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Photograph: (the sootr)
राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने शनिवार को चौंकाने वाला दावा किया कि पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ जुलाई 2025 में पद छोड़ने के बाद से सार्वजनिक जीवन से पूरी तरह गायब हैं (Missing from Public Life)। 21 जुलाई को इस्तीफे के बाद से न उन्होंने कोई बयान दिया, न सोशल मीडिया पर कुछ लिखा और न ही किसी नेता का फोन उठाया।
कपिल सिब्बल का आरोप: संपर्क असंभव
सिब्बल ने बताया कि शुरुआती दिनों में उनके पीए ने फोन उठाकर कहा कि धनखड़ आराम कर रहे हैं। इसके बाद न कोई कॉल रिसीव हुई, न ही कोई संदेश मिला। अन्य विपक्षी नेताओं ने भी यही अनुभव साझा किया।
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गृह मंत्री अमित शाह से सीधा सवाल
कपिल सिब्बल ने गृह मंत्री अमित शाह से संसद या सार्वजनिक मंच पर स्पष्ट जवाब देने की मांग की। उन्होंने कहा, "लापता लेडीज फिल्म तो सुनी थी, पर लापता उपराष्ट्रपति पहली बार देख रहा हूं।" उनका आरोप है कि गृह मंत्रालय को उनकी लोकेशन का पता है और यह जानकारी जनता के सामने आनी चाहिए।
पूर्व उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ कहाँ हैं? गृह मंत्री अमित शाह बतायें!!
— Kapil Sibal (@KapilSibal) August 9, 2025
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बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus) की चेतावनी
सिब्बल ने यहां तक कहा कि क्या विपक्ष को उनके लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर करनी पड़ेगी? उन्होंने सवाल उठाया कि क्या धनखड़ इलाज करा रहे हैं या विदेश में हैं, क्योंकि परिवार की ओर से भी कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई।
सरकारी चुप्पी और आवास विवाद
सूत्रों के अनुसार, उपराष्ट्रपति एन्क्लेव उनके उत्तराधिकारी के लिए तैयार किया जा रहा है, लेकिन धनखड़ के नए आवास पर कोई निर्णय नहीं हुआ है। आवास मंत्रालय को अब तक इस विषय पर कोई निर्देश नहीं मिले।
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बंदी प्रत्यक्षीकरण क्या है?
बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus) एक संवैधानिक और कानूनी अधिकार है, जो अवैध हिरासत के खिलाफ सुरक्षा देता है। इसका मतलब है कि हिरासत में लिए गए व्यक्ति को अदालत में पेश किया जाए और उसकी गिरफ्तारी की वैधता सिद्ध की जाए।
संविधानिक प्रावधान: अनुच्छेद 32 और 226 के तहत उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय यह आदेश जारी कर सकते हैं।
महत्व: यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा का सबसे प्रभावी साधन है।
🔍 तथ्य बॉक्स: बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus) के मुख्य बिंदु
उद्देश्य: अवैध हिरासत से मुक्ति दिलाना।
अधिकार: भारतीय संविधान का मूल अधिकार।
अदालत की शक्ति: अवैध हिरासत को तुरंत समाप्त करने का आदेश।
कब और क्यों हुआ था उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़का इस्तीफा?21 जुलाई 2025 को भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से अचानक इस्तीफा दे दिया, जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी। उन्होंने अपने इस्तीफे का आधिकारिक कारण स्वास्थ्य समस्याओं को बताया। धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे पत्र में उल्लेख किया कि हाल ही में उनकी एंजियोप्लास्टी हुई थी और मार्च 2025 में दिल्ली के एम्स में भर्ती होने के बाद चिकित्सकों की सलाह पर वे अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दे रहे हैं। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के तहत तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देने की घोषणा की। |
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