दूध पीने में राजस्थानी नंबर वन, मध्यप्रदेश का नंबर कौन सा, जानें इस रिपोर्ट में

भारत में दूध केवल पोषण का ही स्रोत नहीं है, बल्कि यह देश की सांस्कृतिक और आर्थिक संरचना में भी गहराई से जुड़ा हुआ है। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान देश में प्रति व्यक्ति दूध खपत के मामले में शीर्ष स्थान पर है।

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Reena sharma vijayvargiya
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MP News : भारत में दूध न केवल पोषण का प्रमुख स्रोत है, बल्कि यह सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से भी लोगों से जुड़ा है। नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) के 2024 के आंकड़ों के अनुसार, देश में राजस्थान प्रति व्यक्ति दूध खपत में नंबर वन है यानि राजस्थानी हर दिन औसत 459 ग्राम दूध किसी न किसी रूप में सेवन करते हैं। यहां 68.5 फीसदी पुरुष और 69 फीसदी महिलाएं रोजाना दूध-दही या छाछ का उपयोग करती हैं। मजबूत डेयरी सहकारी समितियां और ग्रामीण अर्थव्यवस्था इसकी प्रमुख वजह हैं।

पंजाब में प्रति व्यक्ति खपत 427 ग्राम दूध प्रतिदिन है। यहां 75.4 फीसदी पुरुष और 64 फीसदी महिलाएं दूध-दही का सेवन करते हैं। जबकि हरियाणा में दैनिक खपत 400 ग्राम के करीब है, जिसमें 77.4 फीसदी पुरुष और 71.2 फीसदी महिलाएं शामिल है। वहीं, बिहार में 150 ग्राम और पश्चिम बंगाल में 100 ग्राम/व्यक्ति दूध की खपत है।

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राज्यवार औसत दूध खपत (प्रति व्यक्ति)

  • राज्य खपत (ग्राम/दिन)
  • राजस्थान 459
  • पंजाब  427
  • हरियाणा 400
  • गुजरात  375
  • आंध्र प्रदेश  350
  • कर्नाटक 340
  • उत्तर प्रदेश 325
  • तमिलनाडु 313
  • मध्य प्रदेश 310
  • महाराष्ट्र  290
  • केरल  265
  • बिहार  150
  • ओडिशा 125
  • प. बंगाल 110
  • असम  100

स्रोत : एनडीडीबी 2024

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दक्षिण में आंध्र आगे ...

दक्षिण भारत में आंध्र प्रदेश अग्रणी है, जहां 350 ग्राम प्रति व्यक्ति खपत है। यहां 77.1 फीसदी पुरुष व 74.8 फीसदी महिलाएं दूध का सेवन करते हैं। कर्नाटक में प्रति व्यक्ति खपत 340 ग्राम है, जिसमें 76.2 फीसदी पुरुष और 77.9 फीसदी महिलाएं हैं।

भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक ... भारत

वैश्विक दूध उत्पादन में 25% (230.58 मिलियन टन) से अधिक अकेले करता है। हालांकि, वैश्विक डेयरी व्यापार में हिस्सेदारी मात्र 0.25% है, जो गुणवत्ता मानकों और घरेलू मांग के कारण सीमित है। भारत मुख्य रूप से संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, अमरीका, सिंगापुर, और भूटान, नेपाल और बांग्लादेश को निर्यात करता है।

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भारत में दूध का महत्व केवल पोषण नहीं, संस्कृति और अर्थव्यवस्था से भी गहराई से जुड़ा है भारत में दूध केवल आहार नहीं, बल्कि एक परंपरा है  पूजा-पाठ से लेकर रसोई और तीज-त्योहार तक इसकी भूमिका अहम रही है। गांवों की सुबह "गाय दुहने" से होती है और शहरों में दिन की शुरुआत चाय के साथ।

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मध्यप्रदेश की स्थिति: संभावना है पर प्रदर्शन मध्यम

मध्यप्रदेश में औसतन 310 ग्राम प्रति व्यक्ति दूध की खपत होती है। यह देश की औसत से थोड़ा ही ऊपर है। लेकिन खास बात यह है कि: मध्यप्रदेश में अमूल, सांची जैसे ब्रांड का विस्तार डेयरी क्षेत्र को गति दे रहा है। सहकारी डेयरी संघ और मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना जैसी योजनाएं सक्रिय हैं। मालवा और नर्मदापुरम क्षेत्र में दूध उत्पादन अधिक है, लेकिन बुंदेलखंड और बघेलखंड में खपत और उत्पादन अपेक्षाकृत कम है।

भारत से दूध और दुग्ध उत्पाद किन देशों को जाता है?

  • भारत मुख्य रूप से दूध और उससे बने उत्पाद निम्न देशों को निर्यात करता है:
  • संयुक्त अरब अमीरात (UAE)
  • सऊदी अरब
  • नेपाल, भूटान और बांग्लादेश
  • अमेरिका और सिंगापुर

📌 विशेष तथ्य

  • उत्तर भारत में दूध खपत उच्चतम है, जहां यह भोजन का नियमित हिस्सा है।
  • पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत में खपत काफी कम है, मुख्यतः खानपान की आदतों और उत्पादन की कमी के कारण।
  • महिलाओं की भागीदारी खपत में लगातार बढ़ रही है, जो पोषण जागरूकता का परिणाम है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

FAQ

भारत में सबसे अधिक दूध किस राज्य में खाया जाता है?
राजस्थान में, जहां प्रतिदिन औसतन 459 ग्राम प्रति व्यक्ति दूध की खपत होती है।
मध्यप्रदेश की दूध खपत राष्ट्रीय औसत से कम है या ज्यादा?
राष्ट्रीय औसत के आसपास है, लेकिन टॉप-5 में नहीं है। यह 310 ग्राम/दिन है।
भारत दूध का सबसे बड़ा उत्पादक होकर भी निर्यात में पिछड़ा क्यों है?
मुख्यतः गुणवत्ता मानक, भारी घरेलू मांग और डेयरी निर्यात के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के कारण।



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