इंदौर के सरकारी स्कूलों में कल लगेगी कलेक्टर और कमिश्नर सर की पाठशाला

मध्य प्रदेश शासन के निर्देशानुसार ‘स्कूल चले हम अभियान’ 1 अप्रैल से 4 अप्रैल 2025 तक पूरे प्रदेश में संचालित किया जाएगा। इस अभियान का उद्देश्य बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक करना और सरकारी स्कूलों में नामांकन को बढ़ावा देना है।

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Vishwanath Singh
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इंदौर जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए कल 2 अप्रैल 2025 का दिन काफी खास रहने वाला है। खास इसलिए क्योंकि सरकारी स्कूलों में इंदौर जिले के सरकारी अफसर बच्चों के बीच पहुंचेंगे और उन्हें पढ़ाएंगे। इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह सुबह मूसाखेड़ी स्थित सीएम राइज स्कूल में पढ़ाने पहुंचेंगे तो नगर निगम कमिश्नर शिवम वर्मा पोलोग्राउंड स्थित सीएम राइज स्कूल अहिल्या आश्रम क्र.1 में बच्चों की क्लास लेंगे। डीएफओ प्रदीप मिश्रा कुलकर्णी का भट्‌टा स्थित मिडिल स्कूल पहुंचेंगे तो अपर कलेक्टर गौरव बैनल महाराणा प्रताप नगर स्थित सरकारी हायर सेकंडरी स्कूल में बच्चों की क्लास लेते देखा जा सकेगा। इंदौर जिले के कुल 168 अफसराें को अलग–अलग सरकारी स्कूल में जाकर एक पीरियड पढ़ाने की जिम्मेदारी मिली है। 

4 अप्रैल तक पूरे प्रदेश में चलेगा अभियान

मध्यप्रदेश शासन के निर्देशानुसार ‘स्कूल चले हम अभियान’ 1 अप्रैल से 4 अप्रैल 2025 तक पूरे प्रदेश में संचालित किया जाएगा। इस अभियान का उद्देश्य बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक करना और सरकारी स्कूलों में नामांकन को बढ़ावा देना है। इसके तहत, इंदौर जिला प्रशासन ने एक विशेष पहल करते हुए शहर के वरिष्ठ अधिकारियों को विभिन्न सरकारी स्कूलों की जिम्मेदारी सौंपी है, ताकि वे स्वयं स्कूलों का दौरा कर बच्चों से संवाद कर सकें और शिक्षा की महत्ता पर प्रकाश डाल सकें।

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भविष्य से भेंट नाम दिया कार्यक्रम को

जिला कलेक्टर कार्यालय द्वारा 31 मार्च 2025 को जारी आदेश के अनुसार, ‘भविष्य से भेंट’ कार्यक्रम के तहत इंदौर के विभिन्न शासकीय विद्यालयों में प्रशासनिक अधिकारी 2 अप्रैल को उपस्थित रहेंगे। इस दौरान, वे छात्रों को शिक्षा के प्रति प्रेरित करेंगे और उनसे सीधा संवाद स्थापित करेंगे। इस अभियान का मकसद न केवल बच्चों में पढ़ाई को लेकर रुचि बढ़ाना है, बल्कि उनके अभिभावकों को भी सरकारी स्कूलों की सुविधाओं से अवगत कराना है।

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कलेक्टर ने जारी किए आदेश

इंदौर कलेक्टर कार्यालय के आदेशानुसार, शहर के कई वरिष्ठ अधिकारियों को अलग-अलग स्कूलों की जिम्मेदारी दी गई है, जिनमें जिला कलेक्टर, नगर निगम आयुक्त, अतिरिक्त कलेक्टर, वन विभाग अधिकारी, नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त, सीईओ स्मार्ट सिटी, सीईओ आईडीए और सीईओ जिला पंचायत शामिल हैं।

ये अफसर यहां पढ़ाएंगे

कलेक्टर आशीष सिंह को सीएम राइज सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, मूसाखेड़ी आवंटित किया गया है।
नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा को सीआरएस गवर्नमेंट गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल, अहिल्या आश्रम परिसर का दौरा करना होगा।
वन विभाग के डीएफओ प्रदीप मिश्रा को गवर्नमेंट मिडिल स्कूल, लसूडिया कमाता भेजा गया है।
अतिरिक्त कलेक्टर गौरव बेनाल को गवर्नमेंट गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल, महाराणा प्रताप नगर सौंपा गया है।
सीईओ स्मार्ट सिटी दिव्यांक सिंह को गवर्नमेंट हाई स्कूल, बीएसएस राउ का दौरा करना होगा।
अतिरिक्त आयुक्त नगर निगम अभिलाष मिश्रा को गवर्नमेंट मिडिल स्कूल, गौतमपुरा भेजा गया है।
अतिरिक्त आयुक्त नगर निगम रोहित सिसोदिया को गवर्नमेंट शारदा गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल, बड़ा गणपति की जिम्मेदारी दी है।
सीईओ जिला पंचायत सिद्धार्थ जैन को सीएम राइज हायर सेकेंडरी स्कूल, एमएस गोड लाइन आवंटित किया गया है।
अतिरिक्त कलेक्टर ज्योति शर्मा को गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, अत्रेवीड, सुदामा नगर भेजा गया है।
सीईओ आईडीए रामप्रकाश अहिरवार को गवर्नमेंट मिडिल स्कूल, पिपल्याराव भेजा गया है।
अतिरिक्त कलेक्टर रोशन राय को गवर्नमेंट उन्नत मिडिल स्कूल, नंबर 108, सुभाष नगर आवंटित किया गया है।
अतिरिक्त कलेक्टर निष्ठा डामोर को गवर्नमेंट गर्ल्स मिडिल स्कूल, नंबर 20, खजराना भेजा गया है।
डिप्टी कलेक्टर प्रियंका चौरसिया को गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, किला मैदान का दौरा करना होगा।
अतिरिक्त कलेक्टर एवं डिप्टी इलेक्शन ऑफिसर राजेंद्र सिंह रघुवंशी को गवर्नमेंट उर्दू मिडिल स्कूल, ताज नगर, खजराना की जिम्मेदारी दी गई है।
एसडीएम मल्हारगंज निधि वर्मा को गवर्नमेंट नवीन मिडिल स्कूल, राजेंद्र नगर सौंपा गया है।

यह होगा अभियान में खास

इस अभियान के तहत अधिकारी स्वयं स्कूलों में जाकर बच्चों से बातचीत करेंगे और उन्हें शिक्षा के महत्व के बारे में समझाएंगे। इस दौरान, अधिकारी स्कूल में उपलब्ध सुविधाओं का भी जायजा लेंगे और अगर किसी प्रकार की कमी होगी तो उसे उच्च अधिकारियों तक पहुंचाने का कार्य करेंगे। इसके अलावा, अधिकारी स्कूलों में एक घंटे का संवाद कार्यक्रम करेंगे, जिसमें वे बच्चों को प्रेरित करने के लिए अपने जीवन के प्रेरणादायक प्रसंग साझा करेंगे। इससे न केवल बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ेगा, बल्कि वे अपने लक्ष्य के प्रति अधिक गंभीर होंगे।

शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने की पहल

‘स्कूल चले हम अभियान’ का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारना और सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ाना है। कई बार देखा गया है कि सरकारी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम होती है और निजी स्कूलों की तुलना में वहां प्रवेश लेने वाले छात्रों की संख्या कम होती है। ऐसे में यह पहल सरकारी स्कूलों को अधिक प्रभावी बनाने और शिक्षा के प्रति अभिभावकों को जागरूक करने के लिए की जा रही है। इस अभियान के जरिए प्रशासन यह संदेश देना चाहता है कि सरकारी स्कूलों में भी उच्च स्तरीय शिक्षा दी जा सकती है, बशर्ते वहां संसाधन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हों और शिक्षकों की भूमिका को प्रभावी बनाया जाए।

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अभियान से जुड़ी अन्य योजनाएं भी बताएंगे

इस अभियान के अंतर्गत न केवल सरकारी स्कूलों में नामांकन को बढ़ावा दिया जाएगा, बल्कि विभिन्न सुविधाओं में सुधार लाने के लिए भी अधिकारियों को रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। जिन स्कूलों में आधारभूत सुविधाओं की कमी होगी, वहां सुधार कार्य किए जाएंगे और छात्रों को बेहतर शैक्षिक माहौल उपलब्ध कराया जाएगा। अभिभावकों को भी इस अभियान से जोड़ा जाएगा ताकि वे अपने बच्चों की शिक्षा को लेकर अधिक गंभीर हों और सरकारी स्कूलों में प्रवेश लेने के लिए प्रेरित हों।

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प्रशासन का लक्ष्य

जिला प्रशासन का लक्ष्य है कि इस अभियान के माध्यम से सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या में वृद्धि हो और शिक्षा का स्तर बेहतर किया जा सके। अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि वे स्कूलों में जाकर वास्तविक स्थिति का निरीक्षण करें और आवश्यक सुधारों के लिए अपनी सिफारिशें दें।

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जब छोटे बच्चों के साथ दरी पर ही बैठ गए थे कलेक्टर

इंदौर में स्कूल चले अभियान के तहत पिछले साल भी कलेक्टर आशीष सिंह, निगम कमिश्नर शिवम वर्मा ने सरकारी स्कूलों में जाकर बच्चों को पढ़ाया था। खास बात यह रही कि कलेक्टर नवीन मालव कन्या विद्यालय में क्लास में नीचे बच्चों के साथ दरी पर बैठे और पढाया था। उन्होंने बच्चों को अनुशासन और मेहनत के साथ पढ़ाई के लिए प्रेरित किया।

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कलेक्टर ने बच्चों से सांझा की थी आईएएस बनने की कहानी

कलेक्टर ने छात्रों के बीच अपने आईएस बनने का सफर को बताया। कलेक्टर ने कहा कि मेरे पिताजी का शुरू से सपना था कि मैं यूपीएससी फेस करूं। आपको किताबें, अखबार पढ़ना चाहिए। जब मैं गांव में रहता था तो उस समय लाइट नहीं रहती थी। जब में 12वीं में गया तो तब हमारे गांव में लाइट आई थी। तब रेडियो और बीबीसी हिन्दी चैनल का दौर था। उसमें एक कार्यक्रम आता था। जब आप यूपीएससी करते हो तो जनरल नॉलेज बहुत महत्वपूर्ण होता है। मैं इसके लिए दिल्ली गया, कोचिंग की और मेरा सिलेक्शन हुआ। आप लोगों को क्या बनना चाहिए यह अभी से दिमाग में होना चाहिए। खास तौर पर जब आप 11वीं, 12वीं में हो तो अपना लक्ष्य तय करो। लक्ष्य के हिसाब से मेहनत करो। 

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