प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़कों से हो रही जीएसटी चोरी, रायपुर, दुर्ग-भिलाई, रायगढ़ से मध्य प्रदेश तक सरिया तस्करी

छत्तीसगढ़ के रायपुर, दुर्ग-भिलाई और रायगढ़ के औद्योगिक क्षेत्रों से मध्य प्रदेश तक बिना GST चुकाए सरिया सप्लाई करने वाले एक बड़े टैक्स चोरी नेटवर्क का खुलासा हुआ है। यह गिरोह प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) की सड़कों का उपयोग कर रहा है।

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Krishna Kumar Sikander
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GST theft from Pradhan Mantri Gramin Sadak the sootr
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छत्तीसगढ़ के रायपुर, दुर्ग-भिलाई, और रायगढ़ के औद्योगिक क्षेत्रों से मध्य प्रदेश तक बिना जीएसटी चुकाए सरिया सप्लाई करने वाला एक बड़ा टैक्स चोरी का नेटवर्क सामने आया है। टैक्स चोर अब टोल नाकों और राजमार्गों पर कड़ी निगरानी से बचने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाय) की सड़कों का सहारा ले रहे हैं।

फर्जी बिलों और बिना ई-वे बिल के सरिया परिवहन कर ये गिरोह राज्य के खजाने को हर महीने करोड़ों रुपये का चूना लगा रहे हैं। छत्तीसगढ़ राज्य जीएसटी विभाग ने इस अवैध कारोबार पर शिकंजा कसने के लिए फ्लाइंग स्क्वॉड की संख्या बढ़ाकर 15 कर दी है और ग्रामीण क्षेत्रों में भी सख्ती शुरू कर दी है।

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टैक्स चोरों का नया हथकंडा, पीएम सड़कों का दुरुपयोग

राज्य जीएसटी विभाग को मिली खुफिया जानकारी के अनुसार, टैक्स चोर टोल नाकों पर रेडियो फ्रीक्वेंसी आधारित सिस्टम और नियमित जांच से बचने के लिए अब राजमार्गों से परहेज कर रहे हैं। इसके बजाय, वे पीएम ग्रामीण सड़क योजना के तहत बनी सड़कों का उपयोग कर मध्य प्रदेश की सीमा में प्रवेश कर रहे हैं।

ये सड़कें, जो ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने के लिए बनाई गई थीं, अब टैक्स चोरों के लिए सुरक्षित रास्ता बन गई हैं। सरिया को बिना ई-वे बिल या फर्जी बिलों के जरिए मध्य प्रदेश के जबलपुर, इंदौर, और मंडला जैसे शहरों में भेजा जा रहा है, जहां यह अवैध कारोबार बड़े पैमाने पर फल-फूल रहा है।

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हर महीने 2.5 करोड़ का जुर्माना, फिर भी नहीं रुक रहा खेल

राज्य जीएसटी विभाग के सूत्रों के अनुसार, टोल नाकों पर की जा रही सख्ती के बावजूद सरिया तस्करी का यह धंधा रुक नहीं रहा है। विभाग हर महीने टैक्स चोरी करने वाली कंपनियों से 2 से 2.5 करोड़ रुपये तक का जुर्माना वसूल रहा है। रेडियो फ्रीक्वेंसी आधारित सिस्टम और नियमित जांच ने राजमार्गों पर अवैध परिवहन को काफी हद तक नियंत्रित किया है, लेकिन टैक्स चोरों ने अब ग्रामीण सड़कों को अपना नया रास्ता बना लिया है। इससे छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के राजस्व को हर महीने करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है।

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सरिया पर 18% जीएसटी, फर्जी बिलों से चोरी

सरिया 18 प्रतिशत जीएसटी स्लैब के अंतर्गत आता है, जिसके कारण यह टैक्स चोरों के लिए बड़ा मुनाफा कमाने का जरिया बन गया है। जांच में पता चला है कि टैक्स चोर रायपुर, दुर्ग-भिलाई, और रायगढ़ की सरिया फैक्ट्रियों से सामान खरीदकर बिना ई-वे बिल या फर्जी बिलों के जरिए मध्य प्रदेश भेजते हैं।

ये फर्जी बिल नकली फर्मों के नाम पर बनाए जाते हैं, जिससे जीएसटी चोरी आसान हो जाती है। जबलपुर इस अवैध कारोबार का प्रमुख केंद्र बनकर उभरा है, जबकि इंदौर और मंडला जैसे शहर भी इस नेटवर्क का हिस्सा हैं।

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जीएसटी विभाग की सख्ती, फ्लाइंग स्क्वॉड की संख्या बढ़ी

टैक्स चोरी के इस बढ़ते खेल पर अंकुश लगाने के लिए राज्य जीएसटी विभाग ने कार्रवाई तेज कर दी है। हाल ही में फ्लाइंग स्क्वॉड की संख्या 8 से बढ़ाकर 15 कर दी गई है। ये उड़नदस्ते अब ग्रामीण सड़कों और सीमावर्ती क्षेत्रों में भी निगरानी बढ़ा रहे हैं। राज्य जीएसटी आयुक्त पुष्पेंद्र सिंह मीणा ने बताया, “हमारी सख्ती के कारण टैक्स चोरी के मामलों में 40 प्रतिशत की कमी आई है। अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी निगरानी बढ़ाई जा रही है ताकि इस अवैध कारोबार को पूरी तरह रोका जा सके।”

जबलपुर बना अवैध सरिया का गढ़

जांच में सामने आया है कि मध्य प्रदेश का जबलपुर अवैध सरिया कारोबार का सबसे बड़ा केंद्र है। केंद्रीय जीएसटी विभाग भी वहां लगातार छापेमारी कर रहा है। इस कारोबार का नेटवर्क इंदौर, मंडला, और अन्य शहरों तक फैला हुआ है। सूत्रों के अनुसार, छत्तीसगढ़ से मध्य प्रदेश तक सरिया तस्करी में कई बड़ी कंपनियां और फर्जी फर्में शामिल हैं, जिनके खिलाफ अब केंद्रीय और राज्य जीएसटी विभाग संयुक्त रूप से कार्रवाई कर रहे हैं।

सरकार और जनता पर प्रभाव

इस टैक्स चोरी रैकेट ने छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के राजस्व को भारी नुकसान पहुंचाया है। पीएम ग्रामीण सड़क योजना, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बढ़ाना था, अब टैक्स चोरों के लिए अवैध कारोबार का रास्ता बन गई है। यह स्थिति न केवल सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि वैध व्यापारियों के लिए भी अनुचित प्रतिस्पर्धा पैदा कर रही है। स्थानीय व्यापारियों ने जीएसटी विभाग से इस रैकेट पर पूरी तरह रोक लगाने की मांग की है।

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