किसानों का विरोध जीता : टिब्बी में एथेनॉल फैक्ट्री नहीं लगाएगी कंपनी, राइजिंग राजस्थान पर भी उठाए सवाल

राजस्थान के हनुमानगढ़ के टिब्बी में किसानों ने एथेनॉल फैक्ट्री का विरोध किया। कंपनी ने 37 दिनों के बाद निर्णय लिया कि अब फैक्ट्री राजस्थान के बाहर स्थापित होगी। कंपनी ने राजस्थान सरकार के राइजिंग राजस्थान पर भी सवाल उठाए।

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Amit Baijnath Garg
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Hanumangarh. राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के टिब्बी में प्रस्तावित एथेनॉल फैक्ट्री को लेकर किसानों का विरोध अंततः सफल हो गया। किसानों के लगातार विरोध और हाल में हुई हिंसक घटनाओं के बाद एथेनॉल फैक्ट्री के लिए जिम्मेदार कंपनी प्रबंधन ने यह निर्णय लिया है कि अब टिब्बी में फैक्ट्री नहीं लगाएंगे। इसके साथ ही कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि अब वे राजस्थान के बाहर किसी अन्य राज्य में फैक्ट्री लगाने पर विचार करेंगे।

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किसानों का विरोध क्यों था?

टिब्बी में एथेनॉल फैक्ट्री की स्थापना का स्थानीय किसानों ने तीव्र विरोध किया था। किसानों का मुख्य विरोध इस बात से था कि फैक्ट्री से जल प्रदूषण बढ़ेगा और पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। किसानों ने कई बार विरोध प्रदर्शन किए और दो बार महापंचायत भी आयोजित की। 10 दिसंबर को आयोजित महापंचायत के बाद फैक्ट्री परिसर में हिंसक घटना हुई, जिसमें तोड़फोड़ और आगजनी की गई।

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हनुमानगढ़ में एथेनॉल फैक्ट्री का विरोध

किसानों ने अपनी मांगों को लेकर राजस्थान सरकार से कई बार अनुरोध किया था। उनकी प्रमुख मांग यह थी कि टिब्बी के राठीखेड़ा में प्रस्तावित एथेनॉल फैक्ट्री का एमओयू रद्द किया जाए। इसके अलावा, किसानों के खिलाफ दर्ज किए गए मुकदमों को वापस लिया जाए। किसानों के इन आक्रामक विरोध प्रदर्शनों के बाद सरकार ने फैक्ट्री पर आपत्तियों और जल प्रदूषण की आशंका का अध्ययन करने के लिए एक कमेटी का गठन किया था।

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हिंसक घटनाएं और प्रशासन की भूमिका

10 दिसंबर को टिब्बी में महापंचायत के बाद किसानों और स्थानीय लोगों का गुस्सा चरम पर पहुंच गया था। जब पुलिस ने उन्हें फैक्ट्री परिसर में जाने से रोका, तो विरोध और उग्र हो गया। इसके बाद फैक्ट्री परिसर में तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं हुईं। कई वाहनों को आग लगा दी गई और कुछ वाहनों को तोड़ दिया गया। इसके बाद, पुलिस ने किसानों को गिरफ्तार किया और 100 से अधिक किसानों पर एफआईआर दर्ज की।

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सरकार का दृष्टिकोण और कंपनी का निर्णय

सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया और एक कमेटी का गठन किया, जिसमें विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। इस कमेटी ने फैक्ट्री के पर्यावरणीय प्रभाव और जल प्रदूषण पर विचार किया। इसके बाद, कंपनी ने राजस्थान के बाहर एथेनॉल फैक्ट्री लगाने का निर्णय लिया। कंपनी ने यह भी कहा कि कई अन्य राज्य सरकारें उन्हें निवेश के लिए प्रस्ताव दे रही हैं।

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राइजिंग राजस्थान पर उठाए सवाल

कंपनी प्रबंधन ने राजस्थान सरकार के राइजिंग राजस्थान कार्यक्रम पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अगर राज्य में इस तरह का विरोध होता है, तो यहां निवेश कैसे आएगा? कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि वह अब राजस्थान में कोई नया प्रोजेक्ट शुरू नहीं करेंगे और अन्य राज्यों में निवेश करने का विचार कर रहे हैं।

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मुख्य बिंदु

  • हनुमानगढ़ के किसानों ने फैक्ट्री के कारण जल प्रदूषण बढ़ने और पर्यावरणीय प्रभाव की आशंका को लेकर विरोध किया।
  • राज्य सरकार ने फैक्ट्री पर आपत्तियों की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया और बाद में कंपनी ने राजस्थान के बाहर फैक्ट्री लगाने का निर्णय लिया।
  • कंपनी ने कहा कि राज्य में निवेश के लिए अनुकूल माहौल नहीं है, जब किसानों का विरोध होता है और परियोजनाओं में अड़चनें आती हैं। अब टिब्बी में एथेनॉल फैक्ट्री नहीं लगाएगी कंपनी।
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