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Photograph: (the sootr)
Jaipur. राजस्थान के खींवसर से बीजेपी विधायक रेवंतराम डांगा पर विधायक निधि में भ्रष्टाचार का आरोप लगा है और पार्टी उनके जवाब से असंतुष्ट है। राजस्थान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने बताया कि रेवंतराम डांगा द्वारा नोटिस का जवाब देने के बावजूद पार्टी संतुष्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच अब बीजेपी की अनुशासन समिति द्वारा की जाएगी, जो तथ्यों की जांच करके अपना फैसला सुनाएगी।
जवाब से असंतुष्ट है पार्टी
मदन राठौड़ ने कहा कि रेवंतराम डांगा ने अपनी तरफ से स्पष्टीकरण दिया है, लेकिन पार्टी उसके जवाब से पूरी तरह संतुष्ट नहीं है। इसलिए इस मामले को अब अनुशासन समिति के पास भेजा गया है। यह समिति पूरी प्रक्रिया की गहन जांच करेगी और फिर अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश करेगी। राठौड़ ने यह भी कहा कि विधायक निधि के भ्रष्टाचार के मामले को पार्टी गंभीरता से ले रही है और इस पर सख्त कदम उठाए जाएंगे।
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विधायकों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप
बीजेपी विधायक रेवंतराम डांगा, कांग्रेस विधायक अनीता जाटव और निर्दलीय विधायक ऋतु बनावत पर विधायक निधि में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। एक अखबार के स्टिंग ऑपरेशन में यह बात सामने आई थी कि ये विधायक निधि के पैसे मंजूर करवाने के लिए कमीशन की मांग कर रहे थे।
इस खुलासे के बाद बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों ने अपने विधायकों को नोटिस जारी किया और मामले की जांच शुरू की। इसके अतिरिक्त, विधानसभा की सदाचार समिति भी इस मामले की गहन जांच कर रही है।
सदाचार समिति की जांच
शुक्रवार को सदाचार समिति ने तीनों विधायकों से पूछताछ की। इस दौरान विधायकों से विस्तृत सवाल-जवाब हुए और उन्होंने दस्तावेज पेश करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा। रेवंतराम डांगा ने 15 दिन, ऋतु बनावत ने 10 दिन और अनीता जाटव ने 7 दिन का समय मांगा। समिति अब इन तथ्यों की जांच करेगी और रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौंपेगी, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
निकाय चुनावों पर भाजपा का रुख
मदन राठौड़ ने निकाय चुनावों को लेकर मीडिया से बात की और कहा कि चुनाव सुप्रीम कोर्ट के आदेश के हिसाब से होंगे। राठौड़ ने यह भी कहा कि बीजेपी इस चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है। दरअसल, राजस्थान में निकाय चुनावों से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने निकाय चुनावों की समय-सीमा को बरकरार रखा है।
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सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने 14 नवंबर, 2025 तक राजस्थान में निकाय चुनाव करवाने का निर्णय दिया था, जिसे अब सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है। अदालत ने परिसीमन प्रक्रिया और प्रशासकों की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। अब राजस्थान में निकाय चुनाव 15 अप्रैल, 2026 तक होंगे। इस फैसले से राजस्थान सरकार और राजनीतिक दलों को चुनावी तैयारियों में तेजी लानी होगी।
अपने विधायक के जवाब से संतुष्ट नहीं भाजपा
- रेवंतराम डांगा पर विधायक निधि में भ्रष्टाचार के आरोप।
- बीजेपी डांगा के स्पष्टीकरण से असंतुष्ट। मामले की जांच अनुशासन समिति के पास भेजी।
- तीनों विधायकों ने समिति से अतिरिक्त समय मांगा है अपने दस्तावेज पेश करने के लिए।
- निकाय चुनाव 15 अप्रैल, 2026 तक कराए जाने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा।
मुख्य बिंदु
- बीजेपी ने रेवंतराम डांगा के स्पष्टीकरण से असंतुष्ट होकर इस मामले को अनुशासन समिति के पास भेजा है, जो मामले की जांच करेगी और कार्रवाई की सिफारिश करेगी।
- बीजेपी विधायक रेवंतराम डांगा, कांग्रेस विधायक अनीता जाटव और निर्दलीय विधायक ऋतु बनावत पर विधायक निधि में कमीशन लेने के आरोप लगे हैं।
- राजस्थान में निकाय चुनाव 15 अप्रैल, 2026 तक आयोजित किए जाएंगे, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में बताया।
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