प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नेशनल हेराल्ड अखबार और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के मनी लाउंड्रिंग केस में बड़ा कदम उठाते हुए 661 करोड़ रुपए की कुर्क की गई अचल संपत्तियों को जब्त करने के लिए नोटिस जारी किया है। अब सोनिया गांधी और राहुल गांधी के लिये मुश्किलें एक बार फिर बढ़ सकती हैं। नोटिस दिल्ली के आईटीओ स्थित हेराल्ड हाउस, मुंबई के बांद्रा (ईस्ट) और लखनऊ के बिशेश्वर नाथ रोड स्थित एजेएल की बिल्डिंग पर चिपकाए गए हैं। ये संपत्तियां कांग्रेस के नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी से जुड़ी हुई हैं। नवंबर 2023 में ईडी ने 661 करोड़ की अचल संपत्तियों के साथ ही एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के 90.2 करोड़ रुपए के शेयरों को भी कुर्क किया था। ईडी की कार्यवाही पीएमएलए एक्ट की धारा 8 और एसोसिएटेड नियमों के नियम 5(1) के तहत की जा रही है।
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क्या है पूरा मामला
- जवाहर लाल नेहरू द्वारा 1938 में शुरू किया गया नेशनल हेराल्ड अखबार एजेएल कंपनी द्वारा प्रकाशित किया जाता था।
- 2010 में इस कंपनी को सोनिया गांधी और राहुल गांधी की हिस्सेदारी वाली यंग इंडिया कंपनी ने खरीद लिया।
- 2012 में बीजेपी के सुब्रमण्यम स्वामी ने दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका लगाते सोनिया गांधी, राहुल गांधी, ऑस्कर फर्नांडीज, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे पर नेशनल हेराल्ड अखबार को धोखाधड़ी से हड़पने का आरोप लगाया था।
- सुब्रमण्यम स्वामी ने इन नेताओं के खिलाफ 2000 करोड़ रुपए की कंपनी को मात्र 50 लाख रुपए में खरीदने के लिए आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग की थी।
- कोर्ट ने सोनिया, राहुल समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ जून 2014 में समन जारी किया।
- ED ने अगस्त 2014 में मामले में कार्यवाही करते हुए मनी लॉन्ड्रिंग केस दर्ज किया।
- दिल्ली के पटियाला कोर्ट ने दिसंबर 2015 में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और दूसरे सभी आरोपियों को जमानत दे दी।
- नेशनल हेराल्ड केस में 2022 में राहुल गांधी और सोनिया गांधी से लंबे समय तक पूछताछ की गई थी।
- 2023-24 में ईडी ने संपत्ति ज़ब्त करनी शुरू कर दी।
- अप्रैल 2025 में ईडी ने 661 करोड़ रुपए की कुर्क संपत्ति को ज़ब्त करने के लिए नोटिस जारी किया।
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भोपाल में भी है जमीन
1981 में कांग्रेस सरकार ने भोपाल में प्रेस काम्प्लेक्स में नेशनल हेराल्ड अख़बार के लिए एक एकड़ भूमि एक लाख रुपए में 30 साल की लीज पर आवंटित की थी। उस समय एजेएल अंग्रेजी दैनिक नेशनल हेराल्ड, हिंदी दैनिक नवजीवन और उर्दू दैनिक कौमी आवाज यहाँ से प्रकाशित करता था। बाद में इसका इस्तेमाल कथित तौर पर समाचार पत्रों के प्रकाशन के बजाय दूसरे व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किया जा रहा। 30 साल पूरे होने पर जब वर्ष 2011 में लीज नवीनीकरण का आवेदन भोपाल विकास प्राधिकरण के पास आया तो लीज को निरस्त करने की कार्रवाई प्रारंभ की गई। इसके विरोध में नेशनल हेराल्ड का प्रबंधन न्यायालय पहुंच गया।
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