आनंद स्वरूप ने कहा- हर्षा रिछारिया जैसी कुंभ में लाखों लड़कियां

महाकुंभ में महिला एंकर हर्षा रिछारिया और संत आनंद स्वरूप के बीच विवाद गहराया। आनंद स्वरूप ने हर्षा पर सनातन धर्म का मजाक बनाने का आरोप लगाया।

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Sandeep Kumar
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महाकुंभ मेला, जिसे सनातन धर्मियों का सबसे बड़ा समागम माना जाता है, इस बार विवादों में घिर गया है। प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेले में महिला एंकर और अभिनेत्री हर्षा रिछारिया ने आरोप लगाया कि उन्हें संत आनंद स्वरूप और अन्य संतों ने अपमानित किया। हर्षा का कहना है कि वह सिर्फ एक साधारण शिष्या हैं, जो अपने गुरुदेव के सानिध्य में महाकुंभ को समझने और महसूस करने आई थीं।

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आनंद स्वरूप का पक्ष

शांभवी पीठाधीश्वर आनंद स्वरूप ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि महाकुंभ सनातन धर्म और अध्यात्म का पर्व है, जहां इस तरह की घटनाएं केवल धर्म का मजाक उड़ाने का प्रयास हैं। उन्होंने कहा, "हर्षा जैसी लाखों लड़कियां यहां आई हुई हैं। अगर मैंने उसे सही राह दिखाने की कोशिश की तो इसमें कुछ गलत नहीं। सनातन धर्म का मजाक मैं बर्दाश्त नहीं कर सकता।

हर्षा का दर्द 

हर्षा रिछारिया ने मीडिया को दिए इंटरव्यू में कहा, "मैं न तो मॉडल हूं और न ही संत। मैं सिर्फ एक साधारण शिष्या हूं। संतों ने मेरे महिला होने के बावजूद मेरा अपमान किया। उन्होंने यह भी कहा कि वह अब महाकुंभ मेला छोड़कर जा रही हैं।

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विवाद की जड़

इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब हर्षा रिछारिया महामंडलेश्वर के रथ पर सवार होकर सनातनी परंपरा को बढ़ावा देने की बात कह रही थीं। इस पर आनंद स्वरूप ने आपत्ति जताई और इसे धर्म के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि धर्म के मूल्यों की रक्षा करना उनका कर्तव्य है और उन्होंने इसी कारण हर्षा को रोका।

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समाधान की दिशा

आनंद स्वरूप ने कहा कि धर्माचार्यों के साथ चर्चा कर इस मामले पर सख्त कदम उठाए जाएंगे। उनका मानना है कि सनातन धर्म को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही या मजाक बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

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FAQ

महाकुंभ विवाद में हर्षा रिछारिया का क्या पक्ष है?
हर्षा का कहना है कि वह सिर्फ एक साधारण शिष्या हैं और संतों ने उनके साथ गलत व्यवहार किया।
आनंद स्वरूप ने क्या आरोप लगाए?
आनंद स्वरूप ने आरोप लगाया कि हर्षा ने सनातन धर्म का मजाक बनाया और गलत राह पर चल रही थीं।
महाकुंभ में यह विवाद कैसे शुरू हुआ?
विवाद तब शुरू हुआ जब हर्षा महामंडलेश्वर के रथ पर सवार होकर सनातनी परंपराओं की बात कर रही थीं।
क्या हर्षा ने महाकुंभ छोड़ने का फैसला किया?
हां, हर्षा ने कहा कि वह अब महाकुंभ मेला छोड़कर जा रही हैं।
आनंद स्वरूप का इस विवाद पर क्या कहना है?
आनंद स्वरूप ने कहा कि धर्म के मूल्यों की रक्षा करना उनका कर्तव्य है और सनातन धर्म का मजाक बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।



 

 

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