अब पासपोर्ट सेवा केंद्रों जैसे बनेंगे EPFO ऑफिस, पीएफ विवाद सुलझाने के लिए नहीं जाना होगा होम टाउन

केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने EPFO ऑफिसों को सिंगल-विंडो सर्विस सेंटर में बदलने का ऐलान किया। अब कर्मचारी किसी भी EPFO ऑफिस में जाकर अपनी पीएफ समस्याओं का समाधान कर सकेंगे। 2026 तक 100 करोड़ को कवर करने का लक्ष्य।

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Anjali Dwivedi
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केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने हाल ही में EPFO के कामकाज में बड़े बदलावों का ऐलान किया है। अब देश के सभी EPFO (Employees' Provident Fund Organisation) ऑफिसों को पासपोर्ट सेवा केंद्रों की तर्ज पर 'सिंगल-विंडो सर्विस सेंटर' में बदला जाएगा।

इसका उद्देश्य कर्मचारियों के लिए पीएफ से जुड़ी समस्याओं को आसान और अधिक सुलभ बनाना है। इस व्यवस्था के तहत, किसी भी शहर में स्थित EPFO ऑफिस में जाकर पीएफ से जुड़ी समस्याओं का समाधान किया जा सकेगा। अब पीएफ खाताधारकों को अपने रजिस्टर्ड ऑफिस के चक्कर नहीं काटने होंगे।

दिल्ली में शुरू हुआ पायलट प्रोजेक्ट

केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने बताया कि दिल्ली में पायलट प्रोजेक्ट शुरू हो चुका है। पहले, पीएफ खाताधारकों को अपनी शिकायतें या दावे करने के लिए अपने क्षेत्रीय ऑफिस जाना पड़ता था। अब, डिजिटल तकनीक की मदद से इसे और भी आसान और कनेक्टेड बना दिया गया है। अब, कोई भी कर्मचारी देश के किसी भी EPFO ऑफिस में जाकर अपनी समस्या हल करवा सकता है।

EPFO सुविधा प्रोवाइडर से मिलेगी मदद

सरकार जल्द ही 'ईपीएफ सुविधा प्रोवाइडर' की शुरुआत करने जा रही है। ये सुविधा प्रोवाइडर उन कर्मचारियों की मदद करेंगे, जिन्हें डिजिटल सिस्टम चलाने में परेशानी होती है, या जो पहली बार पीएफ से जुड़ रहे हैं। ये प्रोवाइडर नागरिकों और EPFO के बीच एक पुल का काम करेंगे और दावों के निपटारे में सहायता प्रदान करेंगे।

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ईपीएफ के इनऑपरेटिव खातों के लिए चलेगा मिशन मोड KYC

बता दें कि देशभर में लाखों पीएफ खातों का पैसा उन खातों में फंसा हुआ है, जो सालों से बंद या इनऑपरेटिव पड़े हैं। मंत्री मांडविया ने कहा कि EPFO इन खातों के लिए 'मिशन मोड' में केवाईसी वेरिफिकेशन करेगा। इसके लिए एक डेडिकेटेड डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च किया जाएगा, जिससे खाताधारकों या उनके वारिसों को उनका पैसा सुरक्षित रूप से वापस मिल सकेगा।

विदेशी नौकरी के बाद भी पीएफ का पैसा रहेगा सुरक्षित

मांडविया ने बताया कि भारत अब अपने मुक्त व्यापार समझौतों (FTAs) में सोशल सिक्योरिटी क्लॉज को भी शामिल कर रहा है। इसका मतलब यह है कि अगर कोई भारतीय कर्मचारी विदेश में काम करके लौटता है, तो उसका वहां जमा पीएफ कंट्रीब्यूशन बेकार नहीं जाएगा। वह भारत लौटने पर भी अपनी जमा राशि और अन्य सुविधाओं का लाभ उठा सकेगा।

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EPFO की मजबूत स्थिति और सरकार की गारंटी

मंत्री ने यह भी बताया कि EPFO के पास वर्तमान में 28 लाख करोड़ रुपए का फंड कॉर्पस है, जो 8.25% की दर से सालाना ब्याज दे रहा है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि EPFO में जमा किया गया पैसा पूरी तरह सुरक्षित है, क्योंकि यह भारत सरकार की गारंटी के तहत आता है।

सोशल सिक्योरिटी का बड़ा लक्ष्य

मांडविया ने आगे कहा कि 2014 से पहले भारत में केवल 19% आबादी को सोशल सिक्योरिटी कवर मिलता था, जो अब बढ़कर 64% हो गया है। अब, सरकार का लक्ष्य है कि मार्च 2026 तक 100 करोड़ नागरिकों को सोशल सिक्योरिटी के तहत कवर किया जाए। इस लक्ष्य की दिशा में EPFO लगातार कार्य कर रहा है।

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