महाकुंभ मेला, जिसे सनातन धर्मियों का सबसे बड़ा समागम माना जाता है, इस बार विवादों में घिर गया है। प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेले में महिला एंकर और अभिनेत्री हर्षा रिछारिया ने आरोप लगाया कि उन्हें संत आनंद स्वरूप और अन्य संतों ने अपमानित किया। हर्षा का कहना है कि वह सिर्फ एक साधारण शिष्या हैं, जो अपने गुरुदेव के सानिध्य में महाकुंभ को समझने और महसूस करने आई थीं।
शांभवी पीठाधीश्वर आनंद स्वरूप ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि महाकुंभ सनातन धर्म और अध्यात्म का पर्व है, जहां इस तरह की घटनाएं केवल धर्म का मजाक उड़ाने का प्रयास हैं। उन्होंने कहा, "हर्षा जैसी लाखों लड़कियां यहां आई हुई हैं। अगर मैंने उसे सही राह दिखाने की कोशिश की तो इसमें कुछ गलत नहीं। सनातन धर्म का मजाक मैं बर्दाश्त नहीं कर सकता।
हर्षा का दर्द
हर्षा रिछारिया ने मीडिया को दिए इंटरव्यू में कहा, "मैं न तो मॉडल हूं और न ही संत। मैं सिर्फ एक साधारण शिष्या हूं। संतों ने मेरे महिला होने के बावजूद मेरा अपमान किया। उन्होंने यह भी कहा कि वह अब महाकुंभ मेला छोड़कर जा रही हैं।
इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब हर्षा रिछारिया महामंडलेश्वर के रथ पर सवार होकर सनातनी परंपरा को बढ़ावा देने की बात कह रही थीं। इस पर आनंद स्वरूप ने आपत्ति जताई और इसे धर्म के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि धर्म के मूल्यों की रक्षा करना उनका कर्तव्य है और उन्होंने इसी कारण हर्षा को रोका।
आनंद स्वरूप ने कहा कि धर्माचार्यों के साथ चर्चा कर इस मामले पर सख्त कदम उठाए जाएंगे। उनका मानना है कि सनातन धर्म को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही या मजाक बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।