आरएसएस के शताब्दी वर्ष पर पहलगाम हमले, Gen Z आंदोलन समेत कई मुद्दों पर बोले मोहन भागवत

संघ के शताब्दी वर्ष के मौके पर नागपुर में विजयादशमी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में RSS प्रमुख मोहन भागवत ने पहलगाम हमले और Gen Z आंदोलन पर चिंता जताई। जानें RSS प्रमुख ने क्या कहा...

author-image
Amresh Kushwaha
New Update
nagpur-rss-shatabdi-year-mohan-bhagwat-gen-z-andolan
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

Maharashtra: नागपुर के रेशमबाग मैदान में आज, 02 अक्टूबर को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। इस बार का यह आयोजन इसलिए भी खास है क्योंकि यह संघ का शताब्दी वर्ष भी है। 1925 में विजयादशमी के दिन संघ की स्थापना हुई थी। आज के इस कार्यक्रम में लगभग 21 हजार स्वयंसेवक शामिल हुए हैं। वहीं, इस दौरान RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कार्यक्रम का संबोधन भी किया। उन्होंने पहलगाम हमले का जिक्र किया और Gen Z आंदोलन को लेकर अपनी चिंता भी व्यक्त की। जानें मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने शताब्दी वर्ष के अवसर पर क्या-क्या कहा...

मोहन भागवत ने Gen Z आंदोलन पर जताई चिंता

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने विजयादशमी के इस खास मौके पर भारत और उसके पड़ोसी देशों की स्थिति पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने हाल ही में नेपाल में हुए जेन-Z (Gen Z) आंदोलन का हवाला देते हुए कहा कि हिंसा से समस्याओं का हल कभी नहीं निकलता। भागवत ने यह भी कहा कि श्रीलंका, बांग्लादेश और नेपाल जैसे देशों में हिंसा और असंतोष का जो माहौल बना, वह भारत के लिए भी चिंता का विषय है।

ये खबर भी पढ़िए...सीएम भजनलाल ने संघ प्रमुख और नड्डा से की मुलाकात, राजनीतिक गलियारों में हलचल

पहलगाम हमले पर मोहन भागवत की कड़ी प्रतिक्रिया

भागवत ने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले (Pahalgam Attack) की कड़ी निंदा की, जिसमें सीमा पार से आए आतंकवादियों ने 26 भारतीय यात्रियों की हत्या कर दी थी। उन्होंने बताया कि आतंकवादियों ने इन यात्रियों से धर्म पूछकर उन्हें बेरहमी से मार डाला। इससे देशभर में शोक और क्रोध का माहौल बना। भागवत ने कहा कि इस हमले का कड़ा जवाब देने के लिए भारत सरकार ने मई में उचित कार्रवाई की योजना बनाई और उसे सफलतापूर्वक लागू किया। इस पूरे घटनाक्रम ने भारत की एकता और सेना की ताकत को साबित किया।

ये खबर भी पढ़िए...RSS : अखिल भारतीय समन्वय बैठक शुरू, भागवत, नड्डा समेत कई नेता ले रहे भाग

समाज और संस्कृति की एकता पर दिया जोर

RSS प्रमुख भागवत ने अपने भाषण में समाज, देश और संस्कृति की एकता पर जोर दिया। उनका कहना था कि यह एकता ही हमारी ताकत है, और हमें एक-दूसरे के प्रति सम्मान और संयम बनाए रखना चाहिए। इस संदर्भ में उन्होंने कहा, मन, वचन और क्रिया में एकता और संयम बनाए रखना चाहिए, ताकि समाज में सद्भाव और भाईचारे की भावना बनी रहे।

पर्यावरण पर भी जताई चिंता

भागवत ने पर्यावरण के मुद्दे पर भी अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भौतिकवादी और उपभोक्तावादी विकास के कारण जो समस्या उत्पन्न हो रही है, उसका असर प्रकृति पर स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। अनियमित वर्षा, भूस्खलन और ग्लेशियरों का सूखना जैसे उदाहरणों का हवाला देते हुए उन्होंने इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत बताई।

ये खबर भी पढ़िए...RSS प्रमुख भागवत बिलासपुर प्रवास पर, बोले-हम सभी केवल जनसेवक

महाकुंभ और भारतीय एकता पर किया जिक्र

भागवत ने हाल ही में संपन्न हुए महाकुंभ (Mahakumbh) का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ न केवल श्रद्धालुओं की भारी उपस्थिति के कारण ऐतिहासिक बना, बल्कि उसकी बेहतर व्यवस्था ने भी सभी रिकॉर्ड तोड़े। यह आयोजन भारत में एकता और श्रद्धा की प्रचंड लहर का प्रतीक बना और एक वैश्विक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत हुआ।

हिंदू राष्ट्र पर मोहन भागवत की परिभाषा

RSS प्रमुख भागवत ने भारत के हिंदू राष्ट्र होने पर भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा, हम हिंदू राष्ट्र हैं और इसे जाति, पंथ और समुदाय के आधार पर नहीं बांटा जा सकता। उन्होंने भारतीय संस्कृति को हिंदू राष्ट्रीयता का हिस्सा बताते हुए कहा कि विविधताओं के बावजूद यह एकता की ताकत है। उनका मानना था कि हिंदू समाज ही इस देश की एकता की गारंटी है।

ये खबर भी पढ़िए...CJI बीआर गवई की मां RSS कार्यक्रम में होंगी चीफ गेस्ट, अमरावती में होगा आयोजन

संघ के उद्देश्य पर की चर्चा

भागवत ने संघ के उद्देश्य और कार्यों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि संघ के कार्यों को हमेशा आलोचना का सामना करना पड़ा, लेकिन संघ ने कभी अपनी दिशा नहीं बदली। संघ के लिए आदतें अहम हैं। इन्हीं आदतों के माध्यम से समाज में बदलाव लाया जा सकता है। उनका कहना था कि बदलाव बिना आदतों में सुधार के संभव नहीं है।

FAQ

RSS के शताब्दी वर्ष पर मोहन भागवत ने क्या कहा?
RSS के शताब्दी वर्ष पर मोहन भागवत ने भारतीय समाज की स्थिति, Gen Z आंदोलन और पहलगाम हमले पर अपनी चिंता जताई। उन्होंने हिंसा और असंतोष के समाधान के लिए संवाद और शांति की आवश्यकता पर जोर दिया।
Gen Z आंदोलन से मोहन भागवत की क्या चिंता है?
मोहन भागवत ने Gen Z आंदोलन को लेकर चिंता व्यक्त की कि जब सरकारें अपनी जनता से दूरी बनाती हैं, तो हिंसा और असंतोष फैलने लगते हैं। उन्होंने इसे समाज के लिए खतरनाक बताया और हिंसा के बजाय संवाद की आवश्यकता पर जोर दिया।
मोहन भागवत संघ प्रमुख मोहन भागवत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जेन-Z RSS प्रमुख भागवत RSS प्रमुख मोहन भागवत विजयादशमी maharashtra pahalgam attack
Advertisment