जगदीप धनखड़ लापता : कपिल सिब्बल ने अमित शाह से की पारदर्शी जवाब की मांग

पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ लापता, कपिल सिब्बल ने अमित शाह से पूर्व उपराष्ट्रपति की उपस्थिति या संपर्क पर सार्वजनिक जवाब की मांग की। मामला लोकतंत्र में पारदर्शिता से जुड़ा।

author-image
Sanjay Dhiman
New Update
missing dhankar

Photograph: (the sootr)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

 राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने शनिवार को चौंकाने वाला दावा किया कि पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ जुलाई 2025 में पद छोड़ने के बाद से सार्वजनिक जीवन से पूरी तरह गायब हैं (Missing from Public Life)। 21 जुलाई को इस्तीफे के बाद से न उन्होंने कोई बयान दिया, न सोशल मीडिया पर कुछ लिखा और न ही किसी नेता का फोन उठाया।

कपिल सिब्बल का आरोप: संपर्क असंभव

सिब्बल ने बताया कि शुरुआती दिनों में उनके पीए ने फोन उठाकर कहा कि धनखड़ आराम कर रहे हैं। इसके बाद न कोई कॉल रिसीव हुई, न ही कोई संदेश मिला। अन्य विपक्षी नेताओं ने भी यही अनुभव साझा किया।

यह खबरें भी पढ़ें...

जगदीप धनखड़ ने क्यों दिया इस्तीफा, कैसे हुआ घटनाक्रम, जानें पूरी सच्चाई

जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर राजस्थान में विपक्ष के नेता हैरान, बोले...भाजपा-आरएसएस का छिपा एजेंडा

गृह मंत्री अमित शाह से सीधा सवाल

कपिल सिब्बल ने गृह मंत्री अमित शाह से संसद या सार्वजनिक मंच पर स्पष्ट जवाब देने की मांग की। उन्होंने कहा, "लापता लेडीज फिल्म तो सुनी थी, पर लापता उपराष्ट्रपति पहली बार देख रहा हूं।" उनका आरोप है कि गृह मंत्रालय को उनकी लोकेशन का पता है और यह जानकारी जनता के सामने आनी चाहिए।

बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus) की चेतावनी

सिब्बल ने यहां तक कहा कि क्या विपक्ष को उनके लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर करनी पड़ेगी? उन्होंने सवाल उठाया कि क्या धनखड़ इलाज करा रहे हैं या विदेश में हैं, क्योंकि परिवार की ओर से भी कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई।

सरकारी चुप्पी और आवास विवाद

सूत्रों के अनुसार, उपराष्ट्रपति एन्क्लेव उनके उत्तराधिकारी के लिए तैयार किया जा रहा है, लेकिन धनखड़ के नए आवास पर कोई निर्णय नहीं हुआ है। आवास मंत्रालय को अब तक इस विषय पर कोई निर्देश नहीं मिले। 

यह खबरें भी पढ़ें...

जगदीप धनखड़ इस्तीफा : पैतृक गांव किठाना में मायूसी, लोग बोले - मजबूत स्तंभ हिल गया

लोकसभा में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए 17 नेताओं को मिला संसद रत्न सम्मान

बंदी प्रत्यक्षीकरण क्या है?

बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus) एक संवैधानिक और कानूनी अधिकार है, जो अवैध हिरासत के खिलाफ सुरक्षा देता है। इसका मतलब है कि हिरासत में लिए गए व्यक्ति को अदालत में पेश किया जाए और उसकी गिरफ्तारी की वैधता सिद्ध की जाए।
संविधानिक प्रावधान: अनुच्छेद 32 और 226 के तहत उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय यह आदेश जारी कर सकते हैं।

महत्व: यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा का सबसे प्रभावी साधन है।

🔍 तथ्य बॉक्स: बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus) के मुख्य बिंदु

उद्देश्य: अवैध हिरासत से मुक्ति दिलाना।

अधिकार: भारतीय संविधान का मूल अधिकार।

अदालत की शक्ति: अवैध हिरासत को तुरंत समाप्त करने का आदेश

कब और क्यों हुआ था उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

का इस्तीफा?

जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद उपराष्ट्रपति सचिवालय का एक-एक रूम किया गया  लॉक, अचानक कहां जाने लगे सभी अधिकारी? - Jagdeep Dhankhar Resignation VP  Secretariat Shut ...

21 जुलाई 2025 को भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से अचानक इस्तीफा दे दिया, जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी। उन्होंने अपने इस्तीफे का आधिकारिक कारण स्वास्थ्य समस्याओं को बताया। धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे पत्र में उल्लेख किया कि हाल ही में उनकी एंजियोप्लास्टी हुई थी और मार्च 2025 में दिल्ली के एम्स में भर्ती होने के बाद चिकित्सकों की सलाह पर वे अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दे रहे हैं। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के तहत तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देने की घोषणा की।
लेकिन क्या यह इस्तीफा सिर्फ स्वास्थ्य कारणों से था, या इसके पीछे कुछ और भी था? राजनीतिक हलकों और मीडिया में इस बात को लेकर खूब चर्चा हुई। संयोग से, धनखड़ का इस्तीफा संसद के मानसून सत्र के पहले दिन हुआ, जब उन्होंने विपक्ष द्वारा जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ लाए गए महाभियोग प्रस्ताव को स्वीकार किया था। इस कदम ने सत्तारूढ़ दल को असहज कर दिया, क्योंकि सरकार को इसकी कोई पूर्व सूचना नहीं थी। कई लोगों ने इसे सत्ता पक्ष के लिए शर्मिंदगी का कारण माना।
इसके साथ ही, धनखड़ के हाल के कुछ कदमों ने भी सवाल खड़े किए। माना जा रहा था कि वे विपक्षी नेताओं, जैसे कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे और आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल, के साथ करीबी रुख अपना रहे थे। राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) जैसे मुद्दों पर भी उनकी राय सरकार से अलग दिख रही थी। सूत्रों के मुताबिक, सरकार के वरिष्ठ नेताओं, जैसे जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू, की एक महत्वपूर्ण बैठक में उनकी अनुपस्थिति ने भी तनाव को और बढ़ाया।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने धनखड़ के इस्तीफे को "अप्रत्याशित" और "रहस्यमयी" करार देते हुए सुझाव दिया कि इसके पीछे गहरी राजनीतिक साजिश हो सकती है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि धनखड़ ने संभावित अविश्वास प्रस्ताव या किसी अपमानजनक स्थिति से बचने के लिए खुद इस्तीफा देना बेहतर समझा।
कुल मिलाकर, भले ही धनखड़ ने अपने इस्तीफे का कारण स्वास्थ्य बताया, लेकिन जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव और सरकार के साथ उनके मतभेद जैसे राजनीतिक घटनाक्रम इस अचानक फैसले के पीछे बड़े कारण माने जा रहे हैं। यह इस्तीफा न केवल एक व्यक्तिगत निर्णय था, बल्कि भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ भी साबित हुआ।

FAQ

Q1. जगदीप धनखड़ को लेकर कपिल सिब्बल ने क्या आरोप लगाया?
कपिल सिब्बल का आरोप है कि पूर्व उपराष्ट्रपति धनखड़ जुलाई 2025 से सार्वजनिक रूप से नज़र नहीं आए और किसी नेता से संपर्क नहीं कर रहे।
Q2. बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus) क्या है और यह क्यों जरूरी है?
यह एक कानूनी आदेश है, जो अवैध हिरासत के खिलाफ अदालत में राहत देता है। यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा के लिए जरूरी है।
गृह मंत्री अमित शाह से सिब्बल ने क्या मांग की?
उन्होंने मांग की कि गृह मंत्री सार्वजनिक रूप से धनखड़ की वर्तमान स्थिति और लोकेशन बताएं।

thesootr links

सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧‍👩

गृह मंत्री अमित शाह अमित शाह जगदीप धनखड़ कपिल सिब्बल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लापता लेडीज