आजकल नाबालिगों को गाड़ी चलाने का शौक बढ़ रहा है, लेकिन इसके साथ ही बढ़ रही है दुर्घटनाओं की आशंका। सड़क परिवहन मंत्रालय के अनुसार, पिछले दो सालों में 1,497 ई-चालान नाबालिगों द्वारा गाड़ी चलाने के मामले में काटे गए हैं, जिनमें कुल जुर्माना 48 लाख रुपये था। बिहार में सबसे ज्यादा चालान जारी किए गए। इस स्थिति से निपटने के लिए नए नियमों में नाबालिग के माता-पिता पर भी जुर्माना और सजा का प्रावधान किया गया है।
माइनर ड्राइविंग केस में बढ़ोतरी
सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से बुधवार को राज्यसभा में बताया गया कि पिछले दो सालों में 1,497 ई-चालान नाबालिगों के ड्राइविंग के मामलों में काटे गए हैं, इन चालानों की राशि 48 लाख रुपये है। यह आंकड़े विभिन्न राज्यों से प्राप्त जानकारी के आधार पर मंत्रालय के पोर्टल पर साझा किए गए हैं। जिसमें सामने आया कि बिहार में नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने को लेकर ज्यादा कार्रवाई की गई, बिहार में सबसे ज्यादा साल 2023 और 2024 में 1 हजार 316 ई-चालान जारी किए गए हैं, जबकि उत्तर प्रदेश में सिर्फ एक चालान काटा गया।
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ई-चालान और जुर्माने का आंकड़ा
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, छह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में नाबालिग बच्चों द्वारा वाहन चलाने के मामलों में पिछले दो सालों में टोटल 48 लाख रुपए जुर्माना किया गया। जिसमें 1 हजार 497 ई-चालान जारी किए गए। रिपोर्ट में बताया गया कि बिहार में सबसे ज्यादा 44.3 लाख रुपए का जुर्माना वसूला गया। बिहार के बाद जम्मू-कश्मीर और छत्तीसगढ़ में भी नाबालिगों के ड्राइविंग के मामलों में जुर्माना लगाया गया। जम्मू-कश्मीर में 1.4 लाख रुपए और छत्तीसगढ़ में 1.3 लाख रुपए का जुर्माना लगा। उत्तराखंड में 22 चालानों में 1 लाख रुपए से ज्यादा का जुर्माना लगाया गया। जबकि यूपी में सिर्फ एक ई-चालान काटा गया। जिसमें 23,150 रुपए का फाइन लगाया गया।
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नाबालिग के पिता पर भी जुर्माना
सड़क परिवहन मंत्रालय के मुताबिक, नाबालिगों को गाड़ी चलाने की अनुमति देने के मामले में उनके माता-पिता पर भी जुर्माना लगाया जा सकता है। आरटीओ के नए नियमों के तहत, यदि नाबालिग ड्राइविंग करते हुए किसी दुर्घटना में शामिल होते हैं, तो उनके माता-पिता को 25 हजार रुपए तक का जुर्माना और जेल की सजा का सामना करना पड़ सकता है। पुणे में पोर्श एक्सीडेंट मामले में नाबालिग के पिता को पुलिस ने हिरासत में लिया था, जो इस नियम का उदाहरण है।
5 मुख्य बिंदुओं से समझें पूरा मामला
✅ नाबालिगों के ड्राइविंग मामलों में बढ़ोतरी: पिछले दो सालों में 1,497 नाबालिग ड्राइविंग चालान काटे गए, जिनमें 48 लाख रुपये का जुर्माना हुआ।
✅ बिहार में सबसे ज्यादा चालान: बिहार में 1,316 नाबालिगों के ड्राइविंग के मामलों में चालान काटे गए।
✅ नए नियमों के तहत माता-पिता को भी जिम्मेदार ठहराया गया: नाबालिग ड्राइविंग के मामले में माता-पिता पर 25 हजार रुपये तक जुर्माना और जेल की सजा का प्रावधान।
✅ नाबालिग ड्राइविंग के खिलाफ सख्त कदम: नए नियमों के तहत नाबालिग ड्राइविंग के मामलों में सख्ती से जुर्माना और सजा तय की गई है।
✅ नियमों का पालन न करने पर सजा: अगर नाबालिग की ड्राइविंग से दुर्घटना होती है, तो माता-पिता को भी सजा का सामना करना पड़ सकता है।
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