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NEW DELHI. मनरेगा का नाम बदलकर G RAM G करने का विरोध कांग्रेस पार्टी सड़कों पर करेगी। 5 जनवरी से देशभर में अभियान चलाया जाएगा। यह जानकारी शनिवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दी। उन्होंने कहा कि मोदी को गांधी सरनेम से दिक्कत है, इसलिए मनरेगा का नाम बदला गया।
एसआईआर पर क्या बोले खड़गे
दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में खड़गे ने कहा कि मतदाता सूची के SIR की प्रक्रिया लोकतांत्रिक अधिकारों को कम करने की साजिश है। उन्होंने कहा कि घर-घर जाकर यह सुनिश्चित करें कि गरीब, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक समुदाय के वोटर्स के नाम वोटर लिस्ट से न हटें।
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मनरेगा से गांधी का नाम हटाना अपमान : खड़गे
मनरेगा से गांधी का नाम हटाना उनका अपमान है। सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह ने इसे कानून बनाया था। हमने लोगों को हक दिया। अब नाम बदला जा रहा है। गांधी परिवार ही नहीं, गांधी का नाम भी नापसंद है। सरकार को गांधी सरनेम से दिक्कत है।
मनरेगा को सोनिया गांधी की टीम ने शुरू किया था। इसने लाखों परिवारों का भरण-पोषण किया। मनरेगा के बिना लाखों लोग मर जाते। कांग्रेस हर हाल में मनरेगा की रक्षा करेगी। मजदूरों के अधिकारों के लिए हम संघर्ष करेंगे। केंद्र सरकार ने बिना सलाह के मनरेगा को खत्म किया।
यह कानून गरीबों को कुचलने और दबाने के लिए है। भारत चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। फिर भी मनरेगा जैसी योजना क्यों बंद की गई? अगर आपके पास पैसा है, तो अमीर देशों को क्यों लूट रहे हैं? अंबानी और अडाणी देश का पैसा डुबो रहे हैं। फिर भी मजदूरों के लिए पैसा नहीं था। यह सरकार अमीरों के साथ है, गरीबों के साथ नहीं।
मोदी एकतरफा निर्णय ले रहे हैं: राहुल गांधी
मनरेगा का नाम बदलने का फैसला बिना कैबिनेट और राज्यों से पूछे लिया गया। मोदी एकतरफा निर्णय ले रहे हैं। इसका फायदा दो से तीन अरबतियों को हो रहा है। नुकसान ग्रामीण इलाकों को हो रहा है।
राहुल ने कहा कि मनरेगा सिर्फ योजना नहीं थी। यह एक राइट बेस्ड कॉन्सेप्ट था। इसके तहत करोड़ों लोगों को न्यूनतम आय मिलती थी। मनरेगा को बंद करना इस कॉन्सेप्ट पर हमला है। केंद्र सरकार राज्यों से पैसा छीन रही है। यह पावर और फाइनेंस का संकुचन है। यह फैसला पीएम हाउस से लिया गया है।
मोदी ने बिना परामर्श के समाप्त किया
बैठक से पहले खड़गे ने मनरेगा को यूपीए की दूरदर्शी योजना बताया। उन्होंने कहा कि इस योजना की विश्वभर में सराहना हुई। इसका नाम महात्मा गांधी के नाम पर रखा गया। खड़गे ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने बिना परामर्श के इसे समाप्त किया। उन्होंने कृषि कानूनों का उदाहरण दिया।
खड़गे ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमलों की निंदा की। उन्होंने कहा कि भाजपा-आरएसएस से जुड़े संगठनों ने क्रिसमस समारोहों पर हमला किया। इससे सांप्रदायिक सौहार्द और भारत की छवि को नुकसान हुआ है।
बैठक में शशि थरूर इंट्री
कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक में शशि थरूर शामिल हुए। वे पिछली दो बैठकों में नहीं आए थे। यह बैठक बिहार चुनाव में हार के बाद हुई। इसमें कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री और PCC अध्यक्ष शामिल हुए। बैठक में जी राम जी बिल पर चर्चा हो रही है।
कांग्रेस ने नए कानून पर आपत्ति जताई
UPA काल के MGNREGA की जगह नया कानून लाया गया। इसे विकसित भारत-रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) कहा गया। यह शीतकालीन सत्र में पारित हुआ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इसे मंजूरी दी। कांग्रेस ने नए कानून पर आपत्ति जताई। कांग्रेस का कहना है कि गांधी का नाम हटाना अपमान है।
नया कानून हर ग्रामीण परिवार को 125 दिनों का वेतन रोजगार देता है। यह शारीरिक श्रम के लिए तैयार वयस्कों को रोजगार की गारंटी देता है। नया कानून केंद्र और राज्यों से योजना की फंडिंग 60:40 प्रतिशत में साझा करने का प्रावधान करता है।
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