काशी में मोहन भागवत ने कहा- हिंदुओं के मंदिर, पानी और श्मशान एक हों

मोहन भागवत ने काशी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए और IIT BHU के छात्रों से संघ के उद्देश्य पर चर्चा की। उन्होंने हिंदू समाज के पंथ, जाति और समुदाय को एकजुट करने की बात की।

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Jitendra Shrivastava
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mohan-bhagwat-visit-kashi Photograph: (thesootr)

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने शनिवार को काशी विश्वनाथ मंदिर का दौरा किया। यहां उन्होंने विधिपूर्वक बाबा विश्वनाथ का दर्शन किया और पूजा-अर्चना की। मंदिर न्यास के अधिकारियों ने उन्हें मंदिर की व्यवस्थाओं और धाम की भव्यता के बारे में जानकारी दी। मोहन भागवत का यह दौरा संघ के उद्देश्यों को बढ़ावा देने और हिंदू समाज की एकता पर जोर देने के लिए महत्वपूर्ण था।  

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IIT BHU के छात्रों से मुलाकात

मोहन भागवत ने शुक्रवार को IIT BHU के छात्रों से भी मुलाकात की, जहां उन्होंने छात्रों को हिंदुत्व की परिभाषा और संघ के उद्देश्य के बारे में बताया। उन्होंने छात्रों से पूछा, "संघ क्या है?" छात्रों ने इसका जवाब देते हुए कहा कि संघ का उद्देश्य हिंदुत्व को बढ़ावा देना, सनातन धर्म की रक्षा करना, और सभी धर्मों के लोगों की मदद करना है। मोहन भागवत ने इस पर कहा कि संघ का मुख्य उद्देश्य हिंदू धर्म को मजबूत करना और भारतीय संस्कृति के मूल्यों को बनाए रखना है।  

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संघ का उद्देश्य: एकता और सहयोग

मोहन भागवत ने कहा कि संघ का एक बड़ा उद्देश्य हिंदू समाज के सभी पंथों, जातियों और समुदायों को एकजुट करना है। उन्होंने यह भी कहा कि हिंदुओं के मंदिर, श्मशान और पानी को एक ही तरह से देखा जाना चाहिए। संघ का काम समाज में सहयोग और एकता बढ़ाना है, ताकि हर हिंदू समाज का सदस्य समानता के साथ जीवन जी सके।

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हिंदू समाज के लिए संघ की पहल

भागवत ने कहा कि संघ सिर्फ हिंदू धर्म की रक्षा नहीं करता, बल्कि वह भारतीय संस्कृति और सभ्यता के मूल्यों को बढ़ावा देता है। उन्होंने IIT के छात्रों से यह भी कहा कि हमें अपनी भाषा, संस्कृति और संस्कारों को बचाने के लिए खुद से पहल करनी चाहिए।  

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