माघ गुप्त नवरात्रि कल से, मुहूर्त, पूजा विधि, सामग्री की पूरी जानकारी

ज्योतिषाचार्य जनार्दन शुक्ला के अनुसार माघ माह की गुप्त आराधना 10 से 18 फरवरी तक की जाएगी। माघ गुप्त नवरात्र के दौरान 9 दिन तक दस महाविद्याओं की पूजा-अर्चना गुप्त तरीके से की जाएगी।

Advertisment
author-image
Pooja Kumari
New Update
NAVRATRI
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

BHOPAL. हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है। नौ दिनों तक चलने वाले इस पर्व में शक्ति की साधना की जाती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल में चार बार नवरात्रि का पर्व होता है। बता दें कि चैत्र और शारदीय नवरात्रि के अलावा दो गुप्त नवरात्रि भी पड़ती है। हिंदू पंचांग के अनुसार पहली गुप्त नवरात्रि माघ मास में और दूसरी आषाढ़ मास में पड़ती है। माघ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक गुप्त नवरात्रि मनाई जाती है। इस नवारात्रि में मां दुर्गा के भक्त 9 दिनों तक गुप्त तरीके से शक्ति साधना व तंत्र सिद्धि करते हैं। गुप्त नवरात्रि को गुप्त साधना और विद्याओं की सिद्धि के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। देवी भागवत महापुराण में मां दुर्गा की पूजा के लिए इन चारों नवरात्रियों का उल्लेख मिलता है।

अयोध्या जाएगी पैलेस ऑन व्हील्स, मेन्यू में रहेगा शाकाहारी भोजन

क्या है माघ गुप्त नवरात्रि

माघ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक गुप्त नवरात्रि मनाई जाती है। हिंदू पंचाग के अनुसार इस साल माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत कल यानी 10 फरवरी से होने जा रही है। वहीं इसका समापन रविवार 18 फरवरी 2024 को होगा। प्रत्यक्ष नवरात्रि में मां भगवती की पूजा जहां माता के ममत्व के रूप में की जाती है, तो वहीं गुप्त नवरात्रि में देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा शक्ति रूप में की जाती है। मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में देवी साधना किसी को बता कर नहीं की जाती है। इसलिए इस नवरात्रि का नाम ही गुप्त दिया गया है। गुप्त नवरात्रि के दौरान 9 दिनों तक मां दुर्गा का पूजा-अनुष्ठान गुप्त रूप से किए जाते हैं। कहा जाता है कि इस नवरात्रि में देवी साधना से शीघ्र प्रसन्न होती हैं और मनोवांछित फल प्रदान करती हैं। 

'राम भारत की आस्था हैं, भारत के आधार हैं', अयोध्या राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद बोले PM मोदी

गुप्त नवरात्रि में पूजा कैसे करें?

इस नवरात्रि में देवी के मां कालिके, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी देवी, भुनेश्वरी देवी, मां धूम्रावती, बगुलामुखी माता, मातंगी माता और देवी कमला की गुप्त नवरात्रि में पूजा की जाती है। मंत्र जाप, श्री दुर्गा सप्तशती, हवन के द्वारा इन दिनों देवी साधना करते हैं। यदि आप हवन आदि कर्मकांड करने में असहज हों तो नौ दिन का किसी भी तरह का संकल्प जैसे सवा लाख मंत्रों का जाप कर अनुष्ठान कर सकते हैं, या फिर राम रक्षा स्त्रोत, देवी भागवत आदि का नौ दिन का संकल्प लेकर पाठ कर सकते हैं। अखंड ज्योति जलाकर साधना करने से भी माता प्रसन्न होती हैं।

 अयोध्या जाने वाली आस्था स्पेशल ट्रेनों में सिर्फ ग्रुप रिजर्वेशन, सिंगल-डबल यात्रियों को टिकट नहीं


मां दुर्गा की ऐसे करें पूजा


गुप्त नवरात्रि के दौरान तांत्रिक और अघोरी मां दुर्गा की आधी रात में पूजा करते हैं। मां दुर्गा की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित कर लाल रंग का सिंदूर और सुनहरे गोटे वाली चुनरी अर्पित की जाती है। इसके बाद मां के चरणों में पूजा सामग्री को अर्पित किया जाता है। मां दुर्गा को लाल पुष्प चढ़ाना शुभ माना जाता है।

अयोध्या जाने से पहले पढ़ें ये खबर, जानें अयोध्या घूमने से लेकर रामलला के दर्शन करने की सारी जानकारी

गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा को इन चीजों का लगाएं भोग

  • प्रतिपदा - रोगमुक्त रहने के लिए प्रतिपदा तिथि के दिन मां शैलपुत्री को गाय के घी से बनी सफेद चीजों का भोग लगाएं।
  • द्वितीया - लंबी उम्र के लिए द्वितीया तिथि को मां ब्रह्मचारिणी को मिश्री, चीनी और पंचामृत का भोग लगाएं।
  • तृतीया - दुख से मुक्ति के लिए तृतीया तिथि पर मां चंद्रघंटा को दूध और उससे बनी चीजों का भोग लगाएं।
  • चतुर्थी - तेज बुद्धि और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ाने के लिए चतुर्थी तिथि पर मां कुष्मांडा को मालपुए का भोग लगाएं।
  • पंचमी - स्वस्थ शरीर के लिए मां स्कंदमाता को केले का भोग लगाएं।
  • षष्ठी - आकर्षक व्यक्तित्व और सुंदरता पाने के लिए षष्ठी तिथि के दिन मां कात्यायनी को शहद का भोग लगाएं।
  • सप्तमी - संकटों से बचने के लिए सप्तमी के दिन मां कालरात्रि की पूजा में गुड़ का नैवेद्य अर्पित करें।
  • अष्टमी - संतान संबंधी समस्या से छुटकारा पाने के लिए अष्टमी तिथि पर मां महागौरी को नारियल का भोग लगाएं।
  • नवमी - सुख-समृद्धि के लिए नवमी पर मां सिद्धिदात्री को हलवा, चना-पूरी, खीर आदि का भोग लगाएं।

माघ गुप्त नवरात्रि की तिथियां

  • 10 फरवरी - घटस्थापना, शैलपुत्री पूजा
  • 11 फरवरी - ब्रह्मचारिणी पूजा
  • 12 फरवरी - चन्द्रघण्टा पूजा
  • 13 फरवरी - कूष्माण्डा पूजा
  • 14 फरवरी -  स्कन्दमाता पूजा
  • 15 फरवरी - कात्यायनी पूजा
  • 16 फरवरी - कालरात्रि पूजा
  • 17 फरवरी - दुर्गा अष्टमी, महागौरी पूजा
  • 18 फरवरी - सिद्धिदात्री पूजा, नवरात्रि पारण
गुप्त नवरात्रि