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Photograph: (the sootr)
New Delhi. दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ नोटिस जारी किया। यह नोटिस नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़ा हुआ है। मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली हाईकोर्ट में अपील की थी। दरअसल, राउज एवेन्यू कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पर कोई कार्रवाई करने से मना कर दिया था। इसके बाद ED ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी।
12 मार्च 2026 को सुनवाई की तारीख दी
दिल्ली हाईकोर्ट ने ED की याचिका को मंजूर करते हुए मामले की अगली सुनवाई 12 मार्च 2026 को तय की है। ED की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत में कहा कि इस मामले में अंतिम निष्कर्ष यह है कि 50 लाख रुपए के बदले आरोपियों को 2,000 करोड़ रुपए की संपत्ति हासिल हुई।
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चार्जशीट में कई बड़े नाम शामिल
ED ने अपनी चार्जशीट में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे, सुनील भंडारी और यंग इंडियन नामक कंपनी को आरोपियों के रूप में शामिल किया है। ED का कहना है कि यह एक गंभीर आर्थिक अपराध है। जबकि कांग्रेस का दावा है कि यह राजनीतिक बदला लेने का मामला है।
ED का आरोप: 50 लाख रुपए में 2,000 करोड़ रुपए की संपत्ति
ED का आरोप है कि कांग्रेस नेताओं ने मिलकर एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की 2,000 करोड़ रुपए की संपत्तियों पर कब्जा किया। यह कब्जा उन्होंने प्राइवेट कंपनी 'यंग इंडियन' के जरिए 50 लाख रुपए में किया। इस कंपनी के 76% शेयर सोनिया और राहुल गांधी के पास हैं। ED का कहना है कि इस मामले में अपराध से अर्जित आय 988 करोड़ रुपए है। संबद्ध संपत्तियों का बाजार मूल्य 5,000 करोड़ रुपए है।
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क्या है नेशनल हेराल्ड का इतिहास?
साल 1938 में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 'नेशनल हेराल्ड' अखबार शुरू किया था। इसका मकसद आजादी की लड़ाई को आवाज देना था। इसे चलाने वाली कंपनी का नाम था 'एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड' (AJL)। साल 2008 में घाटे की वजह से यह अखबार बंद हो गया।
असली विवाद तब शुरू हुआ जब 'यंग इंडियन' नाम की एक नई कंपनी बनाई गई। ED का आरोप है कि इस नई कंपनी ने AJL का अधिग्रहण कर लिया। इस अधिग्रहण के जरिए हजारों करोड़ की जमीन और बिल्डिंग्स पर कब्जा किया गया, जो कभी अखबार चलाने के लिए दी गई थीं।
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