महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में ऐप आधारित टैक्सी और ऑटो सेवाओं को नियमित करने के लिए एग्रीगेटर पॉलिसी को मंजूरी दे दी है।
यह नीति राज्य के गृह विभाग द्वारा जारी की गई है, जिसका मकसद इन सेवाओं को सुरक्षित और न्यायपूर्ण बनाना है। इससे यात्रियों और ड्राइवरों दोनों के अधिकारों की सुरक्षा होगी और सेवा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
🚖 क्या है एग्रीगेटर पॉलिसी
नई पॉलिसी के अनुसार, सभी ऐप आधारित टैक्सी और ऑटो सेवाएं संचालित करने वाले एग्रीगेटर्स का महाराष्ट्र में कार्यालय होना अनिवार्य होगा।
किराए की सीमा तय करने के साथ-साथ ड्राइवर और यात्री दोनों के लिए राइड कैंसिलेशन पर जुर्माना निर्धारित किया गया है। अगर कोई ड्राइवर बिना कारण राइड रद्द करता है तो उसे 100 रुपए या कुल किराए का 10 प्रतिशत (जो भी कम हो) यात्री के वॉलेट में जमा करना होगा।
वहीं, यदि यात्री बिना वजह राइड कैंसिल करता है तो उसे 50 रुपए या किराए का 5 प्रतिशत ड्राइवर को देना होगा।
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📏 किराए और छूट का नियंत्रण
नई नीति में किराए की भी स्पष्ट सीमा तय की गई है। न्यूनतम दूरी तीन किलोमीटर निर्धारित की गई है। ड्राइवर को किराए का कम से कम 80% हिस्सा मिलेगा।
कम मांग वाले समय में अधिकतम 25% की छूट दी जा सकेगी, जबकि अधिक मांग के दौरान किराया 1.5 गुना तक बढ़ाया जा सकता है।
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🔒 यात्रियों की सुरक्षा सबसे ऊपर
सभी एग्रीगेटर कंपनियों को ड्राइवरों का पुलिस वेरिफिकेशन और प्रशिक्षण अनिवार्य करना होगा। प्रत्येक वाहन में रियल-टाइम ट्रैकिंग, इमरजेंसी बटन और शिकायत निवारण प्रणाली जैसी सुरक्षा सुविधाएं होनी चाहिए।
महिलाओं के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं, जिनमें महिला यात्रियों के लिए राइड शेयरिंग केवल महिला ड्राइवरों के साथ ही संभव होगी। इसके अलावा, ड्राइवर और यात्री दोनों के लिए बीमा कवर भी उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा।
🚦 कार पूलिंग और कैंसिलेशन नियम
एक ड्राइवर या यूजर सप्ताह में अधिकतम 14 बार ही कार पूलिंग सेवा ले सकेगा। इससे कैब सेवा के बार-बार रद्द होने की समस्या कम होगी और आर्थिक नुकसान से बचाव होगा।
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📜 क्यों बनें नए नियम
पहले महाराष्ट्र में काली-पीली टैक्सी और ऑटो रिक्शा के लिए नीति थी, लेकिन ऐप आधारित कैब सेवाओं के लिए कोई स्पष्ट नियम नहीं थे। लंबे समय से इस पॉलिसी की मांग हो रही थी।
अब इसके लागू होने से सेवाओं में पारदर्शिता आएगी, जुर्माने और शुल्क का न्यायसंगत निर्धारण होगा, जिससे ड्राइवर और यात्रियों दोनों को लाभ मिलेगा।
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