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पूर्व लोकसभा स्पीकर व इंदौर की पूर्व सांसद सुमित्रा महाजन के बेटे मिलिंद महाजन के शोरूम पर हुए तोड़फोड़ कांड को लेकर द सूत्र अब एक बड़ा खुलासा कर रहा है। इस मामले में महाजन के साथ ही मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, सीपी (पुलिस कमिशनर इंदौर) संतोष सिंह के साथ ही जोन के डीसीपी, एसीपी, टीआई आजादनगर सभी कठघरे में आ गए हैं और इन पर गंभीर आरोप हाईकोर्ट में लगे हैं।
बीजेपी नेता प्रताप करोसिया के भतीजे सौरभ की अपील
महाजन के बेटे मिलिंद महाजन के आजादनगर स्थित शोरूम मिडवेस्ट ऑटोमोबाइल प्रालि पर 6 दिसंबर को हुई तोड़फोड़ मामले में सौरभ करोसिया व अन्य पर गंभीर आरोप लगे। सौरभ BJP नेता प्रताप करोसिया का भतीजा है। प्रताप करोसिया मध्य प्रदेश राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष हैं और इन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी प्राप्त है। वहीं शोरूम के मैनेजर के आवेदन पर 6 दिसंबर को उन पर विविध धाराओं में केस दर्ज हुआ। फिर नेताओं के दखल के बाद इसमें 9 दिसंबर को गैर जमानती धाराएं बढ़ीं और इन्हें गिरफ्तार कर कान पकड़कर माफी मंगवाई गई और जुलूस निकाला। अब इस मामले में सौरभ करोसिया ने हाईकोर्ट में एक रिट अपील दायर की है, जिसमें पक्षकारों से जवाब मांगा गया है।
सौरभ ने इन्हें बनाया पक्षकार
सौरभ की अपील में राज्य शासन सचिव गृह मंत्रालय, डीजीपी, सीपी संतोष सिंह, डीसीपी विनोद कुमार, एसीपी आजाद नगर आशीष पटेल, टीआई आजादनगर नीराज मेढा, होम गार्ड जावेद खान, अर्चक कृष्णा पटेल, हेड कांस्टेबल प्रदीप पटेल और शोरूम के मैनेजर भूषण दीक्षित और सिद्दांत को पक्षकार बनाया गया है।
सौरभ ने लगाए कमोड से यूरीन पिलाने के आरोप
करोसिया ने हाईकोर्ट में लगाए गए आवेदन में पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। करोसिया ने आरोप लगाते हुए कहा है कि- पुलिस ने अवैधानिक तौर पर हथकड़ी लगाई और पहले शोरूम पर और फिर मोहल्ले में अवैधानिक परेड निकलवाई। पुलिस मुझे शोरूम के सर्विस स्टेशन तक ले गई और यहां सर्विस स्टेशन के वॉशरूम में ले गए और मुझे कमोड से यूरिन पीने के लिए मजबूर किया और इस काम के लिए शोरूम के भूषण और सिद्धांत की मदद ली गई। सभी ने मुझे भंगी कहकर संबोधित किया। आपको बता दें कि इस मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई के बाद पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।
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ताई और भाई और सवर्ण नेताओं पर यह लगाए आरोप
करोसिया ने अपने आवेदन में साफ तौर पर लिखा है कि- पहले उन पर 6 दिसंबर को एफआईआर हुई। पहले 3(5), 115 (2), 296, 324(4), 351(2) में धाराएं लगीं। यह केस भी बिना जांच के हुआ। इसके बाद सुमित्रा महाजन पूर्व सांसद व पूर्व स्पीकर और मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के कहने पर सीपी संतोष सिंह ने इंदौर पुलिस मुख्यालय पर उनके समर्थक बीजेपी से जुड़े लोगों को पुलिस मुख्यालय इंदौर पर बुलाकर चाय-नाश्ते के साथ दलित युवाओं के खिलाफ जनसुनवाई की। इसमें मंत्री और पूर्व सांसद के समर्थक बिजनेसमैन और नेता जो सवर्ण समाज के हैं, उनके द्वारा धाराएं बढ़ाने की मांग की गई। इसके बाद सीपी संतोष सिंह ने सवर्ण नेताओं के कहने पर दलित युवाओं की जमानत नहीं हो ऐसी धाराएं लगाने के आदेश दिए और फिर धारा 190(1), 191(2) और 308(5) लगा दी। साथ ही सवर्ण नेताओं ने मांग की कि इन दलितों को रिमांड लिया जाए, इस पर पांच दिन का हमारा रिमांड लिया गया। फिर इन नेताओं ने यह भी कहा कि रिमांड के दौरान इनका जुलूस निकाला जाए। इसके बाद पुलिस ने इन सभी मांगों को मानते हुए जुलूस भी निकाला।
एसटी-एसटी एक्ट के खिलाफ है, खुद ही सजा दे दी पुलिस ने
अपील में कहा गया कि सार्वजनिक जुलूस निकालकर उन्हें अपमानित किया गया, साथ ही कान पकड़कर माफी मांगने के लिए भी कहा गया, यानी हमें बिना ट्रायल के ही पुलिस ने अपने स्तर पर ही अपराधी मानकर सजा सुना दी। हथकड़ी भी लगाई गई। एसटी-एसटी एक्ट 1989 के तहत यह गंभीर अपराध है। हमारे मौलिक अधिकारों का हनन किया गया। डंडे के जोर पर जुलूस निकाला गया। क्योंकि हम दलित समाज के थे, मैं खुद वाल्मिकी समाज से हूं और सफाईकर्मी हूं इसलिए हमें प्रताड़ित किया गया। वह भी सवर्ण नेताओं के कहने पर और उनके दबाव में।
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प्रताप करोसिया के लिए यह कहा
सौरभ ने यह भी कहा कि मेरे चाचा बीजेपी के नेता होकर सफाई कामगार आयोग के अध्यक्ष होकर कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त है और वह सामाजिक एक्टिविस्ट हैं और निम्न वर्ग के उत्थान के लिए हमेशा सक्रिय होकर काम करते हैं।
मिलिंद महाजन पर भी लगाए आरोप
इस मामले में मिलिंद महाजन पर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं। करोसिया ने अपील में कहा है कि महाजन की कंपनी से पानी का टैंकर लिया था, जो भारत सरकार की योजना के तहत फाइनेंस में था। सप्लायर ने चार फ्री सर्विस का बोला था। हमने टैंकर सर्विस के लिए दिया था। जब लेने गया तो मैनेजर ने अधिक राशि का बिल बनाया। और राशि मांगी। हमने फ्री का कहा माने नहीं। विवाद किया। मारपीट और थप्पड़ मारे। महाजन द्वारा हमेशा अधिक राशि मांगी जाती है। इनके साथी अतुल द्वारा इस स्कीम में टैंकर खरीदी में 1.5-2 लाख की मांग की जाती है।
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हाईकोर्ट से यह तीन मांग की गई- सभी पर हो एफआईआर
इस अपील में तीन मांग की गई है।
- पक्षकार 3 से 11 तक ने षडयंत्र रचा और परेड निकाली। सार्वजनिक तौर पर अपमानित किया गया। इन सभी की विभागीय जांच के लिए गृह विभाग को आदेश दिए जाएं।
- डीजीपी, सीपी, डीसीपी, एसीपी, टीआई से लेकर शोरूम के मैनेजर तक सभी के खिलाफ एसटी-एसी एक्ट में केस दर्ज किया जाए।
- मानसिक प्रताड़ना के लिए पांच लाख का मुआवजा दिया जाए।
यह हुआ था पूरा कांड
इस मामले में शोरूम के मैनेजर भूषण ने आजादनगर थाने में केस दर्ज कराया। इसमें आरोप था कि बिना बिल राशि दिए सौरभ टैंकर लेकर जा रहा था, जब रोका तो विवाद किया और उसने व उनके साथियों ने शोरूम को तोड़ा, मारपीट की और मुझे व गार्ड को हटाकर गाड़ी लेकर गया। बाद में आजादनगर थाने में 6 दिसंबर को ही केस दर्ज हो गया। लेकिन इससे राजनीतिक हंगामा मच गया क्योंकि मामला ताई महाजन से जुड़ा था। फिर समर्थक जमा हुए और 9 दिसंबर को सीपी से मिले, इस दौरान मंत्री विजयवर्गीय ने भी सीपी को फोन किया। इसके बाद धाराएं बढ़ी, आरोपी करोसिया के साथ अभय, मोहित, साहिल और तरुण को गिरफ्तार किया गया और फिर 10 दिसंबर को उनका जुलूस पहले शोरूम पर फिर उनके मोहल्ले में निकाला गया।
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