भारत में शहरी यातायात की समस्या को देखते हुए सरला एविएशन ने एक नई पहल की है। कंपनी ने दो महीने पहले बेंगलुरु में एयर टैक्सी सेवा शुरू की और अब वह दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों में इस सेवा का विस्तार करने जा रही है। यह एयर टैक्सी, जिसका नाम ‘शून्य’ रखा गया है, शहरी यात्राओं के लिए एक बेहतरीन और किफायती विकल्प प्रदान करती है।
शून्य एयर टैक्सी के बारे में
‘शून्य’ एक पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से बनी छह-सीटर इलेक्ट्रिक एयर टैक्सी है। यह विमान भारत में ही विकसित किया गया है और इसका मुख्य उद्देश्य शहरी यातायात की समस्या का हल निकालना है। यह सेवा न केवल तेज़ और सुरक्षित यात्रा का अनुभव प्रदान करती है, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी है। इसकी विशेषता यह है कि यह पूरी तरह से इलेक्ट्रिक है, जिससे इसमें कोई कार्बन उत्सर्जन नहीं होता है।
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मुख्य विशेषताएं:
- अधिकतम रफ्तार: 250 किमी/घंटा
- एक बार चार्ज करने पर दूरी: 160 किमी
- आदर्श यात्रा दूरी: 20 से 40 किमी (शहरी यात्रा के लिए उपयुक्त)
दिल्ली और मुंबई में उड़ान का विस्तार
बेंगलुरु के बाद, सरला एविएशन ने दिल्ली और मुंबई में भी इस सेवा को शुरू करने की घोषणा की है। इन दोनों शहरों में भारी ट्रैफिक की समस्या अक्सर लोगों को समय की बर्बादी का शिकार बनाती है। ‘शून्य’ एयर टैक्सी सेवा इन शहरों में यात्रा को तेज़, सुरक्षित और किफायती बनाने में मदद करेगी। यह सेवा यात्रियों को मिनटों में उनके गंतव्य तक पहुँचाने में सक्षम होगी, जिससे समय की काफी बचत होगी।
2028 तक विस्तार की योजना
सरला एविएशन का लक्ष्य है कि 2028 तक ‘शून्य’ एयर टैक्सी सेवा को देश के सभी प्रमुख शहरों में व्यवसायिक रूप से शुरू किया जाए। इस सेवा के तहत, एयर टैक्सी शहरी यातायात के लिए एक वैकल्पिक और अधिक प्रभावी विकल्प बनेगी, जिससे आम आदमी को लाभ होगा और देश में हवाई परिवहन का चेहरा भी बदल जाएगा।
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पर्यावरणीय लाभ
‘शून्य’ एयर टैक्सी पूरी तरह से इलेक्ट्रिक है, और इसमें कोई कार्बन उत्सर्जन नहीं होता है, जिससे यह पर्यावरण के लिए एक साफ और सुरक्षित विकल्प है। भारत के शहरी परिवहन क्षेत्र में इस तरह की तकनीकी पहल से प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी और स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग बढ़ेगा।
चुनौतियां और भविष्य की योजनाएं
इस सेवा को देश भर में लागू करने के लिए सरला एविएशन को अभी कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। इन चुनौतियों में मुख्य रूप से सरकारी मंजूरी और आवश्यक बुनियादी ढांचे का विकास शामिल है। एयर टैक्सी सेवा के लिए हवाई अड्डों की विशेष लैंडिंग साइट्स और चार्जिंग स्टेशन जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करना होगा। हालांकि, अगर इन चुनौतियों को समय पर हल कर लिया जाता है, तो यह सेवा भारतीय हवाई परिवहन उद्योग में एक नया मोड़ ला सकती है।