संविधान की सुरक्षा जरूरी, संघ की अगली नजर ईसाइयों की भूमि पर: राहुल गांधी का आरोप

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की नजर अब ईसाई समुदाय की भूमि पर है, वक्फ के बाद उनका अगला लक्ष्य वही हो सकता है। उन्होंने संविधान को ढाल बताते हुए इसके बचाव की आवश्यकता पर जोर दिया।

author-image
Jitendra Shrivastava
एडिट
New Update
thesootr

allegations-rahul-gandhi Photograph: (thesootr)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष, राहुल गांधी ने शनिवार को केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की नजर अब वक्फ संपत्तियों के बाद ईसाई समुदाय की भूमि पर है। राहुल गांधी ने इस आरोप को सार्वजनिक करते हुए कहा कि संघ की योजनाओं में धार्मिक संपत्तियों को निशाना बनाना शामिल है, और अब उनका ध्यान ईसाइयों की जमीन पर केंद्रित हो गया है। 

राहुल गांधी ने संघ समर्थक पत्रिका ऑर्गनाइजर के एक लेख का हवाला दिया, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि कैथोलिक चर्च और उसके संस्थानों के पास लगभग सात करोड़ हेक्टेयर भूमि है। उन्होंने कहा कि यह कदम सिर्फ अल्पसंख्यक समुदायों को निशाना बनाने के लिए उठाए जा रहे हैं और इसका उद्देश्य समाज में एक नया धार्मिक विभाजन उत्पन्न करना है।

संविधान की रक्षा का महत्व

राहुल गांधी ने इस दौरान संविधान को देश की एकमात्र सुरक्षा ढाल बताया और कहा कि इस ढाल की रक्षा करना हर नागरिक का कर्तव्य है। उन्होंने यह भी कहा कि संविधान ही वह तंत्र है जो हमें ऐसे हमलों से बचा सकता है। उनके अनुसार, यह सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम संविधान की रक्षा करें ताकि किसी भी समुदाय के अधिकारों का हनन न हो सके।

राहुल गांधी के अनुसार वक्फ विधेयक केवल मुस्लिम समुदाय को निशाना नहीं बना रहा है, बल्कि यह अन्य धार्मिक समुदायों की संपत्तियों को भी प्रभावित कर सकता है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि यदि इस विधेयक का विरोध नहीं किया गया तो आगे चलकर संघ अन्य समुदायों की संपत्तियों पर भी कब्जा कर सकता है। 

ये खबरें भी पढ़ें...

शून्य एयर टैक्सी: बड़े शहरों में ट्रैफिक से मुक्ति, बेंगलुरु के बाद दिल्ली और मुंबई में उड़ान

IPL 2025: राजस्थान ने पंजाब को 50 रनों से हराया, आर्चर ने झटके 3 विकेट

वक्फ विधेयक और उसके विवाद

केंद्र सरकार की ओर से पेश किया गया वक्फ संशोधन विधेयक, 1995 के वक्फ अधिनियम में बदलाव करने का प्रस्ताव है। यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार लाने, पंजीकरण की प्रक्रिया को बेहतर बनाने और विवादों को निपटाने के लिए लाया गया है। सरकार का दावा है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता और कार्यकुशलता को बढ़ाएगा। 

हालांकि, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का कहना है कि यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 का उल्लंघन करता है, जो धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देते हैं। कांग्रेस का आरोप है कि इस विधेयक का असल उद्देश्य राजनीतिक ध्रुवीकरण करना और अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों पर हमला करना है। कांग्रेस ने इस विधेयक को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं और इसे अल्पसंख्यक विरोधी करार दिया है। 

कांग्रेस का विरोध और असहमति

वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ कांग्रेस का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। पार्टी का कहना है कि यह विधेयक सिर्फ मुसलमानों को ही नहीं, बल्कि अन्य धार्मिक समुदायों को भी निशाना बना सकता है। कांग्रेस ने इसे संविधान के खिलाफ बताते हुए कहा कि इससे मस्जिदों, दरगाहों और कब्रिस्तानों जैसी धार्मिक संपत्तियों को छीनने की कोशिश की जा रही है। 
कांग्रेस ने इस विधेयक को लेकर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) में भी असहमति दर्ज की है। उनका आरोप है कि उनकी आपत्तियों को नजरअंदाज किया गया और विधेयक में उनके सुझावों को शामिल नहीं किया गया। 

ये खबरें भी पढ़ें...

पुलिस मुख्यालय भोपाल ने किया 22 निरीक्षकों का तबादला, आदेश जारी, देखें पूरी लिस्ट

लखनऊ से नासा तक: जानिए ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की स्पेस स्टेशन तक की रोमांचक यात्रा

धार्मिक समुदायों के बीच हो सकता है तनाव 

राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी का मानना है कि वक्फ विधेयक से अगर कोई न्यायपूर्ण सुधार नहीं किया गया, तो इससे धार्मिक समुदायों के बीच और भी अधिक तनाव उत्पन्न हो सकता है। उनका कहना है कि इस विधेयक के द्वारा किए गए बदलाव भारतीय समाज की धार्मिक विविधता और समानता को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

वहीं, सरकार का कहना है कि यह विधेयक पारदर्शिता और सुधार का प्रतिनिधित्व करता है और इसका उद्देश्य सिर्फ संपत्तियों का प्रबंधन सुधारना है, न कि किसी विशेष समुदाय के खिलाफ कोई कार्रवाई करना।

 

राहुल गांधी वक्फ संशोधन विधेयक ईसाई भूमि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ RSS देश दुनिया न्यूज