/sootr/media/media_files/2025/12/27/epfo-reforms-mansukh-mandaviya-announces-single-window-service-passport-center-2025-12-27-17-35-06.jpg)
केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने हाल ही में EPFO के कामकाज में बड़े बदलावों का ऐलान किया है। अब देश के सभी EPFO (Employees' Provident Fund Organisation) ऑफिसों को पासपोर्ट सेवा केंद्रों की तर्ज पर 'सिंगल-विंडो सर्विस सेंटर' में बदला जाएगा।
इसका उद्देश्य कर्मचारियों के लिए पीएफ से जुड़ी समस्याओं को आसान और अधिक सुलभ बनाना है। इस व्यवस्था के तहत, किसी भी शहर में स्थित EPFO ऑफिस में जाकर पीएफ से जुड़ी समस्याओं का समाधान किया जा सकेगा। अब पीएफ खाताधारकों को अपने रजिस्टर्ड ऑफिस के चक्कर नहीं काटने होंगे।
दिल्ली में शुरू हुआ पायलट प्रोजेक्ट
EPFO सुविधा प्रोवाइडर से मिलेगी मदद
सरकार जल्द ही 'ईपीएफ सुविधा प्रोवाइडर' की शुरुआत करने जा रही है। ये सुविधा प्रोवाइडर उन कर्मचारियों की मदद करेंगे, जिन्हें डिजिटल सिस्टम चलाने में परेशानी होती है, या जो पहली बार पीएफ से जुड़ रहे हैं। ये प्रोवाइडर नागरिकों और EPFO के बीच एक पुल का काम करेंगे और दावों के निपटारे में सहायता प्रदान करेंगे।
ईपीएफ के इनऑपरेटिव खातों के लिए चलेगा मिशन मोड KYC
विदेशी नौकरी के बाद भी पीएफ का पैसा रहेगा सुरक्षित
मांडविया ने बताया कि भारत अब अपने मुक्त व्यापार समझौतों (FTAs) में सोशल सिक्योरिटी क्लॉज को भी शामिल कर रहा है। इसका मतलब यह है कि अगर कोई भारतीय कर्मचारी विदेश में काम करके लौटता है, तो उसका वहां जमा पीएफ कंट्रीब्यूशन बेकार नहीं जाएगा। वह भारत लौटने पर भी अपनी जमा राशि और अन्य सुविधाओं का लाभ उठा सकेगा।
EPFO की मजबूत स्थिति और सरकार की गारंटी
सोशल सिक्योरिटी का बड़ा लक्ष्य
मांडविया ने आगे कहा कि 2014 से पहले भारत में केवल 19% आबादी को सोशल सिक्योरिटी कवर मिलता था, जो अब बढ़कर 64% हो गया है। अब, सरकार का लक्ष्य है कि मार्च 2026 तक 100 करोड़ नागरिकों को सोशल सिक्योरिटी के तहत कवर किया जाए। इस लक्ष्य की दिशा में EPFO लगातार कार्य कर रहा है।
/sootr/media/agency_attachments/dJb27ZM6lvzNPboAXq48.png)
Follow Us