अब Facebook और Instagram के लिए देना होगा पैसा? जानें Meta की नई पॉलिसी

Meta की नई नीति के तहत, फेसबुक और इंस्टाग्राम उपयोगकर्ताओं को अब विज्ञापन नहीं देखने के लिए शुल्क देना पड़ सकता है। यूरोपीय संघ (EU) में पहले ही इसकी शुरुआत हो चुकी है। आइए जानते हैं इस नई पॉलिसी के बारे में विस्तार से।

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Jitendra Shrivastava
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फेसबुक (Facebook) और इंस्टाग्राम (Instagram) जैसी लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स का उपयोग दुनियाभर में किया जाता है। भारत में इन ऐप्स का इस्तेमाल मुफ्त में किया जाता है, लेकिन अब Meta, जो इन दोनों प्लेटफार्म्स की मालिक है, एक नई पॉलिसी लाने की योजना बना रहा है, जिसके तहत यूजर्स को विज्ञापनों से मुक्ति पाने के लिए एक सब्सक्रिप्शन फीस चुकानी पड़ेगी। यह कदम ब्रिटेन में लागू किया जा सकता है, और यूरोपीय संघ (EU) में पहले ही इसकी शुरुआत हो चुकी है। 

Meta के सब्सक्रिप्शन मॉडल ये होगा बदलाव

Meta ने घोषणा की है कि वह अब यूजर्स को अपने फीड से विज्ञापनों को हटाने का विकल्प देगा, लेकिन इसके लिए उन्हें एक सब्सक्रिप्शन फीस का भुगतान करना होगा। कंपनी पहले से ही यूरोपीय संघ में यह सेवा प्रदान कर रही है और अब वह ब्रिटेन में भी इसे लागू करने की तैयारी में है। इससे पहले, कंपनी ने एक कानूनी मामले में ब्रिटिश नागरिक तान्या ओ'कैरेल के साथ समझौता किया था, जो व्यक्तिगत डेटा के आधार पर ऐड दिखाए जाने को लेकर कंपनी के खिलाफ मुकदमा दायर कर चुकी थीं।

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यूरोपीय संघ में Meta की ऐड फ्री सर्विस

Meta ने 2023 में यूरोपीय संघ में अपने उपयोगकर्ताओं के लिए ऐड फ्री मेंबरशिप सर्विस शुरू की थी। इसका उद्देश्य जनरल डेटा प्रोटेक्शन रेगुलेशन (GDPR) और डिजिटल मार्केट्स एक्ट (DMA) जैसे नियमों का पालन करना था। इस सेवा की कीमतों में भी 40% की कटौती की गई थी। वेब के लिए शुल्क €9.99 से घटाकर €5.99 प्रति माह किया गया, और iOS तथा Android पर इसे €12.99 से घटाकर €7.99 प्रति माह कर दिया गया।

केस से बचने के लिए करना पड़़ा इसे लागू 

इस बदलाव के पीछे एक कानूनी मामला भी है, जिसमें Meta को एक ब्रिटिश नागरिक द्वारा दायर किए गए मुकदमे से बचने के लिए इसे लागू करना पड़ा। तान्या ओ'कैरेल ने Meta पर आरोप लगाया था कि कंपनी ने उनके व्यक्तिगत डेटा का संग्रहण किया और उन्हें निशाना बनाकर विज्ञापन दिखाए। उनका कहना था कि यह सिर्फ एक व्यक्तिगत मामला नहीं है, बल्कि यह व्यापक स्तर पर लोगों के डेटा के दुरुपयोग का संकेत देता है।

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नियमों के पालन करवाने उठाना पड़ा यह कदम 

Meta ने यह कदम यूरोपीय संघ में लागू हुए डेटा सुरक्षा कानूनों के मद्देनजर उठाया है। GDPR और DMA के तहत, कंपनियों को अपने यूजर्स के डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होती है। Meta को इन नियमों के अनुपालन के लिए यह कदम उठाना पड़ा, ताकि उपयोगकर्ताओं को ऐड के बिना अनुभव प्रदान किया जा सके। 

क्या होगा भारत में?

भारत में अभी तक Meta ने इस सेवा को लागू नहीं किया है, लेकिन अगर यह सेवा ब्रिटेन और यूरोपीय संघ में सफल होती है, तो भारत में भी इसे लागू किया जा सकता है। इसके लागू होने पर भारतीय उपयोगकर्ताओं को भी Facebook और Instagram के ऐड फ्री अनुभव के लिए शुल्क चुकाना पड़ सकता है।

 

Meta Facebook Instagram जल्द शुरू होगा सब्सक्रिप्शन मॉडल देश दुनिया न्यूज