भारतीय एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का चयन अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा Axiom Mission 4 (Ax-4) के लिए किया गया है। वे पहले भारतीय एस्ट्रोनॉट बनेंगे जो इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) की यात्रा करेंगे। यह भारतीय इतिहास के लिए एक ऐतिहासिक पल है। इस मिशन के लिए नासा ने मई 2025 में लॉन्च की तारीख तय की है, और शुभांशु शुक्ला इस मिशन के पायलट के रूप में कार्यभार संभालेंगे।
लखनऊ से नासा तक की यात्रा
शुभांशु शुक्ला का जन्म 10 अक्टूबर 1985 को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई लखनऊ के मोंटेसरी स्कूल से की थी। बचपन से ही उनका झुकाव तकनीकी और एविएशन क्षेत्र की ओर था। उनके स्कूलिंग के दौरान, वे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) में चयनित हुए थे।
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फाइटर पायलट से अंतरिक्ष मिशन पायलट तक
2006 में भारतीय एयरफोर्स से जुड़ने के बाद, शुभांशु ने टेस्ट पायलट के तौर पर अपनी सेवा शुरू की थी। उन्होंने MiG-21, Su-30 MKI, और Jaguar जैसे कई फाइटर जेट्स को उड़ाने का अनुभव प्राप्त किया। 2019 में, शुभांशु ने रूस के यूरी गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर से प्रशिक्षण प्राप्त किया और उसी साल उन्हें ISRO के गगनयान मिशन के लिए भी चुना गया। अब, उनका चयन नासा के Axiom Mission 4 के लिए हुआ है।
नासा मिशन में शुभांशु की भूमिका
नासा द्वारा किए गए इस ऐतिहासिक मिशन में शुभांशु शुक्ला का महत्वपूर्ण योगदान होगा। वे SpaceX Dragon spacecraft पर मिशन पायलट के रूप में कार्य करेंगे। मिशन को पहले अंतरिक्ष में यात्रा कर चुकीं पैगी व्हिटसन लीड करेंगी। इसके अलावा, इस मिशन में टिबोर कापू और सावोज उजनांस्की-विस्नीवस्की भी शामिल होंगे।
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भारतीय इतिहास में एक नई उपलब्धि
यह भारतीय एस्ट्रोनॉट्स के लिए एक नई उपलब्धि का प्रतीक है। शुभांशु शुक्ला का चयन न सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया के लिए गर्व की बात है। इस मिशन के बाद वे अंतरिक्ष के क्षेत्र में अपनी सफलता की कहानी लिखने वाले पहले भारतीय होंगे।