हिसार में किसान भाइयों ने घर के कमरे में शुरू की केसर की खेती, बन गए लाखों के मालिक

हिसार के नवीन और प्रवीन सिंधु ने ऐरोफोनिक तकनीक से घर के कमरे में केसर की खेती की शुरुआत की। अब उनका केसर दुनिया भर में सप्लाई होता है, और वे 100 से अधिक युवाओं को इस खेती की ट्रेनिंग दे चुके हैं।

author-image
Jitendra Shrivastava
एडिट
New Update
thesootr

hisar-saffron-farming Photograph: (thesootr)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

हिसार के आजाद नगर में रहने वाले दो युवा किसान भाइयों, नवीन और प्रवीन सिंधु ने कमरे में ऐरोफोनिक तकनीक (Aeroponic technology) से केसर की खेती की शुरुआत की। ऐरोफोनिक पद्धति एक आधुनिक खेती तकनीक है, जिसमें मिट्टी की बजाय हवा और पानी के जरिए पौधों को पोषक तत्व दिए जाते हैं। इस पद्धति का इस्तेमाल करके इन दोनों भाइयों ने यह साबित किया कि गर्म क्षेत्रों में भी केसर (saffron) की खेती की जा सकती है।  

दोनों भाइयों ने पहले इंटरनेट और यूट्यूब से इस खेती के बारे में जानकारी प्राप्त की और फिर इसे अपनाया। आज, इनका तैयार किया हुआ 100% शुद्ध केसर देश-विदेश में सप्लाई हो रहा है, और ये किसान भाई अपनी मेहनत और समझदारी से खेती के क्षेत्र में एक मिसाल कायम कर रहे हैं।  

thesootr

ऐरोफोनिक पद्धति से केसर की खेती

केसर की खेती कुल 6 स्टेज (stages) में होती है। इसमें छठे चरण में केसर के पौधों में फूल आते हैं, और वही फूल शुद्ध केसर का रूप लेते हैं। इस प्रक्रिया में विशेष तापमान (temperature) और नमी (humidity) बनाए रखना बहुत जरूरी होता है, ताकि पौधों को सही पोषण मिल सके।  

  • तापमान (Temperature): 10 से 24 डिग्री सेल्सियस  
  • ह्यूमिडिटी (Humidity): 65% से 85%  

एक बार की फसल से 3 किलो तक शुद्ध केसर तैयार हो जाती है, जो बाजार में साढ़े पांच लाख रुपये प्रति किलो तक बिकती है।  

ये खबरें भी पढ़ें...

IPL 2025: दिल्ली ने जीता टॉस बल्लेबाजी का फैसला, CSK करेगी गेंदबाजी

दंतेश्वरी का आशीर्वाद लेकर अमित शाह ने लिया नक्सलवाद मिटाने का संकल्प

केसर के उत्पादों की कीमत और सप्लाई

नवीन और प्रवीन का तैयार किया गया केसर कनाडा, अमेरिका, बांग्लादेश और भारत के विभिन्न राज्यों में सप्लाई होता है। उनके उत्पादों की पहचान इस बात से होती है कि जब असली केसर को पानी में डाला जाता है, तो इसका रंग धीरे-धीरे पीला हो जाता है और इसका स्वाद कड़वा होता है। इसका व्यापार भी तेजी से बढ़ रहा है।  एक किलो केसर की कीमत 20,000 रुपए (केसर पट्टी) और 2,500 रुपए से 3,000 रुपए प्रति किलो (केसर फूल) है।  

ये खबरें भी पढ़ें...

एमपी के इन जिलों में लाड़ली बहना योजना से हटे महिलाओं के नाम, ये वजह आई सामने

अमित शाह के कार्यक्रम में जा रहे ग्रामीणों से भरी पिकअप पलटी, 2 की मौत

प्रशिक्षण और किसानों के लिए अवसर

नवीन और प्रवीन ने अब तक 100 से अधिक युवाओं को इस तकनीक की मुफ्त ट्रेनिंग दी है, ताकि वे भी इस खेती को अपनाकर अच्छे पैसे कमा सकें। दोनों भाइयों का कहना है कि यदि युवा किसान इस तकनीक को अपनाते हैं, तो वे साल में ₹10 से ₹20 लाख तक कमा सकते हैं।  

देश दुनिया न्यूज प्रशिक्षण खेती किसानी ऐरोफोनिक केसर खेती