इंदौर में मल्हारगंज तहसील ऑफिस शिफ्टिंग में मनोज नहीं चाहते, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय आए
विधायक मनोज पटेल के समर्थकों के अनुसार पटेल कुछ दिन पूर्व प्रशासनिक अफसरों से इस कार्यालय के उद्घाटन को लेकर मिलने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा था कि कार्यालय मेरी विधानसभा में आता है
इंदौर का मल्हारगंज तहसील कार्यालय बनकर तैयार है, लेकिन उसके उद्घाटन को लेकर बीजेपी नेताओं के बीच घमासान मच गया है। देपालपुर विधायक मनोज पटेल चाहते हैं कि उनके अलावा कोई और नेता इस उद्घाटन कार्यक्रम में नहीं आए। खासकर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और उनके गुट की दूरी रहे। वहीं, अन्य विधानसभा के नेता भी कार्यक्रम को लेकर अपनी दावेदारी दिखा रहे हैं। जिलाध्यक्ष ग्रामीण बीजेपी श्रवण सिंह चावड़ा ने तो यहां तक कह दिया कि भौगोलिक स्थिति के हिसाब से तो देपालपुर के अलावा और भी विधानसभाएं लगती हैं। ऐसे में बाकी क्षेत्र के नेताओं का भी कार्यक्रम में आना बनता है।
पटेल ने अधिकारियों के सामने रख दी शर्त
विधायक मनोज पटेल के समर्थकों के अनुसार पटेल कुछ दिन पूर्व प्रशासनिक अफसरों से इस कार्यालय के उद्घाटन को लेकर मिलने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा था कि कार्यालय मेरी विधानसभा में आता है तो फिर इसके उद्घाटन के कार्यक्रम में बाकी नेताओं का क्या काम है। उन्होंने उठते–उठते यहां तक कह दिया कि अगर किसी और नेता को इस कार्यक्रम में बुलाया तो फिर मैं नहीं आऊंगा। इस पर प्रशासनिक अफसर पशोपेश में पड़ गए हैं और इस कार्यालय के उद्घाटन की तारीख तय नहीं हो पा रही है।
असल में मल्हारगंज के जिस तहसील कार्यालय को सुपर कॉरिडोर पर शिफ्ट किया जा रहा है, उसमें 5 विधानसभा क्षेत्रों के गांव लग रहे हैं। मल्हारगंज विधानसभा 1 में आता है, जो मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की विधानसभा है। सुपर कॉरिडोर पर जहां इसे तैयार किया गया है, वह देपालपुर विधानसभा में आता है, जहां से विधायक मनोज पटेल हैं। इसके अलावा इस तहसील कार्यालय में कुछ गांव विधायक रमेश मेंदोला की विधानसभा दो से और साथ ही मंत्री तुलसी सिलावट की विधानसभा सांवेर और विधायक मधु वर्मा की विधानसभा राऊ के भी आते हैं।
सूत्रों की मानें तो मल्हारगंज तहसील कार्यालय के उद्घाटन में जिस तरह से राजनीतिक अखाड़ा खड़ा हो गया है, उसको लेकर अब प्रशासनिक अफसर किसी विवाद में पड़ने के मूड में नहीं हैं। वे अब इसका उद्घाटन सीएम डॉ. मोहन यादव से करवा कर पूरे विवाद को ही खत्म करना चाहते हैं। असल में पिछले दिनों रेवती में आयोजित एक कार्यक्रम में सीएम यादव आए भी थे, लेकिन उनकी व्यस्तता काफी अधिक होने से वे समय नहीं निकाल पाए और कार्यालय का उद्घाटन रह गया।
विधानसभा चुनाव में इंदौर की सभी नौ सीट जीतने के बाद बीजेपी दफ्तर में हुए सम्मान समारोह में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी शिरकत करने पहुंचे। कार्यक्रम के दौरान कैलाश विजयवर्गीय ने देपालपुर विधायक मनोज पटेल पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ''इस बार का विधानसभा चुनाव काफी टफ था, लेकिन जिस तरह से परिणाम आए, उससे मनोज पटेल जैसे लोग भी जीत गए।'' इसके बाद पटेल समर्थकों ने विरोध में पुतले फूंके। कार्यकर्ताओं का कहना था कि विजयवर्गीय पर ऐसी टिप्पणी शोभा नहीं देती। उल्लेखनीय है कि पटेल पूरी तरह से पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के समर्थक हैं और उन्हीं के चलते बीता चुनाव हारने के बाद भी उन्हें बीजेपी ने टिकट दिया था।
गौरतलब है कि मनोज और कैलाश के बीच की तनातनी पिछले दिनों तब भी उजागर हो गई थी, जबकि इंदौर के जिला अध्यक्ष के नाम को लेकर नेताओं से चर्चा हो रही थी। उस दौरान भी विधायक पटेल ने कैलाश के समर्थक चिंटू वर्मा के नाम को लेकर विरोध दर्ज करवाया था और किसी अन्य व्यक्ति का नाम आगे कर दिया था। इसके चलते चिंटू की छुट्टी हो गई।
भौगोलिक स्थिति के हिसाब से तो दूसरी विधानसभाएं भी लगती हैं
इस संबंध में भाजपा के जिला अध्यक्ष श्रवण सिंह चावड़ा का कहना है कि भवन भले ही सुपर कॉरिडोर के पालाखेड़ी में आता है, लेकिन भौगोलिक स्थिति के हिसाब से तो यह कई अन्य विधानसभाओं में आता है। इसमें सांवेर, 1 नंबर और 2 नंबर विधानसभा भी लगती है और उनके गांव के लोगाें के काम भी इसमें होंगे। ऐसे में वहां के नेताओं को भी इसके उद्घाटन में कार्यक्रम में शामिल करना चाहिए। विधायक मनोज पटेल ऐसा क्यों बोल रहे हैं ये तो वे ही जानें।
कॉल और मैसेज किए पर नहीं दिया जवाब
इसके संबंध में विधायक मनोज पटेल से उनका पक्ष जानने के लिए 10 से ज्यादा बार कॉल और मैसेज किए, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। साथ ही उनके समर्थकों को भी कॉल करके विधायक पटेल से बात करने को लेकर कहा, लेकिन पटेल ने उसका भी कोई जवाब नहीं दिया।