खाद की कालाबाजारी में राजस्थान तीसरे और छत्तीसगढ़ पांचवें नंबर पर,जमाखोरी में एमपी का तीसरा स्थान

देश में खाद की किल्लत का सबसे बड़ा कारण उसकी कालाबाजारी और जमाखोरी है। देशभर में खाद की कालाबाजारी, जमाखोरी और गलत जगह सप्लाई के खिलाफ कार्रवाई हो रही है। खाद की कालाबाजारी में राजस्थान तीसरे और छत्तीसगढ़ पांचवें स्थान पर है।

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Arun Tiwari
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Raipur. देश में खाद की किल्लत का सबसे बड़ा कारण उसकी कालाबाजारी और जमाखोरी है। देशभर में खाद की कालाबाजारी, जमाखोरी और गलत जगह सप्लाई के खिलाफ कार्रवाई हो रही है। खाद की कालाबाजारी में राजस्थान तीसरे और छत्तीसगढ़ पांचवें स्थान पर है।

जबकि खाद की जमाखोरी में मध्यप्रदेश का स्थान तीसरा है। केंद्र सरकार ने लोकसभा में आंकड़े पेश किए है। जिसके अनुसार, 1 अप्रैल से 28 नवंबर 2025 के बीच राज्य में खाद की कालाबाजारी पर 294 खाद विक्रेताओं को नोटिस जारी किए गए।  

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खाद की कालाबाजारी में ये राज्य आगे : 

केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, कालाबाजारी में नंबर एक पर उत्तरप्रदेश है। उत्तर प्रदेश में खाद की कालाबाजारी, खराब क्वालिटी, गलत जगहों पर सप्लाई जैसे मामले में 197 एफआईआर दर्ज की गईं, जो देश में सबसे ज्यादा है।

राजस्थान 46 एफआईआर और 589 नोटिस के साथ तीसरे स्थान पर है। वहीं छत्तीसगढ़ पांचवें नंबर पर है। यहां 8 महीने में 294 को नोटिस,13 लाइसेंस रद्द, 4 FIR, दर्ज की गई हैं। 

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जमाखोरी में ये राज्य आगे : 

खाद की घटिया क्वॉलिटी के मामलों में सबसे ज्यादा नोटिस जारी करने वाले राज्यों में महाराष्ट्र पहले नंबर पर और एमपी तीसरे नंबर पर है। महाराष्ट्र ने खाद की खराब गुणवत्ता के मामलों में 1139 नोटिस जारी किए हैं।

दूसरे नंबर पर ओडिशा ने 107 और तीसरे नंबर पर एमपी में 44 नोटिस जारी किए गए हैं। खाद की गलत जगह सप्लाई करने के मामले में एमपी देश में पहले नंबर पर है।

ऐसे मामलों में एमपी में 631 नोटिस जारी किए गए और 160 खाद विक्रेताओं के लाइसेंस सस्पेंड या रद्द करने की कार्रवाई हुई है। एमपी में इस तरह के मामलों में 15 एफआईआर दर्ज की गई। खाद की घटिया क्वालिटी के मामले में मध्यप्रदेश दूसरे नंबर पर है। 

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खाद की किल्लत पर छत्तीसगढ़ में हुआ था हंगामा : 

छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान कांग्रेस ने खाद की उपलब्धता, वितरण व्यवस्था और कालाबाजारी को लेकर सरकार पर सवाल उठाते हुए जमकर हंगामा किया था। विपक्ष ने आरोप लगाया कि, किसानों को समय पर खाद नहीं मिल पा रही है और अवैध तरीके से इसकी जमाखोरी की जा रही है।

2 सितंबर 2025 को छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले में खाद की किल्लत और कालाबाजारी के विरोध में AAP ने प्रदेशव्यापी आंदोलन किया था। सक्ती जिले के कचहरी चौक पर पार्टी कार्यकर्ताओं और किसानों ने धरना-प्रदर्शन कर सरकार की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की।

कलेक्टर को आवेदन देकर समस्या समाधान नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी थी। AAP के आंदोलन पर कृषि विभाग की टीम ने खाद विक्रेताओं का अचानक निरीक्षण किया। 

इस कार्रवाई में तीन दुकानों में अनियमितताएं पाई गईं। ऐसे में दुकान संचालकों को नोटिस जारी कर 7 दिनों में जवाब मांगा। 4 सितंबर 2025 को रायगढ़ जिले में किसानों ने खाद की मांग को लेकर विरोध जताया था।

खरसिया कांग्रेस के पदाधिकारियों ने समर्थन किया। ऐसे में कांग्रेस कार्यालय से रैली निकालकर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा गया। साथ ही 5 दिन के भीतर खाद की किल्लत दूर करने की मांग की। कांग्रेस ने प्रदेश स्तरीय प्रदर्शन किया।

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