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ats-caa-nrc-suspects-investigation Photograph: (thesootr)
महाकुंभ के दौरान भगदड़ की घटना को लेकर सुरक्षा एजेंसियां साजिश के एंगल से जांच कर रही हैं। ATS, STF, NIA और अन्य एजेंसियों ने ऐसे 10,000 संदिग्धों को चिन्हित किया है, जिनकी सोशल मीडिया गतिविधियां और पिछला आपराधिक रिकॉर्ड संदेह के घेरे में है। इनमें से कई सीएए-एनआरसी के विरोध प्रदर्शनों में भी शामिल थे। केंद्र और राज्य सरकार की कई सुरक्षा एजेंसियां मामले की जांच में जुटी हैं।
महाकुंभ में भगदड़ को माना साजिश
मौनी अमावस्या के अवसर पर महाकुंभ में भगदड़ की घटना ने सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया है। केंद्र और राज्य सरकार की एजेंसियां इसे साजिश मानते हुए जांच कर रही हैं। ATS, STF, NIA, और LIU जैसी प्रमुख एजेंसियां इस घटना की तह तक पहुंचने के लिए एक्टिव हो गई हैं।
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शक के दायरे में 10 हजार संदिग्ध
एटीएस के अनुसार, करीब 10,000 संदिग्धों पर नजर रखी जा रही है। इनमें से कई लोग सीएए-एनआरसी विरोध प्रदर्शनों में सक्रिय थे। सोशल मीडिया पर संदिग्ध गतिविधियों, फेस रिकग्निशन तकनीक और इंटेलीजेंस इनपुट्स के जरिए इनकी पहचान की गई है।
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10 जिलों से करीब 16 हजार संदिग्धों की लिस्ट
वाराणसी समेत आस-पास के 10 जिलों से करीब 16,000 संदिग्धों की लिस्ट तैयार की गई है। इनमें से 117 लोगों को काशी के बाहर नोटिस किया गया। यूपी एटीएस ने वाराणसी में एनएसयूआई नेता जमाल के बेटे सिराजुद्दीन से भी पूछताछ की है।
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पीएफआई के 18 आतंकियों से पूछताछ
संदिग्धों की पहचान सोशल मीडिया गतिविधियों, फेस रिकग्निशन और इंटेलीजेंस इनपुट्स के जरिए की गई। जेल में बंद पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) के 18 आतंकियों से भी पूछताछ जारी है। इन सबूतों के आधार पर एजेंसियां अपनी जांच को आगे बढ़ा रही हैं।
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सुरक्षा एजेंसियां आईं एक्शन में
महाकुंभ जैसे बड़े आयोजनों को सुरक्षित बनाने के लिए सुरक्षा एजेंसियां कई स्तरों पर सतर्क हैं। पहले से ही संदिग्धों पर नजर रखी जा रही थी। बावजूद इसके बड़ी संख्या में कुछ संदिग्ध महाकुंभ में पहुंचे। अब एजेंसियां सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर साजिश का पर्दाफाश करने में जुटी हैं।