RSS : अखिल भारतीय समन्वय बैठक शुरू, मोहन भागवत, नड्डा समेत कई नेता ले रहे भाग

राजस्थान के जोधपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक लालसागर में शुरू हो गई है, जिसमें संघ विचारधारा के प्रमुख कार्यकर्ताओं द्वारा 'पंच परिवर्तन' पर गहन मंथन हो रहा है।

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Nitin Kumar Bhal
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की अखिल भारतीय समन्वय बैठक (All India Coordination Meeting) आज यानि 5 सितंबर 2025 को सुबह 9 बजे राजस्थान के जोधपुर जिले के लालसागर स्थित आदर्श विद्या मंदिर में शुरू हो गई है। इस बैठक का आयोजन संघ विचारधारा के 32 संगठनों के प्रमुख कार्यकर्ताओं के बीच हो रहा है। बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत (Dr. Mohan Bhagwat) के नेतृत्व में विभिन्न विषयों पर गहन मंथन हो रहा है। इस बैठक में संघ के 320 प्रमुख कार्यकर्ता सत्रवार शामिल हो रहे हैं। इसके अलावा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा (JP Nadda), संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले (Dattatreya Hosabale), और छह सह सरकार्यवाह - डॉ. कृष्ण गोपाल (Dr. Krishna Gopal), सी आर मुकुंद (CR Mukund), अरुण कुमार (Arun Kumar), रामदत्त (Ramdatt), आलोक कुमार (Alok Kumar) और अतुल लिमये (Atul Limaye) भी उपस्थित हैं।

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अखिल भारतीय समन्वय बैठक के प्रमुख उद्देश्य

यह तीन दिवसीय बैठक (Three-Day Meeting) संघ की विचारधारा और समाज के लिए महत्वपूर्ण विषयों पर गहन चर्चा करने का अवसर है। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य 'पंच परिवर्तन' (Five Transformations) के पांच प्रमुख पहलुओं पर मंथन करना है। ये पहलु हैं:

  • सामाजिक समरसता की स्थापना (Establishing Social Harmony)

  • कुटुंब प्रबोधन के तहत आदर्श परिवारों का निर्माण (Creating Ideal Families under Family Awakening)

  • पर्यावरण संरक्षण को जीवनशैली में शामिल करना (Incorporating Environmental Conservation into Lifestyle)

  • स्व-आधारित विकास (स्वभाषा, स्वभूषा, स्वावलंबन) (Self-Reliant Development – Self-Language, Self-Identity, Self-Sufficiency)

  • नागरिक कर्तव्यों का पालन (Upholding Civic Duties)

यह बैठक संघ के कार्यकर्ताओं के लिए देश और समाज में बदलाव लाने के लिए रणनीतियों पर चर्चा करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

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पहले दिन राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा पर फोकस

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की अखिल भारतीय समन्वय बैठक के पहले दिन का फोकस राष्ट्रीय एकता (National Unity) और सुरक्षा (Security) पर है। विशेषकर, पंजाब, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों की वर्तमान चुनौतियों पर चर्चा की जा रही है। इन राज्यों में संघ विचारधारा के संगठनों की भूमिका और रणनीतियों पर विस्तार से मंथन हो रहा है। संघ सूत्रों के अनुसार, इन राज्यों में संघ विचारधारा के संगठन किस प्रकार से अपनी कार्ययोजना को लागू करेंगे, इस पर भी गहन विचार किया जा रहा है। इसके अलावा, विभिन्न सुरक्षा मुद्दों और संघ कार्यकर्ताओं की सक्रियता पर चर्चा हो रही है। इस बैठक के माध्यम से संघ यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि उसके सभी संगठन देश में हर प्रकार के सामाजिक बदलावों के लिए तैयार रहें।

संघ की बैठक को लेकर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त

आरएसएस की अखिल भारतीय समन्वय बैठक के आयोजन स्थल पर सुरक्षा (Security) के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। जोधपुर पुलिस (Jodhpur Police) की पर्याप्त संख्या में तैनाती के साथ-साथ, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों (Volunteers) की विशेष टीमें भी सुरक्षा (Security) की जिम्मेदारी संभाल रही हैं।

स्वयंसेवक प्रत्येक व्यक्ति की पहचान सत्यापित करने के लिए परिचय पत्र की जांच कर रहे हैं। इसके बाद, उन्हें केवल आमंत्रित लोगों की सूची में नाम मिलान के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है। संघ के आयोजकों और पुलिस अधिकारियों के अनुसार, इस कड़े सुरक्षा इंतजाम का उद्देश्य बैठक को शांति और सुरक्षा के साथ संचालित करना है।

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वीवीआईपी की कड़ी सुरक्षा

बैठक में भागवत और नड्डा सहित अन्य वीवीआईपी (VVIPs) की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। एंबुलेंस (Ambulance), फायर ब्रिगेड (Fire Brigade), और आपातकालीन सेवाओं (Emergency Services) की विशेष टीमें भी तैनात की गई हैं। इन विशेष सुरक्षा इंतजामों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बैठक के दौरान कोई भी अप्रत्याशित घटना (Unexpected Event) न हो और सभी कार्यकर्ता एवं वीवीआईपी सुरक्षित रहें।

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आरएसएस क्या है? 

  • राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस), जिसे आमतौर पर संघ के नाम से जाना जाता है, एक हिंदू राष्ट्रवादी संगठन है।

  • स्थापना 1925 में डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार ने महाराष्ट्र के नागपुर में की थी।

  • हेडगेवार को विनायक दामोदर सावरकर के हिंदू राष्ट्रवादी विचारों से प्रेरणा मिली थी।

  • कुछ समय तक कांग्रेस से जुड़े रहने के बाद, हेडगेवार ने वैचारिक मतभेदों की वजह से कांग्रेस को छोड़ दिया और संघ की स्थापना की।

  • आरएसएस को अक्सर दुनिया का सबसे बड़ा स्वैच्छिक संगठन कहा जाता है। यह एक सांस्कृतिक संगठन है जिसका उद्देश्य हिंदू संस्कृति, हिंदू एकता और आत्मनिर्भरता के मूल्यों को बढ़ावा देना है।

  • संघ का दावा है कि वह राष्ट्र सेवा और भारतीय परंपराओं और विरासत के संरक्षण पर जोर देता है।

  • शाखा संघ की आधारभूत संगठनात्मक इकाई है, जो संघ को जमीनी स्तर पर मजबूत बनाती है।

  • शाखा वह स्थान है, जहां संघ के सदस्य वैचारिक और शारीरिक रूप से प्रशिक्षित होते हैं।

  • अधिकांश शाखाएं हर दिन सुबह चलती हैं, और कभी-कभी शाम को भी। कुछ इलाकों में यह शाखाएं हफ्ते में कुछ दिन चलती हैं।

  • आरएसएस के अनुसार, भारत में 83,000 से अधिक शाखाएं हैं।

  • संघ का सर्वोच्च पदसरसंघचालक है, जो संघ का नेतृत्व करता है।

  • फिलहाल मोहन भागवत सरसंघचालक हैं।
  • सरसंघचालक के बाद सबसे महत्वपूर्ण पद सरकार्यवाह का है, जो संघ का मुख्य कार्यकारी अधिकारी होता है।

  • फिलहाल दत्तात्रेय होसबाले सरकार्यवाह हैं।

  • हेडगेवार के बाद संघ में पांच सरसंघचालक बने, जिनमें से चार ने पहले सरकार्यवाह का पद संभाला था और एक ने सह-सरकार्यवाह का।

  • सह-सरकार्यवाह की भूमिका संयुक्त सचिव की होती है। एक समय में संघ में कई सह-सरकार्यवाह हो सकते हैं।

  • संघ की संगठनात्मक संरचना में 46 प्रांत, विभाग, जिले और खंड होते हैं।

  • आरएसएस के अनुसार, भारत में 922 जिले, 6,597 खंड, और 27,720 मंडल हैं, जिनमें 83,129 शाखाएं चल रही हैं।

  • हर मंडल में 12 से 15 गांव शामिल होते हैं।

संघ शताब्दी वर्ष समारोह की तैयारी

बैठक में संघ के शताब्दी वर्ष समारोह (Centenary Year Celebrations) की तैयारियों पर भी चर्चा हो रही है, जो आगामी विजयादशमी (Vijayadashami) से शुरू होने वाला है। यह समारोह 2 अक्टूबर 2025 से नागपुर (Nagpur) से शुरू होगा। संघ के सूत्रों के अनुसार, इस समारोह के दौरान देशभर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। संघ के सभी संगठन (Organizations) इस समारोह के लिए किस प्रकार का योगदान देंगे, इस पर मंथन किया जा सकता है।

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संघ के शताब्दी वर्ष समारोह की रूपरेखा

इस शताब्दी वर्ष समारोह की रूपरेखा में कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर विचार किया जा रहा है, जिसमें संघ की स्थापना के 100 वर्षों का जश्न मनाया जाएगा। इसमें संघ के योगदान को समाज में पहचान दिलाने के साथ-साथ भारतीय समाज के विकास में संघ के रोल को भी प्रदर्शित किया जाएगा। यह समारोह संघ के इतिहास और इसके सिद्धांतों को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण अवसर होगा।

FAQ

1. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक का मुख्य उद्देश्य क्या है?
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक का मुख्य उद्देश्य 'पंच परिवर्तन' पर गहन मंथन करना है, जिसमें सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण, और स्व-आधारित विकास जैसे मुद्दों पर चर्चा हो रही है।
2. संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक में किस प्रकार के सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं?
बैठक स्थल पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं, जिसमें जोधपुर पुलिस और संघ के स्वयंसेवकों द्वारा सुरक्षा व्यवस्था संभाली जा रही है। वीवीआईपी की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।
3. संघ के शताब्दी वर्ष समारोह की तैयारी पर क्या चर्चा हो रही है?
संघ के शताब्दी वर्ष समारोह की तैयारी पर गहन विचार किया जा रहा है, जिसमें 2 अक्टूबर से शुरू होने वाले इस ऐतिहासिक समारोह की रूपरेखा और देशभर में होने वाले कार्यक्रमों की योजना पर चर्चा की जा रही है।
4. अखिल भारतीय समन्वय बैठक में कौन-कौन से प्रमुख नेता उपस्थित हैं?
इस बैठक में संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले और संघ के छह सह सरकार्यवाह शामिल हैं।
5. अखिल भारतीय समन्वय बैठक के पहले दिन पर किस मुद्दे पर चर्चा हो रही है?
अखिल भारतीय समन्वय बैठक के पहले दिन पर पंजाब, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों की राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा के दृष्टिकोण से चर्चा हो रही है, और इन राज्यों में संघ की रणनीति पर मंथन किया जा रहा है।

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