बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने जगन्नाथ पुरी में आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान महाकुंभ की भूमि को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। महाकुंभ के आयोजन स्थल की भूमि को लेकर रजवी बरेलवी के बयान पर पलटवार करते हुए पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि कुंभ की भूमि किसी के अब्बा (father) की नहीं, बल्कि "हमारे बब्बा" की है।
रजवी बरेलवी ने दिया था ये बयान...
दरअसल, ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कुछ दिन पहले महाकुंभ आयोजन वाली भूमि को वक्फ बोर्ड की प्रॉपर्टी बताया था। उनके अनुसार, उस भूमि पर मुसलमानों का हक है, क्योंकि यह वक्फ की संपत्ति है। उन्होंने कहा था कि महाकुंभ मेले के आयोजन में जिस प्रकार नागा साधु और बाबाओं ने मुसलमानों के एंट्री पर रोक लगाई। वो खुद जिस भूमि के हिस्से पर टेंट और मेला लगा रहे हैं, वो वक्फ की और मुसलमानों की जमीन है।
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जो तुम्हारे पास हैं, वो भी हमने दी है...
अब कुंभ की जमीन पर दिए मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी के बयान पर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह भूमि किसी और की नहीं बल्कि हमारे पूर्वजों की है और इस्लाम का जन्म भारत से नहीं, बल्कि अरब से हुआ था। महाकुंभ की जगह किसी के अब्बा की नहीं है वो हमारे बब्बा की है। जो तुम्हारे पास भूमि है, वह हमारी उदारता से है।
सनातन दुनिया का सबसे पुराना धर्म
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जगन्नाथ पूरी में आयोजित भागवत कथा में शामिल होने पहुंचे थे। जहां पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने सनातन धर्म की महानता और उदारता के बारे में महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म दुनिया का सबसे पुराना और विशाल धर्म है, जो 'वसुधैव कुटुंबकम्' के सिद्धांत पर आधारित है।
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सनातन धर्म में उदारता
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने स्पष्ट किया कि सनातन धर्म में इतनी उदारता है कि हम अपनी जमीन पर दूसरों को भी स्थान देते हैं, लेकिन उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि इस उदारता का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए। उनका कहना था कि जो लोग हमारी भूमि पर दावा करते हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि यह हमारी उदारता का परिणाम है, लेकिन इसके साथ ही हमें अपने अधिकारों की रक्षा भी करनी होगी।
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हमें इंटेलिजेंट हिंदू बनना है...
बाबा बागेश्वर ने हिंदू समाज को एकजुट करने के लिए हिंदू समाज में एकता की कमी का कारण यह है कि हिंदू बच्चों को गीता और रामायण का ज्ञान नहीं दिया जा रहा है। इसके विपरीत, मुस्लिमों को कुरान और ईसाइयों को बाइबल का ज्ञान होता है, जो उनके समाज को संगठित करता है। तो हमें "इंटेलिजेंट हिंदू" (Intelligent Hindus) बनना होगा।
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