टैक्स लगाने का मतलब है कि लोगों के जेब में ज्यादा पैसा होगा। ऐसे में बाजार में खप्त भी बढ़ेगी। अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा। सरकारी सूत्र ने नए जीएसटी रिफॉर्म पर अपनी राय रखते हुए कहा है कि नई संरचना को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि बार-बार दरों में बदलाव की मांग न उठे और इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) की समस्या भी खत्म हो जाएगी। 

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पट्रोल और डीजल की कीमत में कितना असर

हाल ही में एक रिपोर्ट के अनुसार, पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने में अभी कुछ और समय लगेगा। यानी, भले ही जीएसटी 2.0 लागू हो जाए, लेकिन पेट्रोल और डीजल की कीमतों में तत्काल कोई बदलाव नहीं होगा।

तम्बाकू, शराब और सिगरेट पर असर 

वित्त मंत्रालय ने तम्बाकू, शराब और सिगरेट जैसी उत्पादों पर 40 प्रतिशत जीएसटी लागू करने का प्रस्ताव दिया है। यह एक विशेष प्रस्ताव है जिसे 'स्पेशल रेट्स' के रूप में जीएसटी काउंसिल के सामने रखा जाएगा। अगर यह प्रस्ताव मंजूर हो जाता है, तो इन उत्पादों की कीमतों में इजाफा हो सकता है।

यह बदलाव इसलिए भी अहम है क्योंकि तम्बाकू और शराब जैसे उत्पादों से सरकार को बहुत अधिक राजस्व (Revenue) मिलता है। इसलिए इन पर जीएसटी का असर आम आदमी पर सीधा पड़ेगा।

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