एलन मस्क की Neuralink कंपनी ने एक बड़ा ऐलान किया है, जो तकनीकी दुनिया में एक और क्रांतिकारी कदम साबित हो सकता है। कंपनी ने Blindsight चिप का इम्प्लांट इंसान में 2025 के अंत तक करने की योजना बनाई है। यह चिप पूरी तरह से अंधे लोगों को देखने में सक्षम बनाएगी, जो पहले संभव नहीं था।
Blindsight चिप एक आर्टिफिशियल विज़ुअल प्रोस्थेसिस है, जो सीधे दिमाग के विज़ुअल कॉर्टेक्स में इम्प्लांट की जाएगी। यह एक माइक्रोइलेक्ट्रोड चिप है, जो बाहरी कैमरे से प्राप्त सिग्नल को प्रोसेस करके दिमाग में विज़ुअल इमेज बनाती है। इससे उन लोगों के लिए भी देखने की क्षमता प्राप्त हो सकेगी जिनकी ऑप्टिक नर्व खराब हो चुकी है या जिनकी आंखें नहीं हैं।
Blindsight चिप का कार्यप्रणाली
यह चिप दिमाग के विज़ुअल कॉर्टेक्स में इलेक्ट्रोड्स के माध्यम से न्यूरॉन्स को स्टिमुलेट करती है। यह बाहरी कैमरे से प्राप्त डेटा को प्रोसेस करती है और दिमाग में विज़ुअल इमेज बनाती है। शुरुआत में यह चिप लो-रिज़ॉल्यूशन इमेज दिखाएगी, जैसे कि Atari Graphics, लेकिन समय के साथ यह सुपरह्यूमन विज़न में विकसित हो सकती है।
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पहला इंसानी ट्रायल कब होगा
एलन मस्क ने घोषणा की है कि 2025 के अंत तक Neuralink पहला इंसानी ट्रायल करने की योजना बना रही है। पहले मंकी ट्रायल सफल रहे हैं, और अब इंसानों पर टेस्टिंग की तैयारी चल रही है। सितंबर 2023 में FDA (अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन) ने इसे ‘Breakthrough’ मेडिकल डिवाइस का दर्जा दिया था, जो इस तकनीक की सफलता का बड़ा संकेत है।
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क्या यह पूरी तरह से अंधेपन का इलाज होगा
Blindsight चिप तकनीक अंधेपन के लिए एक बड़ा कदम है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह अभी केवल एक सहायक डिवाइस होगी। Illinois Institute of Technology के प्रोफेसर Philip Troyk के अनुसार, यह गाइड डॉग और वॉकींग केन की जगह नहीं लेगी, बल्कि इनके साथ मिलकर काम करेगी। एलन मस्क का दावा है कि भविष्य में यह चिप ‘सुपरह्यूमन विज़न’ प्रदान कर सकती है, जो लोगों को अधिक स्पष्ट और विस्तृत दृष्टि देगी।
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मेडिकल साइंस में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी !
अगर यह चिप सफल होती है, तो यह मेडिकल साइंस और न्यूरोटेक्नोलॉजी में ऐतिहासिक क्रांति साबित हो सकती है। पहली बार पूरी तरह से अंधे लोग भी दुनिया को देख सकेंगे। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल इसे पूर्ण इलाज कहना जल्दबाजी होगी। Neuralink का अगला बड़ा कदम इंसानी ट्रायल्स के नतीजे होंगे, जिनसे यह तय होगा कि चिप कितनी प्रभावी है और इसका भविष्य क्या हो सकता है।
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