भाजपा की जनसुनवाई पर अनिश्चितकाल के लिए लगा ब्रेक, कार्यकर्ताओं के काम करने में मंत्रियों की रुचि नहीं

राजस्थान में भजनलाल सरकार की ओर से भाजपा कार्यालय में सप्ताह में तीन दिन की कार्यकर्ता जनसुनवाई में आई रुकावट। मंत्रियों की गैर मौजूदगी पर उठने लगे सवाल। मंत्रियों ने नहीं दिखाई कोई रुचि। अब कार्यकर्ता जनसुनवाई पर लगा अनिश्चितकालीन ब्रेक।

author-image
Amit Baijnath Garg
New Update
bjp rajasthan

Photograph: (the sootr)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

Jaipur. राजस्थान में भाजपा मुख्यालय पर शुरू की गई कार्यकर्ताओं की जनसुनवाई महज पांच दिन में ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है। पार्टी ने यह फैसला मंत्रियों के व्यस्त कार्यक्रम और राजस्थान सरकार के दो साल के आयोजन के चलते लिया है। इससे पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच असंतोष और सरकार तथा संगठन के बीच तालमेल की कमी के संकेत दिए हैं।

सुनवाई की शुरुआत और समस्या

भजनलाल सरकार के गठन के बाद प्रदेश कार्यालय में कार्यकर्ता सुनवाई का दौर शुरू किया गया था, लेकिन यह कार्यक्रम काफी समय तक नहीं चल पाया। इससे पहले, भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने भी कार्यकर्ता सुनवाई की शुरुआत की थी, लेकिन मंत्रियों की अनुपस्थिति के कारण इसे महज चार दिनों में बंद करना पड़ा।

फिर शुरू किया गया प्रयास

इस बार जब मदन राठौड़ प्रदेश अध्यक्ष बने, तो फिर से जनसुनवाई का प्रयास किया गया। हालांकि एक बार फिर यह सुनिश्चित नहीं हो पाया कि मंत्री इन जनसुनवाई सत्रों में भाग लें, जिससे उनके सार्थक परिणाम निकलने में मुश्किल आई। इसके परिणामस्वरूप, पार्टी ने फिर से सुनवाई को स्थगित करने का निर्णय लिया।

डोटासरा ने CM को जोड़े हाथ : मंत्रियों की जनसुनवाई कीजिए, शेखावाटी को गंभीर होकर यमुना का पानी दिलाइए

कार्यकर्ताओं की समस्याएं और असंतोष

कार्यकर्ताओं ने अक्सर शिकायत की है कि जो समस्याएं मंत्रियों के निर्देशों पर हल होनी चाहिए, वे संगठन के पदाधिकारियों से समाधान नहीं मिल पा रही हैं। प्रदेश कार्यालय में कार्यकर्ताओं की समस्याओं को सुनने और उनका समाधान करने के लिए केवल पदाधिकारी उपस्थित थे, जबकि इस तरह की समस्याओं को मंत्री स्तर पर हल किया जाना चाहिए था। इस कारण कार्यकर्ताओं में असंतोष और नाराजगी बढ़ी है।

सप्ताह में तीन दिन सुनवाई का लक्ष्य

भजनलाल सरकार ने एक दिसंबर से कार्यकर्ताओं की सुनवाई को सप्ताह में तीन दिन करने का लक्ष्य निर्धारित किया था। इसमें दो मंत्रियों और पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों को शामिल किया जाना था। हालांकि इस योजना को सही तरीके से लागू नहीं किया जा सका। कार्यकर्ताओं को दिए गए परिवादों का फीडबैक भी नहीं मिल पाया, जिससे उनकी नाराजगी और बढ़ी।

अंता उपचुनाव में हार के बाद भाजपा कार्यालय में शुरू हुई जनसुनवाई, हर सप्ताह अलग मंत्री सुनेंगे जनता की पीड़ा

जनसुनवाई का उद्देश्य और महत्व

जनसुनवाई का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को उनकी समस्याएं सीधे सरकार तक पहुंचाने का एक मंच प्रदान करना है। यह प्रक्रिया सरकार को पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने का अवसर देती है। जनता को उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान मिलता है और सरकार अपनी नीतियों और योजनाओं को सुधारने का मौका प्राप्त करती है।

भाजपा ऑफिस में मंत्रियों की जनसुनवाई में कम संख्या में पहुंचे कार्यकर्ता, पहले दिन दो मंत्री रहे मौजूद

कांग्रेस और भाजपा के दृष्टिकोण में अंतर

भजनलाल सरकार ने पिछले साल दिसंबर में मंत्रियों को कार्यकर्ताओं की सुनवाई के लिए भेजने का निर्देश दिया था, लेकिन कांग्रेस सरकार ने इससे पहले वसुंधरा राजे के समय में इस फॉर्मूले को अपनाया था। कांग्रेस सरकार के दौरान पार्टी कार्यालय पर नियमित रूप से जनसुनवाई की जाती थी, जिसमें मंत्री भी शामिल होते थे।

अरावली पर सियासी घमासान : गहलोत के भाजपा पर गंभीर आरोप, 100 मीटर की परिभाषा पर उठाए सवाल

मंत्रियों ने नहीं दिखाई रुचि

हालांकि भाजपा सरकार ने इस प्रक्रिया को अपनाने में संकोच किया है और यही कारण है कि मंत्री अक्सर इन सुनवाइयों में भाग नहीं लेते। भाजपा के संगठन और सरकार के बीच तालमेल की कमी इस बार फिर सामने आई है, जब महज पांच दिन में कार्यकर्ता सुनवाई पर ब्रेक लगा दिया गया।

विधायक निधि में भ्रष्टाचार : अपने विधायक के जवाब से संतुष्ट नहीं भाजपा, अब अनुशासन समिति करेगी जांच

मुख्य बिंदु

  • भाजपा की जनसुनवाई पर अनिश्चितकाल के लिए लगा ब्रेक। न मंत्रियों की रुचि, ना काम। 
  • पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ता जनसुनवाई को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया गया।
  • मंत्रियों की अनुपस्थिति और संगठन व सरकार के बीच तालमेल की कमी पर सवाल उठे।
  • कार्यकर्ताओं के असंतोष का कारण समस्याओं का समाधान मंत्री स्तर पर न होना।
  • जनसुनवाई का उद्देश्य लोगों को सरकार तक अपनी समस्याएं पहुंचाने का मंच देना।
राजस्थान भजनलाल सरकार राजस्थान सरकार भाजपा मुख्यालय कांग्रेस सरकार जनसुनवाई भाजपा सरकार भाजपा की जनसुनवाई पर अनिश्चितकाल के लिए लगा ब्रेक
Advertisment